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आरक्षण मामले पर झारखंड हाई कोर्ट में हुई सुनवाई, अदालत ने रखा फैसला सुरक्षित

बिहार के एससी, एसटी और ओबीसी को झारखंड में आरक्षण देने वाली याचिका पर शुक्रवार को झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई खत्म होने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. इस याचिका की सुनवाई लार्जर बेंच में हुई.

फाइल फोटो
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Published : Oct 18, 2019, 5:20 PM IST

रांची: झारखंड में बिहार के एससी, एसटी और ओबीसी को आरक्षण देने वाली याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश एससी मिश्रा, न्यायाधीश अमरेश कुमार और न्यायाधीश बीबी मंगल मूर्ति के लार्जर बेंच में हुई.

जामकारी देते महाधिवक्ता अजीत कुमार

बिहार के स्थानीय निवासी को झारखंड में आरक्षण देने के लिए झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है. अदालत में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने पक्ष रखते हुए कहा कि झारखंड के स्थानीय निवासी को झारखंड में आरक्षण का लाभ दिया जाएगा. दूसरे राज्य से झारखंड में रह रहे व्यक्ति को उसे झारखंड में लाभ नहीं मिलेगा.

वहीं प्रार्थी की ओर से अदालत को बताया गया कि साल 2000 से वे झारखंड में रह रहे हैं, इसलिए उन्हें झारखंड में आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए. पहले झारखंड बिहार एकत्रित था, ऐसे में प्रार्थी को झारखंड में भी आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए. अदालत ने दोनों पक्षों की बात सुनने के उपरांत फैसले को सुरक्षित रख लिया है.

ये भी देखें -रांचीः मोरहाबादी में दीपावली मेले की शुरुआत, देश भर से आए उद्यमियों ने लगाये 3 सौ स्टॉल

आपको बता दें कि छोटे लाल यादव और अन्य की ओर से झारखंड हाईकोर्ट में अपील याचिका दायर की गई है. पूर्व में एकल पीठ ने फौजियों की याचिका को खारिज कर दिया था. दोबारा प्रार्थियों ने अपील याचिका दायर कर एकल पीठ के आदेश को चुनौती दी है. खंडपीठ ने अदालतों के अलग-अलग फैसले को देखते हुए मामले को लार्जर बेंच में ट्रांसफर किया है. उसी लार्जर बेंच में शुक्रवार को सुनवाई के दौरान एसटी, एससी और ओबीसी को आरक्षण देने के मुद्दे पर सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया है.

रांची: झारखंड में बिहार के एससी, एसटी और ओबीसी को आरक्षण देने वाली याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश एससी मिश्रा, न्यायाधीश अमरेश कुमार और न्यायाधीश बीबी मंगल मूर्ति के लार्जर बेंच में हुई.

जामकारी देते महाधिवक्ता अजीत कुमार

बिहार के स्थानीय निवासी को झारखंड में आरक्षण देने के लिए झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है. अदालत में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने पक्ष रखते हुए कहा कि झारखंड के स्थानीय निवासी को झारखंड में आरक्षण का लाभ दिया जाएगा. दूसरे राज्य से झारखंड में रह रहे व्यक्ति को उसे झारखंड में लाभ नहीं मिलेगा.

वहीं प्रार्थी की ओर से अदालत को बताया गया कि साल 2000 से वे झारखंड में रह रहे हैं, इसलिए उन्हें झारखंड में आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए. पहले झारखंड बिहार एकत्रित था, ऐसे में प्रार्थी को झारखंड में भी आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए. अदालत ने दोनों पक्षों की बात सुनने के उपरांत फैसले को सुरक्षित रख लिया है.

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आपको बता दें कि छोटे लाल यादव और अन्य की ओर से झारखंड हाईकोर्ट में अपील याचिका दायर की गई है. पूर्व में एकल पीठ ने फौजियों की याचिका को खारिज कर दिया था. दोबारा प्रार्थियों ने अपील याचिका दायर कर एकल पीठ के आदेश को चुनौती दी है. खंडपीठ ने अदालतों के अलग-अलग फैसले को देखते हुए मामले को लार्जर बेंच में ट्रांसफर किया है. उसी लार्जर बेंच में शुक्रवार को सुनवाई के दौरान एसटी, एससी और ओबीसी को आरक्षण देने के मुद्दे पर सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया है.

Intro:रांची
बाइट-- अजीत कुमार महाधिवक्ता झारखंड हाई कोर्ट

झारखंड में एससी एसटी और ओबीसी को आरक्षण देने वाली याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई । सुनवाई दौरान अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है मामले की सुनवाई न्यायाधीश मुख्य न्यायाधीश एससी मिश्रा न्यायाधीश अमरेश कुमार और न्यायाधीश बीबी मंगल मूर्ति के लार्जर बेंच में हुई। बिहार के स्थानीय निवासी झारखंड में आरक्षण देने को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है


Body:अदालत में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने पक्ष रखते हुए कहा कि झारखंड के स्थानीय निवासी को झारखंड में आरक्षण का लाभ दिया जाएगा। दूसरे राज्य से झारखंड में रह रहे व्यक्ति को उसे झारखंड में लाभ नहीं मिलेगा। वहीं प्रार्थी की ओर से अदालत को बताया गया कि वर्ष 2000 ईस्वी से वे झारखंड में रह रहे हैं इसलिए उन्हें झारखंड में आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए क्योंकि पहले झारखंड बिहार एकत्रित था ऐसे में प्रार्थी को झारखंड में भी आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत फैसले को सुरक्षित रख लिया है


Conclusion:आपको बता देगी छोटे लाल यादव और अन्य की ओर से झारखंड हाई कोर्ट में अपील याचिका दायर की गई है पूर्व में एकल पीठ ने फौजियों की याचिका को खारिज कर दिया था दोबारा प्रार्थी ओं ने अपील याचिका दायर कर एकल पीठ के आदेश को चुनौती दी है खंडपीठ ने अदालतों के अलग-अलग फैसले को देखते हुए मामले को लार्जर बेंच में ट्रांसफर किया है उसी लार्जर बेंच में आज सुनवाई के दौरान एसटी एससी और ओबीसी को आरक्षण देने के मुद्दे पर सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया है

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