रांची: वेस्ट बंगाल और झारखंड के ऊपर बने अति निम्न दवाब क्षेत्र के साथ-साथ मॉनसून टर्फ लाइन के ऊपर से गुजरने का असर दिखा है. राज्य में सबसे ज्यादा 204 मिमी बारिश लातेहार में रिकॉर्ड की गई, तो रांची में भी 182.4 मिमी बारिश हुई है. राजधानी में 36 घंटों से हो रही लगातार बारिश से सरकारी अस्पतालों में ड्रेनेज सिस्टम के दावे की भी पोल खुल चुकी है.
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रिम्स में झील जैसा नजारा
रिम्स अस्पताल का बेसमेंट पानी-पानी हो गया. वहां भर्ती मरीजों को पानी के चलते होने वाली परेशानी से कोई राहत मिलती नहीं दिख रही. रिम्स के बेसमेंट में स्थित स्किन विभाग में जहां पानी भर गया है, वहीं ऑर्थो विभाग के ऑपेरशन थियेटर के बाहर सैलाब जैसा नजारा देखने को मिला. यही नजारा मेडिसिन विभाग का है. यहां तो छत से बारिश का पानी नीचे लाने के लिए जो पाइप लगाया है, वो फट गया है और सिस्टर इंचार्ज का चैंम्बर पानी-पानी हो गया है. रिम्स के ऑर्थो ओटी का जायजा हमारे रांची संवाददाता उपेंद्र कुमार ने लिया है.
सदर अस्पताल में जाना मुश्किल
रांची में भारी बारिश के चलते जहां सदर अस्पताल के नए भवन के बेसमेंट में पानी भर गया है. वहीं बिजली के कई उपकरण रहने के चलते शॉर्ट सर्किट का खतरा बना हुआ है. लाल बिल्डिंग के सामने का रास्ता कीचड़ में तब्दील हो गया है. यही हाल राजधानी के ज्यादातर सरकारी अस्पतालों का है.
कल से थोड़ी राहत की उम्मीद
बता दें कि राज्य के कई इलाकों में शनिवार को ज्यादा भारी बारिश हुई है. सबसे ज्यादा 204 मिमी बारिश लातेहार में रिकॉर्ड हुई है. रांची में भी 182.4 मिमी बारिश हुई है. हजारीबाग में 171 मिमी बारिश रिकॉर्ड किया गया है. राहत की बात ये है कि रविवार से राज्यभर में बारिश से थोड़ी राहत मिलने की संभावना मौसम विभाग ने जताई है. पिछले 36 घंटे की बारिश से राज्य में नॉर्मल (522 मिमी) से 13% अधिक (588.9 मिमी) बारिश हुई है.
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वहीं रांची समेत पूरे झारखंड में गुरुवार देर रात से हो रही मूसलाधार बारिश के कारण आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. इसके कारण राज्य भर में जहां नदियां उफान पर हैं, वहीं कई इलाकों में भारी जलजमाव हो गया है. राजधानी रांची समेत कई शहरों के निचले इलाके पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं. भारी बारिश के कारण निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के घरों में पानी घुस गया है. पार्किंग एरिया से लेकर राजधानी की सड़कों पर हर जगह पानी ही पानी नजर आ रहा है. सबसे ज्यादा परेशानी का सामना निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को करना पड़ रहा है. अरगोड़ा क्षेत्र हो या पुदांग या फिर रातू इलाका, सभी जगह पानी ही पानी नजर आ रहा है.
आंकलन में जुटी आपदा प्रबंधन, NDRF की ली जा रही मदद
भारी बारिश के कारण हुए जानमाल की क्षति का आंकलन करने में आपदा प्रबंधन विभाग जुट गया है. आपदा प्रबंधन विभाग ने मूसलाधार बारिश के चलते घरों के गिरने और जान माल को हो रहा नुकसान देखते हुए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को ड्यूटी पर लगाने का निर्णय लिया है. लोगों को राहत सहायता उपलब्ध कराने के लिए राज्य के सभी उपायुक्तों को विभाग की ओर से निर्देशित किया गया है.
आपदा प्रबंधन मंत्री क्या बोले
आपदा प्रबंधन मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा है कि राज्य सरकार स्थितियों पर नजर रख रही है और इसके लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की सहायता ली जा रही है. जिन गरीब लोगों का घर क्षतिग्रस्त हुआ है, उन्हें सरकार सहायता राशि भी उपलब्ध कराएगी. साथ ही जिला और राज्य स्तर पर क्षतियों का आंकलन कराया जा रहा है.
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झारखंड पर साइक्लोनिक असर
गौरतलब है कि बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव के बाद बने साइक्लोनिक असर से गुरुवार देर रात से राजधानी रांची समेत राज्य के कई शहरों में भारी बारिश हो रही है. निचले इलाके जहां जलमग्न हो चुके हैं, वहीं कई स्थानों पर पेड़ और कच्चे मकानों के गिरने की भी सूचना है. इधर मौसम विभाग ने रविवार तक इसका असर कम होने की संभावना जताई है.