रांची: बोकारो के भारतीय स्टेट बैंक के 70 लॉकर टूटने के मामले की जांच की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में सभी पक्षों को सुनने के उपरांत राज्य सरकार के जवाब पर अपनी संतुष्टि जाहिर करते हुए याचिका को निष्पादित कर दिया है.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई
झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में बोकारो भारतीय स्टेट बैंक के लॉकर टूटने के मामले को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश ने अपने-अपने आवासीय कार्यालय से मामले की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकार के अधिवक्ता अपने-अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखे.
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जनहित याचिका पर सुनवाई
सरकार की ओर से बताया गया कि भारतीय स्टेट बैंक के जो लॉकर टूटे थे, उससे प्रभावित जो ग्राहक हुए थे, उन्हें मुआवजा के तौर पर राशि दे दी गई है, जो लॉकर टूटने में दोषी पाए गए अधिकारी थे, उन पर कार्रवाई के लिए आदेश दे दिया गया है. उनके ऊपर कार्रवाई चल रही है सरकार के अधिवक्ता ने अदालत से आग्रह किया कि ऐसी स्थिति में याचिका का चलना कि कोई औचित्य नहीं है अदालत ने सरकार के जवाब पर अपनी संतुष्टि जाहिर करते हुए याचिका को निष्पादित कर दिया है. बता दें कि बोकारो के भारतीय स्टेट बैंक में 70 बैंक लॉकर टूटने के मामले में झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी उसी जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने सरकार के जवाब को देखने के बाद याचिका को निष्पादित कर दिया