रांची: हेमंत सरकार झारखंड के राज्यकर्मियों और अधिकारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ देने जा रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस संबंध में बीते बजट सत्र के दौरान घोषणा विधानसभा में कर चुके हैं. मुख्यमंत्री की इस घोषणा के बाद वित्त विभाग इसका आकलन करने में जुटा है. योजना के तहत 1 जनवरी 2004 के बाद नियुक्त हुए राज्य सरकार के कर्मियों और अधिकारियों को इसका लाभ मिलेगा. वर्तमान समय में इन कर्मचारियों को न्यू पेंशन स्कीम के तहत सुविधा प्राप्त है, जिसके तहत कर्मचारियों की ओर से 10 प्रतिशत और सरकार की ओर से 14 प्रतिशत अंशदान पेंशन मद में जमा हो रहा है. इसके बावजूद पेंशन पर सरकारी खर्च बढ़ रहा है और ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने से यह खर्च और बढ़ जाएगा.
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बता दें कि झारखंड सरकार के विभिन्न विभागों में 5 लाख 33 हजार 737 पद सृजित हैं, जिसमें से वर्तमान में 1 लाख 83 हजार 16 पदों पर कर्मचारी-अधिकारी कार्यरत हैं. यदि ओल्ड पेंशन स्कीम लागू की जाती है तो वैसे कर्मचारी जो 1 जनवरी 2004 के बाद सरकारी नौकरी पाए हैं, उनकी 30 वर्षों की सेवा 2034 से पूरी होनी शुरू हो जाएगी. राज्य सरकार को भले ही तत्काल इस पर होने वाले खर्च का बोझ ज्यादा महसूस नहीं होगा मगर 2034 के बाद से जैसे-जैसे सेवानिवृत्तकर्मियों की संख्या बढे़गी सरकार पर आर्थिक बोझ बढ़ना शुरू हो जाएगा. वर्तमान समय में सेवानिवृत्तकर्मियों पर खर्च होनेवाली पेंशन राशि की बात करें तो 2021-22 के दौरान राज्य सरकार ने 6804.3 करोड़ खर्च किया है. प्रति वर्ष पेंशन मद में राशि बढ़ती जा रही है.
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कर्मचारियों में जगी उम्मीद, सरकार जल्द करे लागूः माले विधायक विनोद सिंह के सवाल पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा बजट सत्र में की गई घोषणा के बाद झारखंड सरकार के कर्मचारियों में इसको लेकर उत्साह है. इधर सचिवालय एवं सरकार के निचले स्तर पर प्रखंडों में काम करनेवाले कर्मियों को उम्मीद है कि सरकार अपनी घोषणा के अनुरूप जल्द ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करेगी. झारखंड राज्य कर्मचारी महासंघ के महासचिव मृत्युंजय कुमार झा ने सरकार से मांग की है कि घोषणा के अनुरूप इसे शीघ्र लागू किया जाय.
वहीं माले विधायक विनोद सिंह ने भी कर्मचारियों की मांग को जायज बताते हुए इसे जल्दी लागू करने का आग्रह किया है. इन सबके बीच दैनिक भत्ता पाकर किसी तरह जीवन चला रहे होमगार्ड के जवानों ने भी सरकार से ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ देने की मांग की है. होमगार्ड जवान रीता कच्छप ने सरकार के इस फैसले को होमगार्ड जवानों को लाभ देकर बुढ़ापे का सहारा देने की गुहार लगाई है.