रांची: ओडिशा के प्रसिद्ध जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा के तर्ज पर झारखंड की राजधानी रांची में सैकड़ों सालों से आयोजित हो रही रथ मेला का आयोजन पहले की तरह करने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने सरकार के जवाब पर अपनी संतुष्टि जाहिर करते हुए याचिका को निष्पादित कर दिया है. झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई.
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दोनों पक्षों ने जाहिर की सहमति: सुनवाई के दौरान झारखंड सरकार की ओर से अदालत को जानकारी दी गई है कि रथ मेला के आयोजन को लेकर सरकार ने आदेश जारी किया है. मेला का आयोजन पहले की भांति ही की जाएगी. सरकार के जवाब पर प्रार्थी के अधिवक्ता ने भी अपनी सहमति जाहिर की. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद याचिका को निष्पादित कर दिया है.
क्या है पूरा मामला: दरअसल, झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने एक याचिका दायर की थी, जिसके माध्यम से उन्होंने अदालत से यह मांग की है कि रथ मेला आयोजन पहले की तरह करने का निर्देश दिया जाए और साथ ही उन्होंने मेला को लेकर रांची डीसी के द्वारा दिए गए दिशा निर्देश को रद्द करने की मांग की थी. याचिका में उन्होंने कहा था कि अन्य सभी कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. पूरे स्ट्रैंथ के साथ क्रिकेट मैच का आयोजन किया जा रहा है. सभा एवं अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है, तो रथ मेला के आयोजन पर पाबंदी और लगाने का क्या औचित्य है. उन्होंने यह भी कहा कि देश के सबसे मुख्य मेलों में एक जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा पर जब कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है, तो रांची के रथ यात्रा पर प्रतिबंध क्यों लगाया गया है.