रांची: झारखंड के बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने सरकार की प्राथमिकताएं और पिछले एक साल में किए गए कार्यों को साझा किया. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता एसटी-एससी, पिछड़ा और अल्पसंख्यकों के जीवन में बदलाव लाना है. उनके हितों को ध्यान में रखकर विकास की नीति निर्धारित की जा रही है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार भ्रष्टाचार के मामलों में जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है.
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मुख्यमंत्री दाल-भात योजना के तहत 1335 केंद्रों का संचालन
साल 2020-21 में 51 लोक सेवकों को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. लॉकडाउन के दौरान श्रमिक और उनके परिजनों को भोजन उपलब्ध कराने के मद में 38 करोड़ 75 लाख खर्च किए गए. दूसरे राज्यों में फंसे 1 लाख 99 हजार 226 प्रवासी मजदूरों के खाते में डीबीटी के जरिए एक हजार रुपए प्रति व्यक्ति भेजे गए. गरीबों के लिए मुख्यमंत्री दाल-भात योजना के तहत 1 हजार 335 केंद्रों का संचालन किया गया. वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडोक्ट के आधार पर राज्य के सभी जिलों को एक्सपोर्ट हब के रूप में विकसित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि उग्रवाद प्रभावित रांची, खूंटी, सिमडेगा, रामगढ़, दुमका और गिरिडीह जिले में युवाओं के कौशल विकास के लिए एक-एक औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान तैयार हो रहा है. नवीकरण ऊर्जा के मद्देनजर गिरिडीह शहर को सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है.
मनरेगा की मजदूरी दर में बढ़ोतरी
राज्यपाल ने कहा कि उनकी सरकार ने मनरेगा की न्यूनतम मजदूरी दर को बढ़ाकर 225 रुपए प्रति व्यक्ति करने का फैसला लिया है. अब तक 10 करोड़ 11 लाख मानव दिवस का सृजन किया जा चुका है. ऐसा झारखंड में कभी नहीं हुआ है. जल संरक्षण के लिए नीलांबर-पितांबर जल समृद्धि योजना के जरिए 2 लाख हेक्टेयर जमीन पर ट्रेंच और मेडबंदी का काम पूरा हो चुका है. फलदार पौधे लगाने के लिए बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत 26 हजार एकड़ में फलदार पौधे लगा दिए गए हैं. फुलो-झानो आशीर्वाद अभियान के जरिए चार महीने में हड़िया-दारू बेचने वाली 15 हजार 63 महिलाओं को आजीविका के साधनों से जोड़ा गया है.
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राज्य खाद्य सुरक्षा योजना की शुरुआत
राज्यपाल ने कहा कि उनकी सरकार ने किसानों के 50 हजार तक के अल्पकालीन फसल ऋण बकाया राशि माफ करने के लिए फसल ऋण माफी योजना को स्वीकृति दी है. इसकी शुरुआत 1 फरवरी को जामताड़ा में हुई है. इस पर 2 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के आवास विहीनों को पक्का मकान देने की दिशा में काम किया जा रहा है. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 2020-21 में 2 हजार किमी लक्ष्य की तुलना में 116 किमी सड़क बन चुका है. झारखंड में राज्य खाद्य सुरक्षा योजना शुरू की गई है. इसके तहत वैसे 15 लाख लोगों को अनुदानित दर या एक रुपए प्रति किलोग्राम की दर से 5 किलो चावल दिया जाएगा जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम से अनाच्छादित हैं. यही नहीं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम से आच्छादित लाभुकों के लिए सोना-सोबरन धोती-साड़ी-लुंगी वितरण योजना शुरू की गई है.
250 करोड़ की लागत से 1.47 लाख बाड़ी का निर्माण
गर्वनर ने कहा कि झारखंड एक खनिज बाहुल्य प्रदेश है. ज्यादा से ज्यादा राजस्व प्राप्ति के लिए दो स्वर्ण खदान, दो चूनापत्थर खदान और लौह अयस्क के एक खदान की नीलामी की गई है. 2020-21 में पथ निर्माण विभाग का बजटीय प्रावधान 3 हजार 384 करोड़ था. इसके तहत 900 किमी सड़क की जगह 550 किमी सड़क और 25 पुल की जगह 12 पुल का निर्माण हो चुका है. जमशेदपुर को हवाई यातायात से जोड़ने के लिए धालभूमगढ़ की पुरानी हवाई पट्टी को घरेलू हवाई अड्डा के रूप में विकसित किया जा रहा है. देवघर में घरेलू हवाई अड्डा का निर्माण अंतिम पड़ाव पर है और इसी साल के अंत में यहां से विमानों का परिचालन शुरू हो जाएगा. कुपोषण की समस्या को दूर करने के लिए 250 करोड़ की लागत से 1.47 लाख बाड़ी का निर्माण किया जा रहा है.
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12 हजार 386 योजनाओं को स्वीकृति
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत झारखंड में 2 बच्चों के जन्म तक लाभ दिया जाएगा. पहले बच्चे के लिए लाभ भारत सरकार देगी, जबकि दूसरे बच्चे के खर्च का राज्य सरकार वहन करेगी. एक साल में 20 बहु-ग्रामीण जलापूर्ति योजनाएं पूर्ण कर ली गई हैं. 178 योजनाओं का निर्माण कार्य प्रगति पर है. एसटी-एससी बहुल टोलों में शुद्ध पेयजलापूर्ति के लिए मुख्यमंत्री जनजल योजना के तहत 12 हजार 386 योजनाओं को स्वीकृति दी गई है. इनमें से 10 हजार 530 योजनाएं पूर्ण कर ली गई है. युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के मकसद से साल 2021 को नियुक्ति साल के रूप में स्थापित करने की कवायद चल रही है. राज्य गठन के बाद पहली बार जेपीएससी की नियमावली को अंतिम रूप दिया गया है. पहली बार 24 जिलों में जिला खेल पदाधिकारी नियुक्त हुए हैं. अनुबंधकर्मियों की समस्या सुलझाने का काम चल रहा है. पारा शिक्षकों के लिए कल्याण कोष का गठन किया गया है.
झारखंड खेल नीति का गठन
राजपाल ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिए 1 हजार 885 करोड़ की लागत से 80 उत्कृष्ट विद्यालय, 325 प्रखंड स्तरीय लीडर स्कूल और 4 हजार 91 ग्राम पंचायत स्तरीय आदर्श विद्यालय बनाए जाने हैं. विश्वस्तरीय शिक्षा का अवसर देने के लिए गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना, 2020 की शुरूआत की गई है. पर्यटन के क्षेत्र में कई कार्य किए जा रहे हैं. झारखंड खेल नीति का गठन किया गया है. राज्यपाल ने कहा कि उनकी सरकारी मानकी, मुंडा और ग्राम प्रधान की पारंपरिक व्यवस्था लागू करते हुए ऑनलाइन लगान वसूली की व्यवस्था की है. राज्यपाल ने कहा कि उनकी सरकार ने 2020-21 में 17 लाख 379 हजार 51 करोड़ की राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य रखा था. इसकी तुलना में जनवरी 2021 तक राज्य जीएसटी, जीएसटी कंपनसेशन और वैट मद से कुल 11 हजार 689 करोड़ का राजस्व मिला है. अब सरकार उपलब्ध संसाधन का समुचित उपयोग करते हुए आय के साधनों को भी बढ़ाने की कोशिश कर रही है, ताकि ज्यादा से ज्यादा जरूरतमंदों को इसका फायदा मिल सके.