रांची: युवाओं के लिए हेमंत सरकार ने झारखंड स्थापना दिवस पर एक साथ चार योजनाओं की शुरुआत की है (Hemant government Launch special scheme for students ). मुख्यमंत्री सारथी योजना, मुख्यमंत्री शिक्षा प्रोत्साहन योजना, गुरुजी क्रेडिट कार्ड योजना और एकलब्य प्रशिक्षण योजना. इन योजनाओं के जरिए ना सिर्फ युवाओं को हुनरमंद बनाया जाएगा बल्कि रोजगार नहीं मिलने पर उन्हें प्रोत्साहन शाशि भी दी जाएगी.
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मुख्यमंत्री सारथी योजना के तहत झारखंड के युवाओं को ना केवल हुनरमंद बनाया जाएगा बल्कि रोजगार नहीं मिलने पर सरकार उन्हें प्रोत्साहन राशि भी प्रदान करेगी. इस योजना के तहत प्रखंड स्तर पर कौशल विकास के तहत प्रशिक्षण दिया जाएगा. गैर आवासीय प्रशिक्षण कार्य के लिए ट्रांसपोर्ट भत्ता के रूप में प्रत्येक प्रशिक्षणार्थियों को सरकार 1000 रुपया प्रदान करेगी, जबकि आवासीय प्रशिक्षण लेने के बाद तीन महीने तक रोजगार नहीं मिलने पर सरकार द्वारा अधिकतम एक वर्ष तक प्रोत्साहन भत्ता भी प्रदान करेगी, जिसके तहत पुरुष प्रशिक्षणार्थियों को एक हजार रुपया प्रतिमाह और लड़कियों या दिव्यांग को डेढ हजार रुपया प्रतिमाह एक वर्ष तक दी जाएगी.
मुख्यमंत्री शिक्षा प्रोत्साहन योजना: राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री शिक्षा प्रोत्साहन योजना के तहत झारखंड के विद्यार्थियों को इंजिनियरिंग, मेडिकल ,लॉ, मास कम्युनिकेशन, फैशन डिजाइनिंग, होटल मैनेजमेंट, चार्टर्ड अकाउंटेंट यानी सीए, आईसीडब्ल्यूए से संबंधित प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए निशुल्क कोचिंग प्रदान करने की व्यवस्था की है. इंजिनिरिंग से संबंधित प्रवेश परीक्षा के लिए 3000 छात्रों को कोचिंग दी जाएगी. इसी तरह से मेडिकल में 2000, क्लैट से संबंधित प्रवेश परीक्षा के लिए 1000, जन संचार से संबंधित प्रवेश परीक्षा के लिए 500, फैशन डिजाइनिंग के लिए 500, होटल मैनेजमेंट से संबंधित प्रवेश परीक्षा के लिए 500 और चार्टर्ड अकाउंटेंट या आईसीडब्ल्यूए से संबंधित प्रवेश परीक्षा के लिए 500 छात्रों का चयन किया जाएगा. इस तरह से राज्य सरकार प्रत्येक वर्ष कुल आठ हजार विद्यार्थियों को निशुल्क कोचिंग प्रदान करने के लिए चयन करेगी जिस पर 9,250 लाख रुपए अनुमानित वार्षिक व्यय होंगे.
एकलव्य प्रशिक्षण योजना: एकलव्य प्रशिक्षण योजना के तहत झारखंड के विद्यार्थियों को संघ लोक सेवा आयोग, झारखंड लोक सेवा आयोग, केंद्रीय या झारखंड कर्मचारी चयन आयोग और विभिन्न भर्ती एजेंसियों जैसे बैंकिंग, रेलवे भर्ती बोर्ड के द्वारा वर्ग ए बी और सी में भर्ती के लिए प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कराने के उद्देश्य से निशुल्क कोचिंग की व्यवस्था प्रदान की जाएगी. उच्च शिक्षा सचिव राहुल पुरवार ने जानकारी देते हुए कहा कि इस योजना के तहत कोचिंग संस्थाओं में अध्ययनरत छात्रों को कोचिंग सत्र की अवधि तक राज्य सरकार के द्वारा ढाई हजार रुपया प्रतिमाह की सहायता प्रदान की जाएगी.
इस योजना का लाभ झारखंड के वैसे विद्यार्थी ले पाएंगे जिनके पारिवारिक आय आयकर सीमा के अंदर होगा. इस योजना का लाभ विद्यार्थी एक बार ही ले सकते हैं. लाभार्थियों की स्पेलिंग राज्य स्तरीय सरकारी संस्थान और राष्ट्रीय स्तर की किसी उत्कृष्ट निजी एजेंसी द्वारा आयोजित संयुक्त चयन परीक्षा के माध्यम से किया जाएगा. इस योजना के तहत प्रतिवर्ष 27000 छात्रों को लाभ मिलेगा. जिसमें संघ लोक सेवा की तैयारी के लिए 1000, झारखंड लोक सेवा आयोग परीक्षा की तैयारी करने के लिए 2000, बैंक पीओ परीक्षा की तैयारी के लिए 2000, बैंक लिपिक परीक्षा की तैयारी के लिए 5000, रेलवे भर्ती बोर्ड परीक्षा की तैयारी के लिए 8500, कर्मचारी चयन आयोग परीक्षा की तैयारी के लिए 8500 छात्रों का चयन किया जाएगा.
गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना: गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के जरिए राज्य सरकार छात्रों को आर्थिक सहायता प्रदान करने का काम करेगी. जिसके तहत राज्य के ऐसे विद्यार्थी जो आर्थिक कारणों से उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रह जाते हैं उन्हें 15 लाख रुपए तक का क्रेडिट कार्ड के जरिए सहायता प्राप्त होगा. स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के जरिए छात्रों को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में इंजिनियरिंग, मेडिकल, रिसर्च आईआईटी,आईआईएम में शिक्षा प्राप्त करने में सुविधा मिलेगी. इस योजना के अंतर्गत बैंकों से जोड़कर 10वीं या 12वीं कक्षा पास प्रत्येक इच्छुक और अहर्ता प्राप्त विद्यार्थी को शिक्षा ऋण उपलब्ध कराई जायेगी.
ऋण के लिए कोई इनकम क्राइटेरिया नहीं होगा. इस योजना के तहत अधिकतम ऋण की राशि 15 लाख निर्धारित है. छात्रों को ऋण बैंकों के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा इस राशि का अधिकतम 30% नन इंस्टीट्यूशनल कार्यों के लिए प्राप्त होगा. छात्रों को ब्याज के रूप में मात्र 4% राशि भुगतान करनी होगी शेष ब्याज की राशि के रूप में राज्य सरकार द्वारा वहन की जाएगी. राज्य सरकार के द्वारा बैंकों को ऋण की राशि की 100 फीसदी गारंटी कवर की जाएगी. ऋण वापसी की अधिकतम अवधि 15 वर्ष तक होगी बैंकों की जिम्मेदारी होगी कि ऋण हेतु आवेदन करने वाले छात्रों के संबंध में विधिवत जांच अपने स्तर से करें.