रांची: JVM से कांग्रेस में शामिल होने वाले विधायक बंधु तिर्की और प्रदीप यादव के ऊपर लगे दल-बदल के आरोप को लेकर झारखंड विधानसभा अध्यक्ष न्यायाधीकरण में पहली बार सुनवाई हुई. स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने सुनवाई करते हुए न्यायाधीकरण से प्रार्थी को आरोपी की ओर दाखिल जवाब की कॉपी उपलब्ध कराने का आदेश देते हुए अगली सुनवाई तक के लिए सुनवाई स्थगित कर दिया.
स्पीकर कोर्ट में हुई ऑनलाइन सुनवाई में वादी पक्ष समरी लाल, सरोज सिंह और विनोद शर्मा के अधिवक्ताओं ने बताया कि उन्हें प्रतिवादी पक्ष की ओर से दाखिल जवाब नहीं मिला है. इस पर प्रतिवादी पक्ष प्रदीप यादव और बंधु तिर्की के अधिवक्ता एसबी गाड़ोदिया ने बताया कि उन्होंने स्पीकर कोर्ट में जवाब दाखिल कर दिया है. स्पीकर ने जवाब की प्रतिवादी उपलब्ध कराने का निर्देश देते हुए सुनवाई अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दिया.
सुनवाई के बाद समरी लाल के अधिवक्ता जितेंद्र वर्मा ने ईटीवी भारत को बताया कि प्रदीप यादव और बंधु तिर्की की ओर से जवाब दाखिल कर दिया गया है, लेकिन उसकी प्रति हमें नहीं मिली है. प्रति मिलने के बाद इस मामले में बहस को आगे बढ़ाएंगे. स्पीकर कोर्ट में सरोज सिंह की ओर से शिवशंकर साहू और विनोद शर्मा की ओर से अधिवक्ता विनोद कुमार ने ऑनलाइन अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. बता दें कि दल-बदल का मामला झाविमो के विलय से जुड़ा हुआ है. तत्कालीन झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने 17 फरवरी 2020 को रांची में गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में पार्टी का विलय भाजपा में कर दिया था. उसके बाद झाविमो के तत्कालीन विधायक प्रदीप यादव और बंधु तिर्की ने अपने दल का विलय कांग्रेस में करने की घोषणा की थी.
बाबूलाल मामले में मंगलवार को होगी सुनवाई
इधर, पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी पर लगे दलबदल के आरोप मामले में सुनवाई मंगलवार को स्पीकर कोर्ट में होगी. बाबूलाल मरांडी के अधिवक्ता आर एन सहाय ने कहा कि न्यायाधीकरण से वे इस मामले की सुनवाई जल्द पूरा करने का आग्रह करते रहे हैं और मंगलवार को भी करेंगे. उन्होंने कहा कि बाबूलाल पर दसवीं अनुसूची का लगा आरोप निराधार है और जेवीएम का भाजपा में विलय पूरी तरह से वैध है.