रांची: राजधानी में मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने मीडिया से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने दावा किया कि प्रदेश में आयुष्मान भारत के तहत कवर होने वाले 57 में से 29 लाख लोगों का खर्च राज्य सरकार वहन कर रही है. ऐसे में उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के समक्ष उस योजना का नाम बदलने का प्रस्ताव रखा है.
योजना का नाम बदलने की गुजारिश
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने मंगलवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की. मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया कि आयुष्मान योजना से कवर होने वाले 57 लाख लोगों में से केवल 28 लाख लोगों का 60% केंद्र सरकार से मिलता है, जबकि 40% खर्च राज्य सरकार वहन करती है. दूसरी तरफ उसी में मुख्यमंत्री असाध्य रोग के तहत कवर किए जाने वाले लोगों का स्वास्थ्य खर्च राज्य सरकार वहन करती है. उन्होंने कहा कि यह तो 'माल महाराज का और मिर्जा खेले होली' वाली कहावत चरितार्थ हो गई है. इसलिए उन्होंने राज्य सरकार से इस योजना का नाम बदलने की गुजारिश की है.
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सीएम तय करें योजना का नाम
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अब यह मुख्यमंत्री को तय करना है कि इसका नाम बदला जाए या फिर इसे नई योजना के नाम से रजिस्टर्ड किया जाए. उन्होंने कहा कि कोरोना को लेकर राज्य सरकार पूरी तरह से मुस्तैद है. मंगलवार को मुख्यमंत्री से प्लाज्मा थेरेपी को लेकर डिस्कशन हुआ है. राज्य में डायलिसिस की व्यवस्था कैसे अच्छी हो, इसको लेकर भी चर्चा हुई है.
150 ट्रूनेट मशीन खरीदे जाएंगे
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य में 150 और ट्रूनेट मशीन खरीदी जा रही है. इस तरह कोरोना वायरस से निपटने के लिए सरकार आगे बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि पहले ही 60 मशीनें खरीदी जा चुकी है, साथ ही तीन नए लैब तैयार होने जा रहे हैं. चार निजी लैब को भी इस बाबत स्वीकृति दी गई है. इसमें कहीं कोई संशय नहीं है कि राज्य सरकार पूर्णा संक्रमण से निपटने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है.