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पूर्व मुख्यमंत्री के सलाहकार सुनील तिवारी की जमानत याचिका पर 7 अक्टूबर को होगी सुनवाई, यौन शोषण का है आरोप

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Published : Oct 5, 2021, 9:34 AM IST

पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के सलाहकार सुनील तिवारी की जमानत याचिका पर सात अक्टूबर को झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई होगी. सोमवार को हुई सुनवाई में सरकार की ओर से पीड़िता का पक्ष नहीं रखा गया. इसके बाद अदालत ने सात अक्टूबर को सुनवाई की तिथि निर्थारित की है.

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पूर्व मुख्यमंत्री के सलाहकार सुनील तिवारी

रांचीः यौन शोषण के आरोपी पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के सलाहकार सुनील तिवारी की जमानत याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सात अक्तूबर को सुनवाई होगी. इससे पहले न्यायाधीश राजेश कुमार की अदालत में सुनवाई हुई. सुनवाई को दौरान पीड़िता की ओर से पक्ष नहीं रखा गया था. इससे अदालत ने सात अक्टूबर को सुनवाई की तिथि निर्धारित की है.

यह भी पढ़ेंःसुनील तिवारी प्रकरण: झारखंड हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस जारी कर मांगा जवाब

जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि आरोपी पर एससी-एसटी एक्ट भी लगााया गया है. इस स्थिति में पीड़िता का पक्ष भी सुनना जरूरी है. कोर्ट ने प्रार्थी के वकील से जानना चाहा कि क्या पीड़िता को नोटिस दिया गया है. इस पर सुनील तिवारी का पक्ष रख रहे वरीय अधिवक्ता आरएस मजुमदार ने अदालत को बताया कि पीड़िता को नोटिस सरकार की ओर से दिया जाना चाहिए था. इसकी जानकारी महाधिवक्ता की ओर से आनी चाहिए. अदालत ने सरकार की ओर से जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.

सिविल कोर्ट से याचिका हो चुकी है खारिज

सुनील तिवारी के खिलाफ एक युवती ने अरगोड़ा थाने में प्राथमिकी दर्ज कर यौन शोषण और दुष्कर्म का आरोप लगाया है. इसके बाद रांची पुलिस ने सुनील तिवारी को उत्तर प्रदेश के इटावा से गिरफ्तार किया था. सुनील तिवारी ने रांची सिविल कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी, जिसे सिविल कोर्ट ने खारिज कर दिया था. इसके बाद सुनील तिवारी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है.

रांचीः यौन शोषण के आरोपी पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के सलाहकार सुनील तिवारी की जमानत याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सात अक्तूबर को सुनवाई होगी. इससे पहले न्यायाधीश राजेश कुमार की अदालत में सुनवाई हुई. सुनवाई को दौरान पीड़िता की ओर से पक्ष नहीं रखा गया था. इससे अदालत ने सात अक्टूबर को सुनवाई की तिथि निर्धारित की है.

यह भी पढ़ेंःसुनील तिवारी प्रकरण: झारखंड हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस जारी कर मांगा जवाब

जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि आरोपी पर एससी-एसटी एक्ट भी लगााया गया है. इस स्थिति में पीड़िता का पक्ष भी सुनना जरूरी है. कोर्ट ने प्रार्थी के वकील से जानना चाहा कि क्या पीड़िता को नोटिस दिया गया है. इस पर सुनील तिवारी का पक्ष रख रहे वरीय अधिवक्ता आरएस मजुमदार ने अदालत को बताया कि पीड़िता को नोटिस सरकार की ओर से दिया जाना चाहिए था. इसकी जानकारी महाधिवक्ता की ओर से आनी चाहिए. अदालत ने सरकार की ओर से जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.

सिविल कोर्ट से याचिका हो चुकी है खारिज

सुनील तिवारी के खिलाफ एक युवती ने अरगोड़ा थाने में प्राथमिकी दर्ज कर यौन शोषण और दुष्कर्म का आरोप लगाया है. इसके बाद रांची पुलिस ने सुनील तिवारी को उत्तर प्रदेश के इटावा से गिरफ्तार किया था. सुनील तिवारी ने रांची सिविल कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी, जिसे सिविल कोर्ट ने खारिज कर दिया था. इसके बाद सुनील तिवारी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है.

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