रांची: टेरर फंडिंग मामले में झारखंड हाई कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई हुई. मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में मामले पर सुनवाई हुई. अदालत ने सभी आरोपियों को अगले आदेश तक राहत जारी रखने का आदेश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 20 अप्रैल को होगी.
झारखंड हाई कोर्ट ने टेरर फंडिंग मामले के आरोपियों को अगले आदेश तक राहत जारी रखने का आदेश दिया है. टेरर फंडिंग के मामले में आरोपी विनीत अग्रवाल अमित अग्रवाल और मनीष अग्रवाल की याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 20 अप्रैल की तिथि निर्धारित की है.
अदालत में इस दौरान सभी आरोपियों के खिलाफ किसी भी तरह की पीड़ा कार्यवाही न करने के आदेश को अगले आदेश तक के लिए जारी रखने का आदेश दिया है. मामले पर सुनवाई आधे घंटे तक चली. याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि एनआईए ने जो चार्जशीट दिया है, वह गलत है. उन्होंने कहा कि एनआईए का जो कहना है कि यह टेरर फंडिंग का मामला है, वो गलत है. यह टेरर फंडिंग का मामला नहीं है. उन्होंने कहा कि कंपनी ने जोपीपीसी नामक संगठन को पैसा दिया है. वह जान बचाने के लिए पैसा दिया है. इसलिए इसे टेरर फंडिंग कहा जाना उचित नहीं है.
बता दें कि एनआईए ने टेरर फंडिंग मामले में विनीत अग्रवाल, अमित अग्रवाल, मनीष अग्रवाल और अन्य के खिलाफ जो चार्जशीट जमा की है. उसी के विरोध में झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर की गयी है. उस याचिका पर मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में सुनवाई हुई.