रांची: बहुचर्चित चारा घोटाला मामले (Fodder scam case) में लालू प्रसाद यादव और अन्य को देवघर कोषागार से अवैध निकासी के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने सजा सुनाई है. इसमें लालू प्रसाद यादव की सजा को बढ़ाए जाने की मांग को लेकर दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में सजायाफ्ता आरके राणा और फूलचंद्र के निधन से संबंधित जानकारी उनके अधिवक्ता ने अदालत को दी.
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दो सप्ताह बाद होगी सुनवाई: झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश रंगन मुखोपाध्याय और न्यायाधीश अंबुज नाथ की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से कहा गया कि इस मामले में उन्हें पक्ष रखने के लिए समय दिया जाए. वहीं अदालत ने जेल प्रशासन को आरके राणा से संबंधित रिपोर्ट पेश करने और उनके अधिवक्ता को शपथ पत्र के माध्यम से अदालत में उनकी मृत्यु की जानकारी देने को कहा. आरके राणा की ओर से अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि कोर्ट की ओर से दिए गए पूर्व आदेश के आलोक में वे अदालत में शपथ पत्र के माध्यम से जवाब पेश नहीं कर सके हैं. इसके लिए उन्होंने अदालत से समय के लिए गुहार लगाई. अदालत ने उनके आग्रह को स्वीकार कर लिया है. मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी.
क्या है पूरा मामला: देवघर कोषागार मामले में लालू प्रसाद यादव को 6 जनवरी 2018 को सीबीआई की विशेष अदालत ने दोषी पाकर साढ़े तीन साल की कैद के साथ पांच लाख रुपये जुर्माने की सुनाई है. इस मामले में पूर्व सांसद जगदीश शर्मा को सात साल की कैद के साथ 20 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है. इसी आधार पर सीबीआई की ओर से कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा गया है कि चारा घोटाला मामले में लालू यादव षड़यंत्रकारी थे लेकिन, अदालत ने उन्हें कम सजा दी है. इसलिए इनकी सजा बढ़ाकर कम से कम सात साल की जानी चाहिए.