रांची: झारखंड हाई कोर्ट में गुरुवार को जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान कोरोना संक्रमण से जान गंवाने वाले पत्रकारों और अन्य व्यक्तियों के परिजनों को मुआवजा कैसे मिले, इस पर चर्चा की गई. अधिवक्ता राजीव कुमार ने सुनवाई के दौरान अदालत से कहा कि झारखंड में कई पत्रकारों और अन्य गरीब परिवार के लोगों की कोरोना संक्रमण से मृत्यु हुई है. उन्हें सरकार की ओर से मुआवजा नहीं दिया जा रहा है. अधिवक्ता ने अदालत से आग्रह करते हुए कहा कि सरकार को दिशा-निर्देश दिया जाएं.
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अधिवक्ता राजीव कुमार ने कहा कि राज्य में कोरोना संक्रमण से मरने वाले लोगों के मृत्यु प्रमाण पत्र पर कोविड-19 का जिक्र नहीं किया जाता है. उनके मृत्यु प्रमाण पत्र पर निमोनिया, टाइफाइड, हार्ट अटैक और अन्य कारण लिख दिए जाते हैं. इससे उन्हें मुआवजा नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने पत्रकार मृत्युंजय श्रीवास्तव का जिक्र करते हुए कहा कि उनका निधन कोरोना से हुआ है लेकिन मृत्यु प्रमाण पत्र पर कोविड-19 का जिक्र नहीं है. इससे मृत्युंजय के परिजनों को उनके संस्थान से किसी तरह का मुआवजा या बीमा का भुगतान नहीं हो पाया है.
17 जून को होगी अगली सुनवाई
अदालत से आग्रह किया गया है कि जिनका कोरोना से निधन हुआ है उनके प्रमाण पत्र पर कोविड-19 का जिक्र होना चाहिए. इस पर अदालत ने प्रार्थी को स्पेसिफिक शपथ पत्र देने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही प्रार्थी के शपथपत्र पर रिम्स को अपना जवाब देने को कहा गया है. मामले की अगली सुनवाई 17 जून को होगी.