रांचीः राजभवन में भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में भारतीय रिजर्व बैंक के अधिकारियों और बैंक अधिकारियों के साथ राज्यपाल रमेश बैस (Governor Ramesh Bais) ने संवाद किया. राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि बैंक आए व्यक्ति से अच्छा व्यवहार करें. हमारे देश में ग्राहक को भगवान समझा जाता है. बैंक आये व्यक्ति भी ग्राहक हैं. उन्होंने कहा कि आज बैंकिंग सेवा में बदलाव आया है, पहले ऋण लेने के लिए लोगों को बैंक जाकर आग्रह करना पड़ता था. लेकिन अब बैंक प्रतिनिधि ग्राहक के द्वार ऋण देने पहुंचने लगे हैं.
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राज्यपाल रमेश बैस ने बैंक अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए कहा लोग साइबर ठगी का शिकार होकर जीवन भर की कमाई गवां देते हैं तो उनके दुखों की कल्पना नहीं की जा सकती है. सुनने में आता है कि जामताड़ा साइबर क्राइम की जननी है और विदेशों से भी लोग यहां प्रशिक्षण लेने आते हैं. साइबर अपराध पर नियंत्रण की दिशा में बैंक और पुलिस प्रशासन का महत्वपूर्ण दायित्व है. उन्होंने कहा कि बैंक पीड़ित व्यक्ति की सहायता करने के लिए तत्पर रहें. पीड़ित व्यक्ति के साथ टाल-मटोल का रवैया ना अपनाये. उन्होंने कहा कि आज अधिक से अधिक ग्राहक डिजिटल लेनदेन भी कर रहे हैं. अधिकांश वित्तीय सेवांए ऑनलाइन उपलब्ध हैं.
राज्यपाल ने कहा कि उपभोक्ताओं को यह भी समझाने की आवश्यकता है कि इंटरनेट बैंकिंग का उपयोग सही और सुरक्षित तरीके से कैसे करना है. लोगों को जागरूक करने की जरूरत है. अपने व्यक्तिगत पहचान पत्र, आधार कार्ड, पैन कार्ड अनावश्यक किसी से साझा ना करें. ग्राहक अधिक से अधिक अपने उपभोक्ता अधिकारों के बारे में कैसे जागरूक हो. आरबीआई को इस दिशा में भी ध्यान देने की आवश्यकता है. ग्राहकों को खाता खुलवाने के समय ही रिजर्व बैंक द्वारा जागरूकता संबंधी पत्रक दिये जाये. इस अवसर पर राज्यपाल के प्रधान सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी, आरबीआई के महाप्रबंधक संजीव सिन्हा, लोकपाल आरबीआई चंदना दासगुप्ता सहित कई लोग उपस्थित थे.