दुमका ट्रेजरी से जुड़े चारा घोटाला केस में लालू प्रसाद को जमानत के लिए अभी इंतजार करना होगा. हाई कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान सीबीआई ने लालू प्रसाद की ओर से दाखिल जमानत याचिका का विरोध करते हुए जवाब दाखिल करने के लिए समय की मांग की. सीबीआई की इस मांग का दिल्ली से विडियो कॉफ्रेसिंग से जुड़े लालू के वकील कपिल सिब्बल ने जमकर विरोध किया. न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने दोनों पक्षों की सुनवाई करते हुए सीबीआई को एक सप्ताह का समय देते हुए अगली सुनवाई 16 अप्रैल को निर्धारित की है.
16 अप्रैल को होगी लालू यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई
12:11 April 09
सीबीआई ने मांगा समय
11:31 April 09
लालू यादव की जमानत याचिका
रांचीः बहुचर्चित चारा घोटाला के सजायाफ्ता दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद की ओर से दायर जमानत याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में आंशिक सुनवाई हुई. न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह की अदालत में सीबीआई की ओर से जवाब के लिए समय की मांग की गई. अदालत ने दोनों पक्षों की ओर से सहमति होने के बाद मामले की अगली सुनवाई के लिए 16 अप्रैल की तिथि निर्धाारित की है. अब मामले की अगली सुनवाई 16 अप्रैल को होगी.
इसे भी पढ़ें- चारा घोटाला मामला: लालू प्रसाद के लिए शुक्रवार का दिन होगा अहम, जमानत पर हाई कोर्ट में होगी सुनवाई
बता दें कि दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद की ओर से झारखंड हाई कोर्ट में जमानत याचिका दायर की गई. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों की सहमति से मामले की अगली सुनवाई 16 अप्रैल तय की है. दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद को 7 साल की सजा दी गई है. लालू प्रसाद की ओर से बताया गया है कि आधी सजा पूरी कर ली गई है. इसीलिए उन्हें जमानत दी जाए.
क्या है मामला
बता दें कि लालू प्रसाद को चारा घोटाला के 4 मामले देवघर के, 1 चाईबासा, 2 दुमका और 1 मामले में निचली अदालत से सजा दी गई है. जिसमें 3 मामले में उन्हें जमानत मिल चुकी है. यह चौथा मामला है जिसमें जमानत मिलते ही वे जेल से रिहा हो जाएंगे. फिलहाल लालू प्रसाद की तबीयत खराब होने के कारण एम्स ले जाया गया है, वहीं इलाज करा रहे हैं. देवघर कोषागार से अवैध निकासी मामले में उन्हें साढ़े 3 साल की सजा दी गई थी. जिसमें उन्हें पहले ही बेल दे दिया गया है. चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी के दो मामले में उन्हें निचली अदालत से 5 साल की सजा दी गई थी. उस मामले में भी उन्हें जमानत दे दी गई है. अब अंतिम मामला दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामला का है. इसमें सीबीआई की निचली अदालत से 7 साल की सजा दी गई है. इसी मामले में जमानत याचिका दायर की गई है. जिस पर आज मामले की सुनवाई हुई.
12:11 April 09
सीबीआई ने मांगा समय
दुमका ट्रेजरी से जुड़े चारा घोटाला केस में लालू प्रसाद को जमानत के लिए अभी इंतजार करना होगा. हाई कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान सीबीआई ने लालू प्रसाद की ओर से दाखिल जमानत याचिका का विरोध करते हुए जवाब दाखिल करने के लिए समय की मांग की. सीबीआई की इस मांग का दिल्ली से विडियो कॉफ्रेसिंग से जुड़े लालू के वकील कपिल सिब्बल ने जमकर विरोध किया. न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने दोनों पक्षों की सुनवाई करते हुए सीबीआई को एक सप्ताह का समय देते हुए अगली सुनवाई 16 अप्रैल को निर्धारित की है.
11:31 April 09
लालू यादव की जमानत याचिका
रांचीः बहुचर्चित चारा घोटाला के सजायाफ्ता दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद की ओर से दायर जमानत याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में आंशिक सुनवाई हुई. न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह की अदालत में सीबीआई की ओर से जवाब के लिए समय की मांग की गई. अदालत ने दोनों पक्षों की ओर से सहमति होने के बाद मामले की अगली सुनवाई के लिए 16 अप्रैल की तिथि निर्धाारित की है. अब मामले की अगली सुनवाई 16 अप्रैल को होगी.
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बता दें कि दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद की ओर से झारखंड हाई कोर्ट में जमानत याचिका दायर की गई. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों की सहमति से मामले की अगली सुनवाई 16 अप्रैल तय की है. दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद को 7 साल की सजा दी गई है. लालू प्रसाद की ओर से बताया गया है कि आधी सजा पूरी कर ली गई है. इसीलिए उन्हें जमानत दी जाए.
क्या है मामला
बता दें कि लालू प्रसाद को चारा घोटाला के 4 मामले देवघर के, 1 चाईबासा, 2 दुमका और 1 मामले में निचली अदालत से सजा दी गई है. जिसमें 3 मामले में उन्हें जमानत मिल चुकी है. यह चौथा मामला है जिसमें जमानत मिलते ही वे जेल से रिहा हो जाएंगे. फिलहाल लालू प्रसाद की तबीयत खराब होने के कारण एम्स ले जाया गया है, वहीं इलाज करा रहे हैं. देवघर कोषागार से अवैध निकासी मामले में उन्हें साढ़े 3 साल की सजा दी गई थी. जिसमें उन्हें पहले ही बेल दे दिया गया है. चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी के दो मामले में उन्हें निचली अदालत से 5 साल की सजा दी गई थी. उस मामले में भी उन्हें जमानत दे दी गई है. अब अंतिम मामला दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामला का है. इसमें सीबीआई की निचली अदालत से 7 साल की सजा दी गई है. इसी मामले में जमानत याचिका दायर की गई है. जिस पर आज मामले की सुनवाई हुई.