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रांची: पूर्व मंत्री योगेंद्र साव से जुड़े NTPC मामले में हुई सुनवाई, DGM ने दी गवाही - Civil Court of Ranchi

रांची के सिविल कोर्ट में पूर्व मंत्री योगेंद्र साव से जुड़े एनटीपीसी मामले में सुनवाई हुई. जहां एनटीपीसी के डीजीएम अमूदाला प्रताप ने गवाही दी.

Hearing on NTPC case involving former minister Yogendra Sah in Ranchi
सिविल कोर्ट में सुनवाई
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Published : Jan 24, 2020, 1:00 AM IST

Updated : Jan 24, 2020, 3:02 AM IST

रांची: अपर न्यायायुक्त विशाल श्रीवास्तव की अदालत में गुरुवार को बड़कागांव हिंसा मामले की सुनवाई हुई. एनटीपीसी के डीजीएम अमूदाला प्रताप ने गवाही दी. डीजीएम ने योगेंद्र साव और उनकी पत्नी निर्मला देवी ने हजारीबाग में एनटीपीसी के चिरूडीह खनन कार्य में बाधा डालने और सरकारी काम में हस्तक्षेप करने की पुष्टि की. सुनवाई के दौरान पूर्व मंत्री योगेंद्र साव भी अदालत में पेश हुए.

देखें पूरी खबर

ये भी देखें- हुसैनाबाद विधायक से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुनवाई, ED के विशेष न्यायालय में कोलकाता के सीए की हुई गवाही

क्या है पूरा मामला ?
यह मामला साल 2016 का है. बड़कागांव में एनटीपीसी ने भूमि अधिग्रहण के खिलाफ पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और उनके पत्नी निर्मला देवी ने कफन सत्याग्रह किया था. धारा 144 लगे होने के बावजूद सैकड़ों ग्रामीणों के साथ पूर्व मंत्री विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए थे. ग्रामीणों का प्रशासन के साथ झड़प हुई. जिसमें चार ग्रामीणों की मौत हो गई थी और दर्जनों पुलिस कर्मी और ग्रामीण घायल हुए थे. पूर्व मंत्री और तत्कालीन विधायक निर्मला देवी के खिलाफ दंगा भड़काने का मामला दर्ज किया गया था. इससे जुड़े अलग-अलग मामले में करीब डेढ़ दर्जन प्राथमिकी दर्ज की गई थी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश से सभी मामले रांची स्थानांतरित कर दिए गए है. फिलहाल योगेंद्र साव जेल में हैं. वहीं, उनकी पत्नी को भी हजारीबाग जाने पर रोक लगाई गई है.

रांची: अपर न्यायायुक्त विशाल श्रीवास्तव की अदालत में गुरुवार को बड़कागांव हिंसा मामले की सुनवाई हुई. एनटीपीसी के डीजीएम अमूदाला प्रताप ने गवाही दी. डीजीएम ने योगेंद्र साव और उनकी पत्नी निर्मला देवी ने हजारीबाग में एनटीपीसी के चिरूडीह खनन कार्य में बाधा डालने और सरकारी काम में हस्तक्षेप करने की पुष्टि की. सुनवाई के दौरान पूर्व मंत्री योगेंद्र साव भी अदालत में पेश हुए.

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क्या है पूरा मामला ?
यह मामला साल 2016 का है. बड़कागांव में एनटीपीसी ने भूमि अधिग्रहण के खिलाफ पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और उनके पत्नी निर्मला देवी ने कफन सत्याग्रह किया था. धारा 144 लगे होने के बावजूद सैकड़ों ग्रामीणों के साथ पूर्व मंत्री विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए थे. ग्रामीणों का प्रशासन के साथ झड़प हुई. जिसमें चार ग्रामीणों की मौत हो गई थी और दर्जनों पुलिस कर्मी और ग्रामीण घायल हुए थे. पूर्व मंत्री और तत्कालीन विधायक निर्मला देवी के खिलाफ दंगा भड़काने का मामला दर्ज किया गया था. इससे जुड़े अलग-अलग मामले में करीब डेढ़ दर्जन प्राथमिकी दर्ज की गई थी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश से सभी मामले रांची स्थानांतरित कर दिए गए है. फिलहाल योगेंद्र साव जेल में हैं. वहीं, उनकी पत्नी को भी हजारीबाग जाने पर रोक लगाई गई है.

Intro: पूर्व मंत्री योगेंद्र साव से जुड़े एनटीपीसी मामले रांची सिविल कोर्ट में हुई सुनवाई, एनटीपीसी के डीजीएम की हुई गवाही

रांची

अपर न्यायायुक्त विशाल श्रीवास्तव की अदालत में गुरुवार को बड़कागांव हिंसा मामले की सुनवाई हुई। एनटीपीसी के डीजीएम अमूदाला प्रताप ने गवाही दी। डीजीएम ने योगेंद्र साव और उनकी पत्नी निर्मला देवी द्वारा हजारीबाग में एनटीपीसी के चिरूडीह खनन कार्य में बाधा डालने और सरकारी काम में हस्तक्षेप करने की पुष्टि की। सुनवाई के दौरान पूर्व मंत्री योगेंद्र साव भी अदालत में पेश हुए। Body:मामला साल 2016 का है। बड़कागांव में एनटीपीसी द्वारा भूमि अधिग्रहण के खिलाफ पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और उनके पत्नी निर्मला देवी ने कफन सत्याग्रह किया गया था। धारा 144 लगे होने के बावजूद सैकड़ों ग्रामीणों के साथ पूर्व मंत्री विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। ग्रामीणों का प्रशासन के साथ झड़प हुई जिसमें चार ग्रामीणों की मौत हो गई थी तथा दर्जनों पुलिस कर्मी व ग्रामीण घायल हुए थे। पूर्व मंत्री व तत्कालीन विधायक निर्मला देवी के खिलाफ दंगा भड़काने का मामला दर्ज किया गया था। इससे जुड़े अलग-अलग मामले में करीब डेढ़ दर्जन प्राथमिकी दर्ज की गई थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से सभी मामले रांची स्थानांतरित कर दिये गए। फिलहाल योगेंद्र साव जेल में हैं। वहीं उनकी पत्नी को भी हजारीबाग जाने पर रोक लगायी गई है।Conclusion:
Last Updated : Jan 24, 2020, 3:02 AM IST
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