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लॉकडाउन पर HC ने राज्य सरकार से मांगा जवाब, केंद्र सरकार को प्रतिवादी बनाने का दिया निर्देश - corona virus

झारखंड हाई कोर्ट ने कोरोना मामले पर संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई कर राज्य सरकार और केंद्र सरकार से जवाब मांगा था. जिसके बाद सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पर्याप्त कीट और अन्य संसाधन नहीं मिल पा रहा है इसलिए केंद्र सरकार को यह उपलब्ध कराने के लिए निर्देश दिया गया है. राज्य सरकार के आग्रह पर अदालत ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्री को केंद्र सरकार को मामले में प्रतिवादी बनाने का निर्देश दिया है.

Hearing in Jharkhand High Court to prepare to deal with lockdown
हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को प्रतिवादी बनाने का दिया निर्देश
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Published : Apr 8, 2020, 2:13 PM IST

रांची: लॉकडाउन से निपटने के लिए राज्य सरकार ने क्या तैयारी की है इस बिंदु पर विस्तृत जवाब झारखंड हाई कोर्ट ने मांगा है. झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को यह बताने को कहा है कि लॉकडाउन टूटने के बाद कोरोना से कैसे निपटेंगे इसके लिए क्या कुछ तैयारियां की गई है, इसको लेकर विस्तृत रिपोर्ट अदालत में पेश करने को कहा है.

हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को प्रतिवादी बनाने का दिया निर्देश

अदालत ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्री को मामले में केंद्र सरकार को प्रतिवादी बनाने का निर्देश दिया है. झारखंड हाई कोर्ट ने कोरोना मामले पर संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई कर राज्य सरकार और केंद्र सरकार को जवाब पेश करने का आदेश दिया था. अदालत के उस आदेश के आलोक में केंद्र सरकार और राज्य सरकार की ओर से जवाब पेश की गई. बता दें कि कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए झारखंड हाई कोर्ट ने इसको गंभीरता से लेते हुए इस पर स्वतः संज्ञान लिया है. उसी याचिका पर मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की गई. अदालत ने सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने जवाब पेश किया.

वहीं, केंद्र सरकार की ओर से एडीशनल सॉलीसीटर जनरल राजीव सिन्हा ने पक्ष रखा. दोनों अधिवक्ता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपने आवासीय कार्यालय से अदालती कार्य में भाग लिए. सुनवाई के दौरान अपने जवाब के माध्यम से अदालत को बताया कि केंद्र सरकार की ओर से पर्याप्त कीट और अन्य संसाधन नहीं मिल पा रहा है इसलिए केंद्र सरकार को यह उपलब्ध कराने के लिए निर्देश दिया गया है. राज्य सरकार के आग्रह पर अदालत ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्री को केंद्र सरकार को मामले में प्रतिवादी बनाने का निर्देश दिया है.

ये भी पढ़ें- झारखंड में कोराना के 4 मरीज, देश भर में अब तक 124 लोगों की मौत

अदालत ने राज्य सरकार के जवाब को देखने के उपरांत उन्होंने राज्य सरकार को मामले में विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है. अदालत ने राज्य सरकार से यह भी जानना चाहा कि वह लॉकडाउन जब टूटेगा उसके बाद वह कोरोना से किस तरह से निपटने के लिए क्या कुछ तैयारियां की है. इस पर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है. कोरोना वायरस से निपटने की तैयारी में जिन उपकरण या अन्य सामानों की आवश्यकता है. इसके लिए केंद्र सरकार के समक्ष अपना प्रस्ताव रखने को कहा है. साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार के अधिवक्ता को भी इसमें सहयोग करने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 17 अप्रैल को होगी.

बता दें कि झारखंड रांची में कोरोना के पहला मरीज मिलने पर झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा ने राज्य सरकार की कोरोना से लड़ाई की तैयारी सही से नहीं होने का हवाला देते हुए पत्र लिखा था. झारखंड हाई कोर्ट ने अधिवक्ता के पत्र पर स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले को जनहित याचिका में बदलकर सुनवाई करने का आदेश दिया था. 7 मार्च को फिर से मामले पर सुनवाई की गई. इस दौरान अदालत ने राज्य सरकार को लॉकडाउन टूटने के बाद कोरोना से कैसे निपटेंगे इसकी क्या तैयारी की गई है इसकी जानकारी मांगी है.

रांची: लॉकडाउन से निपटने के लिए राज्य सरकार ने क्या तैयारी की है इस बिंदु पर विस्तृत जवाब झारखंड हाई कोर्ट ने मांगा है. झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को यह बताने को कहा है कि लॉकडाउन टूटने के बाद कोरोना से कैसे निपटेंगे इसके लिए क्या कुछ तैयारियां की गई है, इसको लेकर विस्तृत रिपोर्ट अदालत में पेश करने को कहा है.

हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को प्रतिवादी बनाने का दिया निर्देश

अदालत ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्री को मामले में केंद्र सरकार को प्रतिवादी बनाने का निर्देश दिया है. झारखंड हाई कोर्ट ने कोरोना मामले पर संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई कर राज्य सरकार और केंद्र सरकार को जवाब पेश करने का आदेश दिया था. अदालत के उस आदेश के आलोक में केंद्र सरकार और राज्य सरकार की ओर से जवाब पेश की गई. बता दें कि कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए झारखंड हाई कोर्ट ने इसको गंभीरता से लेते हुए इस पर स्वतः संज्ञान लिया है. उसी याचिका पर मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की गई. अदालत ने सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने जवाब पेश किया.

वहीं, केंद्र सरकार की ओर से एडीशनल सॉलीसीटर जनरल राजीव सिन्हा ने पक्ष रखा. दोनों अधिवक्ता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपने आवासीय कार्यालय से अदालती कार्य में भाग लिए. सुनवाई के दौरान अपने जवाब के माध्यम से अदालत को बताया कि केंद्र सरकार की ओर से पर्याप्त कीट और अन्य संसाधन नहीं मिल पा रहा है इसलिए केंद्र सरकार को यह उपलब्ध कराने के लिए निर्देश दिया गया है. राज्य सरकार के आग्रह पर अदालत ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्री को केंद्र सरकार को मामले में प्रतिवादी बनाने का निर्देश दिया है.

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अदालत ने राज्य सरकार के जवाब को देखने के उपरांत उन्होंने राज्य सरकार को मामले में विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है. अदालत ने राज्य सरकार से यह भी जानना चाहा कि वह लॉकडाउन जब टूटेगा उसके बाद वह कोरोना से किस तरह से निपटने के लिए क्या कुछ तैयारियां की है. इस पर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है. कोरोना वायरस से निपटने की तैयारी में जिन उपकरण या अन्य सामानों की आवश्यकता है. इसके लिए केंद्र सरकार के समक्ष अपना प्रस्ताव रखने को कहा है. साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार के अधिवक्ता को भी इसमें सहयोग करने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 17 अप्रैल को होगी.

बता दें कि झारखंड रांची में कोरोना के पहला मरीज मिलने पर झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा ने राज्य सरकार की कोरोना से लड़ाई की तैयारी सही से नहीं होने का हवाला देते हुए पत्र लिखा था. झारखंड हाई कोर्ट ने अधिवक्ता के पत्र पर स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले को जनहित याचिका में बदलकर सुनवाई करने का आदेश दिया था. 7 मार्च को फिर से मामले पर सुनवाई की गई. इस दौरान अदालत ने राज्य सरकार को लॉकडाउन टूटने के बाद कोरोना से कैसे निपटेंगे इसकी क्या तैयारी की गई है इसकी जानकारी मांगी है.

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