रांची: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर अभद्र टिप्पणी मामले (Rahul Gandhi comment on Amit Shah) में राहुल गांधी को झारखंड हाई कोर्ट से अगले आदेश तक राहत जारी रहेगी. मामले में राहुल गांधी की ओर से जवाब के लिए समय की मांग की गई है. अदालत ने उनके आग्रह को स्वीकार करते हुए दोनों पक्षों को जवाब पेश करने के लिए समय दिया है. अगली सुनवाई 6 सप्ताह बाद होगी. पूर्व में हाई कोर्ट ने निचली अदालत से राहुल गांधी के खिलाफ जारी वारंट पर रोक लगाते हुए उन्हें राहत दी थी. उसे अगले आदेश तक के लिए बढ़ा दिया गया है.
इसे भी पढ़ें: अमित शाह पर अभद्र टिप्पणी के मामले में राहुल गांधी को झारखंड हाई कोर्ट से राहत, वारंट पर लगी रोक
वारंट रद्द करने की मांग को लेकर हुई सुनवाई: झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में जिला के निचली अदालत से राहुल गांधी के खिलाफ जारी वारंट रद्द करने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता ने पक्ष रखा. पूर्व में अदालत की ओर से जवाब के लिए दिए गए आदेश के आलोक में कोर्ट को जानकारी दी कि वह जवाब पेश नहीं कर पाए हैं इसलिए उन्हें समय दी जाए. अदालत ने उनके आग्रह को स्वीकार करते हुए उन्हें जवाब पेश करने के लिए 6 सप्ताह तक का समय दिया है.
पहले अदालत को दी गई थी यह जानकारी: पूर्व में उन्होंने अदालत को बताया कि यह केस राजनीति से प्रेरित होकर दायर किया गया है. निचली अदालत ने जो वारंट जारी किया है, वह उचित नहीं है. इसमें नियम का अनुपालन नहीं किया गया है. इसलिए इसे निरस्त कर दिया जाए. अदालत ने राहुल गांधी को अंतरिम राहत देते हुए शिकायतकर्ता को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा था.
क्या है पूरा मामला: दरअसल, एक चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने गृह मंत्री अमित शाह को हत्यारा कहकर संबोधित किया था. जिसके बाद चाईबासा के प्रताप कुमार ने राहुल गांधी द्वारा अमित शाह पर अभद्र टिप्पणी किए जाने के मामले में चाईबासा की निचली अदालत में शिकायत दायर की थी. उस याचिका पर सुनवाई के बाद निचली अदालत के जज ने राहुल गांधी के खिलाफ समन जारी किया था. समन जारी करने के बाद भी राहुल गांधी की ओर से अधिवक्ता के उपस्थित नहीं होने के बाद अदालत ने वारंट जारी किया था. उसी जारी समन और वारंट को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई. उसी याचिका पर सुनवाई हुई.
अमित शाह पर अभद्र टिप्पणी मामला: झारखंड हाई कोर्ट से राहुल गांधी को राहत जारी, 6 सप्ताह बाद अगली सुनवाई
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर अभद्र टिप्पणी मामले (Rahul Gandhi comment on Amit Shah) में झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. जहां राहुल को मिली राहत को बरकरार रखने का आदेश दिया गया. कोर्ट ने दोनों पक्षों को जवाब के लिए समय दिया है.
रांची: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर अभद्र टिप्पणी मामले (Rahul Gandhi comment on Amit Shah) में राहुल गांधी को झारखंड हाई कोर्ट से अगले आदेश तक राहत जारी रहेगी. मामले में राहुल गांधी की ओर से जवाब के लिए समय की मांग की गई है. अदालत ने उनके आग्रह को स्वीकार करते हुए दोनों पक्षों को जवाब पेश करने के लिए समय दिया है. अगली सुनवाई 6 सप्ताह बाद होगी. पूर्व में हाई कोर्ट ने निचली अदालत से राहुल गांधी के खिलाफ जारी वारंट पर रोक लगाते हुए उन्हें राहत दी थी. उसे अगले आदेश तक के लिए बढ़ा दिया गया है.
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वारंट रद्द करने की मांग को लेकर हुई सुनवाई: झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में जिला के निचली अदालत से राहुल गांधी के खिलाफ जारी वारंट रद्द करने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता ने पक्ष रखा. पूर्व में अदालत की ओर से जवाब के लिए दिए गए आदेश के आलोक में कोर्ट को जानकारी दी कि वह जवाब पेश नहीं कर पाए हैं इसलिए उन्हें समय दी जाए. अदालत ने उनके आग्रह को स्वीकार करते हुए उन्हें जवाब पेश करने के लिए 6 सप्ताह तक का समय दिया है.
पहले अदालत को दी गई थी यह जानकारी: पूर्व में उन्होंने अदालत को बताया कि यह केस राजनीति से प्रेरित होकर दायर किया गया है. निचली अदालत ने जो वारंट जारी किया है, वह उचित नहीं है. इसमें नियम का अनुपालन नहीं किया गया है. इसलिए इसे निरस्त कर दिया जाए. अदालत ने राहुल गांधी को अंतरिम राहत देते हुए शिकायतकर्ता को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा था.
क्या है पूरा मामला: दरअसल, एक चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने गृह मंत्री अमित शाह को हत्यारा कहकर संबोधित किया था. जिसके बाद चाईबासा के प्रताप कुमार ने राहुल गांधी द्वारा अमित शाह पर अभद्र टिप्पणी किए जाने के मामले में चाईबासा की निचली अदालत में शिकायत दायर की थी. उस याचिका पर सुनवाई के बाद निचली अदालत के जज ने राहुल गांधी के खिलाफ समन जारी किया था. समन जारी करने के बाद भी राहुल गांधी की ओर से अधिवक्ता के उपस्थित नहीं होने के बाद अदालत ने वारंट जारी किया था. उसी जारी समन और वारंट को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई. उसी याचिका पर सुनवाई हुई.