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शासी परिषद की बैठक में गाड़ी खरीदने के मामले पर स्वास्थ्य मंत्री की सफाई, बताई रिम्स निदेशक की गलती - रिम्स की शासी परिषद की बैठक

रिम्स के पैसे से स्वास्थ्य मंत्री के लिए गाड़ी खरीदने के मामले में मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि निदेशक की तरफ से इसे लेकर किसी तरह की कोई चर्चा नहीं की गई और प्रस्ताव को रिव्यू करने के समय गाड़ी खरीदने के प्रस्ताव को नहीं देख पाया.

Health Minister Banna Gupta
बन्ना गुप्ता, स्वास्थ्य मंत्री
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Published : Oct 13, 2020, 9:40 PM IST

रांची: सरकार से दवा और उपकरण के लिए मिले अनुदान के पैसे से स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के लिए गाड़ी खरीदने की तैयारी के मामले पर स्वास्थ्य मंत्री ने ईटीवी भारत की टीम को सफाई दी. उन्होंने कहा कि निदेशक की तरफ से इसे लेकर किसी तरह की कोई चर्चा नहीं की गई और प्रस्ताव को रिव्यू करने के समय गाड़ी खरीदने के प्रस्ताव को नहीं देख पाया. क्योंकि एजेंडा संख्या 24 में ब्लड बैंक के लिए मोबाइल वैन और ट्रांसपोर्टेशन वैन के साथ साथ डोरंडा के लिए एक मिनी बस की खरीदारी की भी चर्चा की गई है.

Health Minister Banna Gupta
प्रस्ताव की कॉपी

वहीं उन्होंने कहा कि बुधवार को होने वाले शासी परिषद की बैठक में इस प्रस्ताव को निरस्त किया जाएगा. क्योंकि वह समाजवादी नेता हैं और उन्हें गाड़ी और अन्य संसाधनों की लालच नहीं है. पहले स्वास्थ्य मंत्री ने पूरे मामले पर यह कहा था कि पूर्व के निदेशक डॉ डीके सिंह की तरफ से पूर्व स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी के लिये यह प्रस्ताव लाया गया था, लेकिन जब उनसे पूछा गया कि आखिर आपने रिव्यू पूरे प्रस्ताव की जरूर की होगी तो उस समय आपने इस प्रस्ताव पर मुहर क्यों लगाई तो इस पर उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि उस समय हमारा नजर उस पंक्ति पर नहीं गया था.

ये भी पढ़ें- क्या उम्मीदों पर खरी उतर रही है मुख्यमंत्री श्रमिक योजना? देखिए ईटीवी भारत की पड़ताल


स्वास्थ्य मंत्री का पूरा मामले पर कुछ इस तरह बयान बदलना और पूरी गलती निदेशक पर डालना कहीं ना कहीं यह जरूर दर्शाता है कि स्वास्थ्य मंत्री के अनुमति पर ही गाड़ी खरीदने की प्रस्ताव दी गई थी. लेकिन जब मामला प्रकाश में आया तो वहीं से पीछे हटते नजर आ रहे हैं.

रांची: सरकार से दवा और उपकरण के लिए मिले अनुदान के पैसे से स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के लिए गाड़ी खरीदने की तैयारी के मामले पर स्वास्थ्य मंत्री ने ईटीवी भारत की टीम को सफाई दी. उन्होंने कहा कि निदेशक की तरफ से इसे लेकर किसी तरह की कोई चर्चा नहीं की गई और प्रस्ताव को रिव्यू करने के समय गाड़ी खरीदने के प्रस्ताव को नहीं देख पाया. क्योंकि एजेंडा संख्या 24 में ब्लड बैंक के लिए मोबाइल वैन और ट्रांसपोर्टेशन वैन के साथ साथ डोरंडा के लिए एक मिनी बस की खरीदारी की भी चर्चा की गई है.

Health Minister Banna Gupta
प्रस्ताव की कॉपी

वहीं उन्होंने कहा कि बुधवार को होने वाले शासी परिषद की बैठक में इस प्रस्ताव को निरस्त किया जाएगा. क्योंकि वह समाजवादी नेता हैं और उन्हें गाड़ी और अन्य संसाधनों की लालच नहीं है. पहले स्वास्थ्य मंत्री ने पूरे मामले पर यह कहा था कि पूर्व के निदेशक डॉ डीके सिंह की तरफ से पूर्व स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी के लिये यह प्रस्ताव लाया गया था, लेकिन जब उनसे पूछा गया कि आखिर आपने रिव्यू पूरे प्रस्ताव की जरूर की होगी तो उस समय आपने इस प्रस्ताव पर मुहर क्यों लगाई तो इस पर उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि उस समय हमारा नजर उस पंक्ति पर नहीं गया था.

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स्वास्थ्य मंत्री का पूरा मामले पर कुछ इस तरह बयान बदलना और पूरी गलती निदेशक पर डालना कहीं ना कहीं यह जरूर दर्शाता है कि स्वास्थ्य मंत्री के अनुमति पर ही गाड़ी खरीदने की प्रस्ताव दी गई थी. लेकिन जब मामला प्रकाश में आया तो वहीं से पीछे हटते नजर आ रहे हैं.

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