रांची: संगीत शिक्षक नियुक्ति में प्रमाण पत्र की वैधता पर सरकार के दो तरह के जवाब पर हाई कोर्ट ने सख्त नाराजगी व्यक्त की है. अदालत ने राज्य सरकार के सेकेंडरी एजुकेशन निदेशक को हाजिर होने का आदेश दिया है. कोर्ट ने निदेशक को 3 अगस्त को अदालत में हाजिर होकर जवाब पेश करने को कहा है. जवाब में उन्हें यह बताने को कहा गया है कि किस परिस्थिति में एक बार डिग्री को सही बताया गया और दूसरी बार उसी डिग्री को फर्जी बताया जा रहा है.
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सरकार के अधिवक्ता ने दी ये दलील: झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश डॉ एसएन पाठक की अदालत में संगीत शिक्षक नियुक्ति में प्रभाकर की डिग्री की मान्यता को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई. सरकार के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता की जो प्रभाकर की डिग्री है, वह सही प्रतीत नहीं हो रही है क्योंकि यह डिग्री एक साल की ही है. स्नातक की डिग्री एक साल की कैसे हो सकती है.
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने किया विरोध: सरकार के अधिवक्ता की इस दलील का विरोध करते हुए याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि सरकार के अधिवक्ता ने पहले शपथ पत्र देकर अदालत को बताया है कि प्रभाकर कि जो यह डिग्री है, सही है लेकिन, कुछ ही दिनों में सरकार का जवाब फिर से बदल गया. अदालत ने पहले दिए गए सरकार के जवाब को देखा और वर्तमान जवाब में बदलाव पर भी गौर किया. अदालत ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए निदेशक को हाजिर होकर जवाब देने का निर्देश दिया है.
क्या है पूरा मामला: दरअसल, याचिकाकर्ता देवराज चटर्जी और अन्य ने हाई कोर्ट में प्रभाकर की डिग्री की मान्यता को लेकर याचिका दायर की है. उन्होंने कहा है कि उनकी डिग्री सही है, मान्यता प्राप्त है. विज्ञापन में जो शर्त दिया गया है, उसके अनुरूप है. इसके बावजूद भी याचिकाकर्ता का चयन नहीं किया गया है, जो कि नियम के विरुद्ध है. इसी मामले पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई.