रांचीः जिले के मूरी में हिंडाल्को कंपनी के कचरे से प्रदूषण होने का आरोप लगाते हुए इसे रोकने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान अदालत ने राज्य सरकार से पूछा कि सरकार और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए क्या कर रही है? उन्होंने मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार और झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को शपथ पत्र के माध्यम से जवाब पेश करने को कहा है.
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हाईकोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने बताया कि झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में मूरी के हिंडाल्को कंपनी से निकलने वाले कचरे से प्रदूषण रोकने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. दोनों न्यायाधीश ने अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई की. वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकार के अधिवक्ता प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिवक्ता ने अपने-अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार और झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को शपथ पत्र के माध्यम से 2 सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 18 दिसंबर को होगी.
यह है मामला
याचिकाकर्ता अरुण सोरेन ने हिंडाल्को कंपनी पर उसके कचरे से प्रदूषण होने का आरोप लगाया है. याचिकाकर्ता ने उसे रोकने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने सरकार से जवाब मांगा है. मामले की अगली सुनवाई 18 दिसंबर को होगी.