रांची: महापर्व छठ में आज खरना है. रविवार को व्रति अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देंगे. इसके लिए छठ घाटों पर तैयारियां अपने अंतिम चरण में हैं. रांची के हटिया डैम में भी काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. HEC परिसर में 1960 के दशक में बने हटिया डैम में छठ के दिन का नजारा बेहद खास होता है. धुर्वा इलाके में बिहार से आकर बसे लोगों की संख्या काफी है. इसलिए हटिया डैम में छठ पूजा के दौरान का नजारा मिनी बिहार जैसा हो जाता है. महापर्व छठ पर्व से जुड़ी भोजपुरी गीतों, व्रतियों के परिजनों खासकर महिलाओं द्वारा पारंपरिक छठ गीतों से पूरा हटिया डैम क्षेत्र का माहौल छठमय हो जाता है.
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38 फीट गहरा है डैम, 28 फीट है पानी: हटिया डैम राजधानी रांची के सबसे साफ पानी वाला डैम माना जाता है. यहां छठ व्रत करने की एक अलग खासियत भी है. यहां छठ व्रत के दौरान सावधानी बरतने की भी जरूरत है. यह डैम 38 फीट गहरा है और अभी करीब 28 फीट पानी है. पानी में उतरते ही थोड़ी दूरी पर ही काफी गहराई है. ऐसे में स्थानीय छठ पूजा समिति और नगर निगम ने किसी अनहोनी से बचने और सुरक्षित अर्घ्य का कार्यक्रम हो, इसके लिए बांस की बैरिकेडिंग कर दी है. पूजा समिति की तरफ से अपील की गई है कि किसी भी परिस्थिति में बैरिकेडिंग के आगे श्रद्धालु नहीं जाएं.
SDRF और NDRF की टीम रहेगी मौजूद: 19 और 20 नवंबर को हटिया डैम में किसी अनहोनी घटना ने निपटने और आपात समय में सहायता पहुंचाने के लिए SDRF और NDRF की टीम लगातार डैम में गश्त करती रहेगी. इसके साथ स्वास्थ्य विभाग की ओर से एम्बुलेंस के साथ डॉक्टर आपात दवाओं के साथ मौजूदगी रहेंगे. रांची नगर निगम की ओर से यहां भी कई अस्थाई चेंजिंग रूम बनाये गए हैं. वहीं घाट तक पहुंचने वाले रास्ते पर लाइटिंग की व्यवस्था की जा रही है.