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संस्कृत शिक्षक नियुक्ति पर क्यों नहीं लिया निर्णय, तीन सप्ताह में दें जवाबः झारखंड हाई कोर्ट

राज्य के गैर अनुसूचित जिलों के हाई स्कूल में संस्कृत शिक्षक नियुक्ति मामले में दायर अवमाननावाद याचिका पर सुनवाई हुई. इस मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने झारखंड सरकार से निर्णय न लेने को लेकर जवाब मांगा है.

Hearing in Jharkhand High Court in Sanskrit teacher appointment case
संस्कृत शिक्षक नियुक्ति पर क्यों नहीं लिया निर्णय
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Published : Jul 6, 2021, 2:02 PM IST

Updated : Jul 6, 2021, 2:09 PM IST

रांची: राज्य के गैर अनुसूचित जिलों के हाई स्कूल में संस्कृत शिक्षक नियुक्ति मामले में दायर अवमाननावाद याचिका पर सुनवाई हुई. इस दौरान अदालत ने मामले में गंभीर रुख अख्तियार करते हुए राज्य सरकार से पूछा कि संस्कृत शिक्षक की नियुक्ति पर राज्य सरकार ने अभी तक निर्णय क्यों नहीं लिया है? राज्य सरकार को मामले में 3 सप्ताह में जवाब पेश करने का आदेश दिया है. इस मामले की अगली सुनवाई 23 जुलाई को होगी.

ये भी पढ़ें-जानिए सुनवाई के दौरान पूर्व विधायक संजीव सिंह के वकीलों ने झारखंड हाई कोर्ट में क्या दलीलें दीं

झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने बताया कि झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में हाई स्कूल में संस्कृत शिक्षक नियुक्ति मामले को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी ने अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई की. वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकार के अधिवक्ता ने अपने-अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार से पूछा कि संस्कृत शिक्षक की नियुक्ति पर अभी तक निर्णय क्यों नहीं लिया है? उन्होंने राज्य सरकार को इस मामले में 3 सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई सरकार का जवाब आने के बाद होगी.

देखें पूरी खबर

यह थी दलील

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि गैर अनुसूचित जिले में अदालत की ओर से किसी भी प्रकार की रोक नहीं लगाई गई है, हमारे मुवक्कित का अंतिम रूप से चयन हो गया है. इसके बावजूद भी नियुक्ति नहीं की जा रही है. इस पर अदालत ने पूर्व में राज्य सरकार को 8 सप्ताह का समय देकर निर्णय लेने का निर्देश दिया था. लेकिन राज्य सरकार ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है. इस पर अदालत ने राज्य सरकार को मामले में शपथ पत्र के माध्यम से विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है.

यह है मामला

बता दें कि याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर नियुक्ति देने की मांग की है. उसका कहना है कि हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में वह अंतिम रूप से चयनित हो गया है. इसके बावजूद भी नियुक्ति नहीं दी जा रही है. इस पर अदालत ने राज्य सरकार को 8 सप्ताह का समय देते हुए निर्णय लेने का निर्देश दिया था. लेकिन राज्य सरकार ने उस पर कोई निर्णय नहीं लिया. इसके बाद याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में अवमाननावाद याचिका दायर की है. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार को मामले में विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है.

रांची: राज्य के गैर अनुसूचित जिलों के हाई स्कूल में संस्कृत शिक्षक नियुक्ति मामले में दायर अवमाननावाद याचिका पर सुनवाई हुई. इस दौरान अदालत ने मामले में गंभीर रुख अख्तियार करते हुए राज्य सरकार से पूछा कि संस्कृत शिक्षक की नियुक्ति पर राज्य सरकार ने अभी तक निर्णय क्यों नहीं लिया है? राज्य सरकार को मामले में 3 सप्ताह में जवाब पेश करने का आदेश दिया है. इस मामले की अगली सुनवाई 23 जुलाई को होगी.

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झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने बताया कि झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में हाई स्कूल में संस्कृत शिक्षक नियुक्ति मामले को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी ने अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई की. वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकार के अधिवक्ता ने अपने-अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार से पूछा कि संस्कृत शिक्षक की नियुक्ति पर अभी तक निर्णय क्यों नहीं लिया है? उन्होंने राज्य सरकार को इस मामले में 3 सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई सरकार का जवाब आने के बाद होगी.

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यह थी दलील

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि गैर अनुसूचित जिले में अदालत की ओर से किसी भी प्रकार की रोक नहीं लगाई गई है, हमारे मुवक्कित का अंतिम रूप से चयन हो गया है. इसके बावजूद भी नियुक्ति नहीं की जा रही है. इस पर अदालत ने पूर्व में राज्य सरकार को 8 सप्ताह का समय देकर निर्णय लेने का निर्देश दिया था. लेकिन राज्य सरकार ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है. इस पर अदालत ने राज्य सरकार को मामले में शपथ पत्र के माध्यम से विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है.

यह है मामला

बता दें कि याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर नियुक्ति देने की मांग की है. उसका कहना है कि हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में वह अंतिम रूप से चयनित हो गया है. इसके बावजूद भी नियुक्ति नहीं दी जा रही है. इस पर अदालत ने राज्य सरकार को 8 सप्ताह का समय देते हुए निर्णय लेने का निर्देश दिया था. लेकिन राज्य सरकार ने उस पर कोई निर्णय नहीं लिया. इसके बाद याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में अवमाननावाद याचिका दायर की है. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार को मामले में विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है.

Last Updated : Jul 6, 2021, 2:09 PM IST
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