रांची: बंटवारा के समय बिहार से आए लोगों को झारखंड में आरक्षण का लाभ मिले या नहीं इस बिंदु पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के उपरांत झारखंड सरकार को गिरिवर मिंज को प्रतिवादी बनाने और झारखंड लोक सेवा आयोग को नोटिस जारी करने को कहा है.
उन्हें लिखित जवाब पेश करने को कहा है, साथ ही मामले की विस्तृत सुनवाई के लिए 3 दिसंबर की तिथि निर्धारित की है. झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में राज्य बंटवारे के समय बिहार से आए कर्मी को सीमित झारखंड लोक सेवा प्रतियोगिता परीक्षा में आरक्षण का लाभ मिले या नहीं मिले इस मामले पर सुनवाई हुई.
न्यायाधीश आपने अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकार के अधिवक्ता अपने अपने आवास से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा.
अदालत ने मामले में सुनवाई के उपरांत अदालत ने राज्य सरकार को मामले में प्रभावित गिरिवर मिंज को प्रतिवादी बनाने को कहा है.
साथ ही झारखंड लोक सेवा आयोग को प्रतिवादी गिरिवर मिंज को नोटिस जारी करने को कहा और उन्हें अपना पक्ष अदालत में पेश करने को कहा है.
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मामले की अगली सुनवाई 3 दिसंबर को होगी बता दें कि द्वितीय, तृतीय और चतुर्थ सीमित झारखंड लोक सेवा प्रतियोगिता परीक्षा में याचिकाकर्ता अखिलेश कुमार मनोज कुमार को आरक्षण का लाभ नहीं मिला, जेपीएससी के इस निर्णय के खिलाफ याचिकाकर्ता ने झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर की.
एकल पीठ ने उन्हें आरक्षण का लाभ दिए जाने का आदेश दिया, लेकिन राज्य सरकार और झारखंड लोक सेवा आयोग ने ने एकल पीठ के आदेश को एलपीए के माध्यम से युगल पीठ में चुनौती दी है. उसी याचिका पर सुनवाई के उपरांत अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 3 दिसंबर को तय की है.