रांचीः इन दिनों युवाओं में नशा के प्रति रुझान देखने को मिल रहा है. इसकी वजह से आपराधिक घटनाएं भी बढ़ रही हैं. घरेलू हिंसा बढ़ने के पीछे नशा भी एक बड़ा कारण है. इससे मुक्ति के लिए प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय ने नशा मुक्ति अभियान शुरू किया है. रांची के हरमू रोड स्थित सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन भी शामिल हुए.
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राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने कहा है कि नशाखोरी आधुनिक समाज की सबसे ज्वलंत समस्याओं में से एक है. कई मायनों में यह लाईलाज बीमारियों से भी अधिक खतरनाक है. नशीली दवाओं के सेवन से उनका जीवन तो बर्बाद होता ही है, उनके परिवार को भी बहुत पीड़ा का सामना करना पड़ता है.
राज्यपाल ने कहा कि मादक द्रव्यों का सेवन एक गंभीर मुद्दा है, जिसने हमारे समाज को बहुत लंबे समय से त्रस्त रखा है. इससे अनगिनत लोगों की जान गई है, व्यक्तियों, परिवारों और समाज को अपूरणीय क्षति हुई है. उन्होंने नशा मुक्ति अभियान के आयोजन लिए प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय को बधाई देते हुए कहा कि नशीले पदार्थों के सेवन व इसके दुष्परिणामों के बारे में जागरुकता पैदा करने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम का आयोजन सराहनीय है. उन्होंने कहा कि उनके द्वारा भी 5 सूत्री कार्यक्रम के तहत, जिसमें नशीले पदार्थों का उन्मूलन शामिल था, 93 दिनों तक लगातार 19000 किलोमीटर की रथ यात्रा निकाली गई थी.
राज्यपाल ने कहा कि विडम्बना है कि कुछ लोग जानकारी के अभाव में नशीली दवाओं के दुरुपयोग में संलिप्त हो जाते हैं. स्वार्थी लोगों द्वारा अपने गलत उद्देश्यों की पूर्ति के लिए मासूमों को नशीली दवा दी जाती है. ऐसे कई उदाहरण भी सामने आए हैं. उन्होंने कहा कि नशा मुक्ति अभियान की सफलता अकेले सिर्फ एक संगठन की जिम्मेदारी नहीं है, इसके लिए समाज के सभी सदस्यों को सामूहिक प्रयास और सहयोग करने की आवश्यकता है. हम सामूहिक रूप से प्रयास कर एक सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं और नशामुक्त समाज का निर्माण कर सकते हैं.