रांचीः राज्य के गैर अनुसूचित जिलों के हाई स्कूल में संस्कृत शिक्षक नियुक्ति मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत राज्य सरकार को 4 सप्ताह में अपना पक्ष रखने को कहा है. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा है कि, गैर अनुसूचित जिले के ये शिक्षक हैं जो अंतिम रूप से चयनित भी हो गए हैं, लेकिन अभी तक उन्हें नियुक्ति पत्र नहीं दिया गया है.
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झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश डॉ एस.एन पाठक की अदालत में हाई स्कूल में संस्कृत शिक्षक नियुक्ति मामले को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई.
न्यायाधीश अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई की. वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकार के अधिवक्ता अपने अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा.
अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत राज्य सरकार को संस्कृत शिक्षकों की नियुक्ति पर 4 सप्ताह में अपना पक्ष पेश करने को कहा है.
मामले की अगली सुनवाई 5 मई को होगी. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि, गैर अनुसूचित जिले में अदालत द्वारा किसी भी प्रकार की रोक नहीं लगाई गई है.
हम लोगों का अंतिम रूप से चयन हो गया, उसके बावजूद भी नियुक्ति नहीं की जा रही है, जबकि अन्य कई जिलों में नियुक्ति कर दी गई है. कुछ जिलों में नहीं हुआ है, जिस पर अदालत ने झारखंड सरकार के शिक्षा सचिव को 4 सप्ताह में अपना पक्ष रखने को कहा है.
बता दें कि याचिकाकर्ता राजीव मिश्रा एवं अन्य ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. उनका कहना है कि हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में अंतिम रूप से चयन हो गया है.
इसके बावजूद भी नियुक्ति नहीं की जा रही है जिस पर अदालत ने राज्य सरकार को 4 सप्ताह में अपना पक्ष रखने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 5 मई को होगी.