रांची: राज्य में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच स्वास्थ्य व्यवस्था लचर होती जा रही है. इस लचर व्यवस्था का खामियाजा राज्य के लोगों को भुगतना पड़ रहा है. राज्य में संक्रमित मरीजों की संख्या प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, इसीलिए राज्य सरकार की तरफ से जांच का दायरा भी बढ़ाया जा रहा है, लेकिन जांच का दायरा बढ़ने के बावजूद भी लोगों को जांच के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है.
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जांच के लिए परेशान हैं लोग
आंकड़ों की बात करें तो पिछले साल दिसंबर महीने में एक दिन में लगभग 25 से 30 हजार लोगों की जांच की जाती थी, लेकिन वर्तमान में 1 दिन में मात्र 18 से 20 हजार लोगों की ही जांच हो रही है, जबकि इस साल कोरोना का कहर पिछले साल से ज्यादा है. इसके बावजूद जांच समय पर नहीं हो पा रही है. कोविड जांच कराने पहुंचे एक छात्र ने बताया कि वह पिछले 2 दिनों से जांच के लिए परेशान हैं, लेकिन उसकी जांच नहीं हो पा रही है. उसने अपनी परेशानी साझा करते हुए बताया कि भीड़ इतनी ज्यादा है कि समय पर जांच नहीं हो पाती है.
लोगों को हो रही परेशानी
जांच केंद्रों पर व्यवस्था सही नहीं है. इस कारण लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. यहां ना तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो पाता है और ना ही स्वास्थ्य विभाग की तरफ से सेनेटाइजेशन की व्यवस्था की गई है. इसको लेकर जब ईटीवी भारत की टीम ने रिम्स के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ डीके सिन्हा से जानकारी ली, तो उन्होंने बताया कि जिस तरह से स्वास्थ्य कर्मी दिन-प्रतिदिन संक्रमित हो रहे हैं. इस वजह से भी जांच की व्यवस्था नहीं हो पा रही है. जांच केंद्रों पर भीड़ होने का मुख्य कारण यह भी है कि वर्तमान में रांची सहित पूरे राज्य में मौसम परिवर्तन देखा जा रहा है, जिस वजह से लोग कई बार बुखार या सीजनल फ्लू से ही ग्रसित हो जाते हैं, जिस कारण लोगों को में यह शंका हो जाती है कि कहीं उन्हें कोरोना तो नहीं हो गया और लोग जांच कराने पहुंच जाते हैं.
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जांच केंद्रों पर लापरवाही
रांची के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ माया बताती हैं कि सीजनल बुखार को लेकर लोगों को ध्यान देने की जरूरत है, ताकि वो यह समझ सके कि उन्हें बुखार है या फिर कोरोना का असर. जिस प्रकार से जांच केंद्रों पर लापरवाही बरती जा रही है. ऐसे में जरूरी है कि स्वास्थ विभाग जांच व्यवस्था को मजबूत करें, ताकि लोगों को राहत महसूस हो सके.