ETV Bharat / state

RIMS में नहीं मिला भोजन तो भूख से बिलबिलाते मरीज ने कचरे से खाया खाना - रिम्स में फेंके चावल खाने को मजबूर मरीज

झारखंड का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल रिम्स एक बार फिर विवादों में है. यहां एक मरीज को जब खाना नसीब नहीं हुआ तो भूख से बेहाल होकर कचरे में फेंके चावल को खाने लगा.

Helpless patient was forced to eat rice thrown on ground in rims
जमीन पर फेंके चावल खाने को मजबूर
author img

By

Published : Apr 4, 2020, 9:04 AM IST

Updated : Apr 4, 2020, 4:50 PM IST

रांचीः झारखंड सरकार का दावा है कि लॉकडाउन के दौरान राज्य में एक भी गरीब भूखा नहीं रहेगा. लेकिन राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स से आई एक तस्वीर कुछ और ही बयां कर रही है. रिम्स परिसर के ओपीडी कॉम्पलेक्स में एक मरीज को जब खाना नसीब नहीं हुआ तो भूख से बेहाल होकर कचरे में फेंके चावल को खाने लगा. ईटीवी भारत ने जब उससे बात करने की कोशिश की, तो वह अपनी लाचारगी के कारण कुछ भी बताने की हालत में नहीं था.

देखें पूरी खबर

फिलिप नाम का ये मरीज रिम्स में पिछले कई दिनों से पड़ा हुआ है. इसके एक पैर में रॉड लगने के कारण वो चलने फिरने के लायक नहीं है इसीलिए कहीं बाहर जाकर खाना नहीं खा सकता. शुक्रवार को जब वो भूख से बेहाल हो गया तो जमीन पर कचरे में पड़े चावल के दानों को चुन-चुनकर खाने लगा.

दोषियों पर कब होगी कार्रवाई

रिम्स में मरीजों को खाना देना की जिम्मेदारी प्राइम मेस की है. ये कंपनी अनियमितताओं को लेकर पहले भी विवादों में रही है. रिम्स में आमतौर पर रोजना डेढ़ से दो हजार मरीजों के लिए खाना बनाया जाता है लेकिन लॉकडाउन के कारण फिलहाल 400-500 मरीजों का खाना ही तैयार किया जा रहा है. ईटीवी भारत ने जब जिम्मेदार अधिकारियों से सवाल किया तो वे तुरंत खाना मुहैया कराने और बेहतर इलाज का भरोसा देकर लीपापोती में जुट गए. उन्होंने ये बताना मुनासिब नहीं समझा कि आखिर दोषियों के खिलाफ क्या एक्शन लिया जाएगा और ऐसी स्थिति दोबारा न पैदा हो, इसके लिए क्या इंतजाम किए जाएंगे.

ये भी पढ़ें- झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री ने पीएम मोदी पर बोला हमला, कहाः झारखंड की कर रहे उपेक्षा

भगवान भरोसे रिम्स की व्यवस्था

इसी साल 9 जनवरी को भी ऐसा ही वाकया सामने आया था जब ऑर्थोपेडिक विभाग के कॉरिडोर में भूख से बेहाल महिला ने जिंदा कबूतर को निवाला बना लिया था. उस समय रिम्स के निदेशक ने लावारिस महिला के विक्षिप्त होने का हवाला देकर अपना पल्ला झाड़ लिया था. अब एक बार फिर ये तस्वीरें ये बताने के लिए काफी हैं कि ऐसे मामलों को लेकर रिम्स प्रबंधन कितना गंभीर है. पूरे राज्य से लोग यहां बड़ी उम्मीद लेकर इलाज कराने आते हैं लेकिन रिम्स में लोगों को सही इलाज तो दूर खाना तक नसीब नहीं होता.

रांचीः झारखंड सरकार का दावा है कि लॉकडाउन के दौरान राज्य में एक भी गरीब भूखा नहीं रहेगा. लेकिन राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स से आई एक तस्वीर कुछ और ही बयां कर रही है. रिम्स परिसर के ओपीडी कॉम्पलेक्स में एक मरीज को जब खाना नसीब नहीं हुआ तो भूख से बेहाल होकर कचरे में फेंके चावल को खाने लगा. ईटीवी भारत ने जब उससे बात करने की कोशिश की, तो वह अपनी लाचारगी के कारण कुछ भी बताने की हालत में नहीं था.

देखें पूरी खबर

फिलिप नाम का ये मरीज रिम्स में पिछले कई दिनों से पड़ा हुआ है. इसके एक पैर में रॉड लगने के कारण वो चलने फिरने के लायक नहीं है इसीलिए कहीं बाहर जाकर खाना नहीं खा सकता. शुक्रवार को जब वो भूख से बेहाल हो गया तो जमीन पर कचरे में पड़े चावल के दानों को चुन-चुनकर खाने लगा.

दोषियों पर कब होगी कार्रवाई

रिम्स में मरीजों को खाना देना की जिम्मेदारी प्राइम मेस की है. ये कंपनी अनियमितताओं को लेकर पहले भी विवादों में रही है. रिम्स में आमतौर पर रोजना डेढ़ से दो हजार मरीजों के लिए खाना बनाया जाता है लेकिन लॉकडाउन के कारण फिलहाल 400-500 मरीजों का खाना ही तैयार किया जा रहा है. ईटीवी भारत ने जब जिम्मेदार अधिकारियों से सवाल किया तो वे तुरंत खाना मुहैया कराने और बेहतर इलाज का भरोसा देकर लीपापोती में जुट गए. उन्होंने ये बताना मुनासिब नहीं समझा कि आखिर दोषियों के खिलाफ क्या एक्शन लिया जाएगा और ऐसी स्थिति दोबारा न पैदा हो, इसके लिए क्या इंतजाम किए जाएंगे.

ये भी पढ़ें- झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री ने पीएम मोदी पर बोला हमला, कहाः झारखंड की कर रहे उपेक्षा

भगवान भरोसे रिम्स की व्यवस्था

इसी साल 9 जनवरी को भी ऐसा ही वाकया सामने आया था जब ऑर्थोपेडिक विभाग के कॉरिडोर में भूख से बेहाल महिला ने जिंदा कबूतर को निवाला बना लिया था. उस समय रिम्स के निदेशक ने लावारिस महिला के विक्षिप्त होने का हवाला देकर अपना पल्ला झाड़ लिया था. अब एक बार फिर ये तस्वीरें ये बताने के लिए काफी हैं कि ऐसे मामलों को लेकर रिम्स प्रबंधन कितना गंभीर है. पूरे राज्य से लोग यहां बड़ी उम्मीद लेकर इलाज कराने आते हैं लेकिन रिम्स में लोगों को सही इलाज तो दूर खाना तक नसीब नहीं होता.

Last Updated : Apr 4, 2020, 4:50 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.