रांची: पिछले 15 सालों से दैनिक वेतन भोगी के रूप में नौकरी कर रहे कर्मचारियों के नौकरी को स्थाई करने की मांग वाली याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत प्रार्थी को सरकार के पास आवेदन देने का निर्देश दिया है, साथ ही राज्य सरकार को 6 हफ्ते में कर्मचारी के आवेदन पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आलोक में निर्णय लेने का निर्देश दिया है.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई
झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में लगभग 15 सालों से कार्य कर रहे कर्मचारियों की सेवा नियमितीकरण की मांग को लेकर याचिका दायर की गई थी, जिस पर गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की गई. न्यायाधीश ने अपने आवासीय कार्यालय से मामले की सुनवाई की. राज्य सरकार के अधिवक्ता आशीष कुमार और याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत याचिका को निष्पादित कर दिया.
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फैसले के आलोक में उनके आवेदन पर निर्णय
न्यायाधीश ने याचिकाकर्ता को सरकार के पास 4 सप्ताह में एक आवेदन देने को कहा है. राज्य सरकार को याचिकाकर्ता की ओर से दिए गए आवेदन में सुप्रीम कोर्ट में उमा देवी केस में दिए गए फैसले के आलोक में उनके आवेदन पर निर्णय लेने का निर्देश दिया है. बता दें कि कृषि विभाग के रांची धुर्वा किसान ट्रेनिंग सेंटर में विगत 15 साल से ममता देवी सफाई कर्मी के रूप में काम कर रही है. इनके अलावा टाइपिस्ट, कंप्यूटर ऑपरेटर, नाइट गार्ड, ड्राइवर और अन्य पदों पर कार्य कर रहे दैनिक वेतन भोगियों ने हाईकोर्ट में सेवक नियमितीकरण को लेकर याचिका दायर की थी. उसी याचिका पर अदालत में सुनवाई हुई.