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गुटखा बिक्री मामले की दूसरी याचिका पर हाई कोर्ट ने सुनवाई से किया इनकार, जानिए वजह - Judge Sujit Narayan Prasad

झारखंड हाई कोर्ट में गुटखा बिक्री पर रोक के मामले में फरियाद फाउंडेशन की दायर याचिका पर सुनवाई हुई है. अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद याचिका को निष्पादित कर दिया है और इस मामले पर आगे सुनवाई के लिए इंकार कर दिया.

Hearing on gutkha sale case in jharkhand high court
झारखंड हाई कोर्ट
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Published : Jan 30, 2021, 1:37 PM IST

रांची: झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में गुटखा बिक्री को लेकर दायर संजय कुमार की याचिका पर सुनवाई हुई.

पूरी खबर देखिए

ये भी पढ़ें- झारखंड में जल्द होगी लीडरशिप स्कूल योजना की शुरूआत, शिक्षा विभाग कर रहा स्कूलों का निरीक्षण

अदालत ने सुनवाई से किया इंकार

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने बताया गया कि गुटखा बिक्री पर रोक संबंधी फरियाद फाउंडेशन की दायर याचिका पर सुनवाई पहले ही पूरी हो गई थी. अदालत में राज्य सरकार ने जवाब पेश करते हुए कहा कि राज्य में निकोटीन वाले जो पान मसाला हैं या गुटखा है उन्हें पूरी तरह बंद कर दिया गया है सिर्फ जिसमें निकोटीन नहीं है वैसे ही पान मसाले को बिक्री की अनुमति दी गई है. इसलिए फिर से अब इस याचिका पर सुनवाई की जरूरत नहीं है. इसलिए इस याचिका को निष्पादित कर दिया जाना चाहिए. अदालत ने पूर्व में अदालत के आदेश के आलोक में और सरकार के जवाब को देखने के उपरांत याचिका को निष्पादित कर दिया है. इसलिए अब याचिका पर सुनवाई नहीं होगी.

रांची: झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में गुटखा बिक्री को लेकर दायर संजय कुमार की याचिका पर सुनवाई हुई.

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अदालत ने सुनवाई से किया इंकार

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने बताया गया कि गुटखा बिक्री पर रोक संबंधी फरियाद फाउंडेशन की दायर याचिका पर सुनवाई पहले ही पूरी हो गई थी. अदालत में राज्य सरकार ने जवाब पेश करते हुए कहा कि राज्य में निकोटीन वाले जो पान मसाला हैं या गुटखा है उन्हें पूरी तरह बंद कर दिया गया है सिर्फ जिसमें निकोटीन नहीं है वैसे ही पान मसाले को बिक्री की अनुमति दी गई है. इसलिए फिर से अब इस याचिका पर सुनवाई की जरूरत नहीं है. इसलिए इस याचिका को निष्पादित कर दिया जाना चाहिए. अदालत ने पूर्व में अदालत के आदेश के आलोक में और सरकार के जवाब को देखने के उपरांत याचिका को निष्पादित कर दिया है. इसलिए अब याचिका पर सुनवाई नहीं होगी.

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