रांचीः जनजाति कल्याण मद में केंद्र से मिली राशि खर्च नहीं हो रहा है. राज्यपाल रमेश बैस (Governor Ramesh Bais) ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि राज्य के अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के लिए राशि की कमी नहीं है. प्रतिबद्धता के साथ योजनाओं को क्रियान्वय करने वालों का अभाव है. राज्यपाल ने कहा कि पर्याप्त राशि होने के बावजूद राज्य के जनजाति बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं. उन्होंने जनजातियों के विकास के लिए विभाग को सही योजनाओं बनाने के साथ साथ ससमय क्रियान्वयन का निर्देश दिया है, ताकि केंद्र से प्राप्त राशि का लाभ अधिक से अधिक लोगों को मिल सके.
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राज्यपाल रमेश बैस ने राज्य सरकार की ओर से बनाई गई टीएसी की वैधानिकता पर सवाल उठाये है. राजभवन में अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की. समीक्षा के बाद राज्यपाल ने कहा कि झारखंड 5वीं अनुसूची क्षेत्र में आता है. लेकिन विभागीय अधिकारियों की ओर से पिछले 18 महीने में एक बार भी योजनाओं से अवगत नहीं कराया गया. राज्यपाल ने कहा कि राज्य के विकास के प्रति प्रतिबद्ध हैं और सरकार को सहयोग प्रदान करने आए हैं.
राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा टीएसी से संबंधी प्रस्ताव को वापस कर दिया. पूर्व में राज्यपाल द्वारा टीएसी में 2 व्यक्तियों को नामित किए जाने का प्रावधान था, जिसे इस नियमावली के तहत समाप्त किया गया. सरकार को इस संबंधी पत्र प्रेषित किया गया है. लेकिन इसका जवाब अब तक प्राप्त नहीं हुआ है. समीक्षा बैठक में भी विभागीय अधिकारियों द्वारा ऐसी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई. राज्यपाल ने विगत दिनों आयोजित टीएसी की बैठकों और उसकी कार्यवाही की वैधानिकता पर भी प्रश्नचिन्ह उठाये, जिसका जबाव उपस्थित विभागीय अधिकारियों ने नहीं दिया.
राज्यपाल ने कल्याण विभाग द्वारा संचालित छात्रावास योजना पर कहा कि छात्रावासों की स्थिति बेहतर हो. इस दिशा में ध्यान दिया जाए. उन्होंने कहा कि जो विद्यार्थी उत्तीर्ण हो जाते हैं, उन्हें 2-3 माह समय देकर छात्रावास खाली करने का आदेश दें. मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सहायता योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि इतने महत्वपूर्ण योजना के क्रियान्वयन में शिथिलता अफसोस का विषय है. उन्होंने कहा कि केंद्र से तीन वित्तीय वर्षों में प्राप्त राशि का 50 प्रतिशत भी खर्च नहीं हुआ है. भारत सरकार से 2020-21 में 102.78 करोड़ मिला, जिसमें खर्च 43.49 करोड़, 2021-22 में 122.64 के विरुद्ध 17.90 और 2022-23 में 67.48 के विरुद्ध राज्य सरकार अब तक कोई राशि खर्च नहीं की है.
सीसीडी योजना के तहत 2020-21 में 1777.29 लाख के विरुद्ध 1019.75 और 2021-22 में 1696.93 लाख के विरुद्ध 262.27 लाख ही राज्य सरकार खर्च कर सकी है. इससे 2022-23 में स्वीकृत राशि 2551.77 लाख के विरुद्ध कोई राशि जारी नहीं की गई. राज्यपाल ने एससीए टू टीएसपी योजना की स्थिति पर आश्चर्य और दुःख प्रकट करते हुए कहा कि भारत सरकार से वित्तीय वर्ष 2020-21 में विमुक्त 7049.64 लाख राशि के विरुद्ध 1311.838 लाख, 2021-22 में 6531.00 लाख के विरुद्ध कोई खर्च नहीं हुआ है. इसका असर यह हुआ कि 2022-23 में केंद्र सरकार से राशि नहीं मिला है.