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नक्सल प्रभावित 13 जिलों को मिलेंगे 33 करोड़ रुपए, मूलभूत सुविधाओं पर होगा फोकस - Ranchi News

झारखंड के अत्यंत नक्सल प्रभावित 13 जिलों को विकास के लिए केंद्र सरकार 33 - 33 करोड़ रुपए की राशि देगी. हर नक्सल प्रभावित जिले को इस राशि से आधारभूत संरचनाओं का निर्माण करना है. इसके लिए नक्सल प्रभावित जिलों के डीसी और एसपी की अध्यक्षता में टीम बनाई जाएगी जो फैसला लेगी कि किस नक्सल प्रभावित इलाके में कौन सा काम करना है.

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Published : Feb 19, 2019, 10:33 AM IST


रांची: झारखंड के अत्यंत नक्सल प्रभावित 13 जिलों को विकास के लिए केंद्र सरकार 33 - 33 करोड़ रुपए की राशि देगी. हर नक्सल प्रभावित जिले को इस राशि से आधारभूत संरचनाओं का निर्माण करना है. इसके लिए नक्सल प्रभावित जिलों के डीसी और एसपी की अध्यक्षता में टीम बनाई जाएगी जो फैसला लेगी कि किस नक्सल प्रभावित इलाके में कौन सा काम करना है.

File Photo
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झारखंड सरकार के द्वारा चलाई जा रही विकास योजनाओं और आधारभूत संरचनाओं से अलग इस योजना के तहत नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के आधारभूत संरचना हो. जैसे पुल- पुलिया, सिंचाई, कृषि, स्वास्थ्य पेयजल और सड़क का निर्माण कराया जाएगा. यह राशि केंद्र सरकार की तरफ से दी जाती है.

पिछले साल मिले थे 20-20 करोड़
साल 2018 में विशेष केंद्रीय सहायता योजना के तहत नक्सल प्रभावित जिलों को 20-20 करोड़ रुपए की राशि दी गई थी. इस योजना के तहत आधारभूत संरचनाओं के विकास की योजना बनाने में जिलों में काम करना था. लेकिन कई जिलों में इस राशि के तहत काम ही नहीं किया गया. गिरिडीह में इस योजना की सुनने राशि खर्च हुई है.


दिल्ली में हुई बैठक
सोमवार को विशेष केंद्रीय सहायता योजना की समीक्षा बैठक नई दिल्ली में गृह मंत्रालय में हुई. समीक्षा में झारखंड के एडीजी अभियान मुरारीलाल मीणा शामिल हुए, समीक्षा के दौरान यह बात सामने आई कि गिरिडीह में तत्कालीन डीसी के मातृत्व अवकाश में होने के कारण योजनाएं नहीं बन पाई है. हजारीबाग में भी तकरीबन 24 फीसदी ही राशि खर्च हुई है. जबकि अन्य जिलों में भी पचास फिसदी से कम राशि खर्च हुई है. इस बात को लेकर विशेष केंद्रीय सहायता टीम के द्वारा नाराजगी भी जताई गई.

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रांची: झारखंड के अत्यंत नक्सल प्रभावित 13 जिलों को विकास के लिए केंद्र सरकार 33 - 33 करोड़ रुपए की राशि देगी. हर नक्सल प्रभावित जिले को इस राशि से आधारभूत संरचनाओं का निर्माण करना है. इसके लिए नक्सल प्रभावित जिलों के डीसी और एसपी की अध्यक्षता में टीम बनाई जाएगी जो फैसला लेगी कि किस नक्सल प्रभावित इलाके में कौन सा काम करना है.

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झारखंड सरकार के द्वारा चलाई जा रही विकास योजनाओं और आधारभूत संरचनाओं से अलग इस योजना के तहत नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के आधारभूत संरचना हो. जैसे पुल- पुलिया, सिंचाई, कृषि, स्वास्थ्य पेयजल और सड़क का निर्माण कराया जाएगा. यह राशि केंद्र सरकार की तरफ से दी जाती है.

पिछले साल मिले थे 20-20 करोड़
साल 2018 में विशेष केंद्रीय सहायता योजना के तहत नक्सल प्रभावित जिलों को 20-20 करोड़ रुपए की राशि दी गई थी. इस योजना के तहत आधारभूत संरचनाओं के विकास की योजना बनाने में जिलों में काम करना था. लेकिन कई जिलों में इस राशि के तहत काम ही नहीं किया गया. गिरिडीह में इस योजना की सुनने राशि खर्च हुई है.


दिल्ली में हुई बैठक
सोमवार को विशेष केंद्रीय सहायता योजना की समीक्षा बैठक नई दिल्ली में गृह मंत्रालय में हुई. समीक्षा में झारखंड के एडीजी अभियान मुरारीलाल मीणा शामिल हुए, समीक्षा के दौरान यह बात सामने आई कि गिरिडीह में तत्कालीन डीसी के मातृत्व अवकाश में होने के कारण योजनाएं नहीं बन पाई है. हजारीबाग में भी तकरीबन 24 फीसदी ही राशि खर्च हुई है. जबकि अन्य जिलों में भी पचास फिसदी से कम राशि खर्च हुई है. इस बात को लेकर विशेष केंद्रीय सहायता टीम के द्वारा नाराजगी भी जताई गई.

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रांची: झारखंड के अत्यंत नक्सल प्रभावित 13 जिलों को विकास के लिए केंद्र सरकार 33 - 33 करोड़ रुपए की राशि देगी. हर नक्सल प्रभावित जिले को इस राशि से आधारभूत संरचनाओं का निर्माण करना है. इसके लिए नक्सल प्रभावित जिलों के डीसी और एसपी की अध्यक्षता में टीम बनाई जाएगी जो फैसला लेगी कि किस नक्सल प्रभावित इलाके में कौन सा काम करना है.



झारखंड सरकार के द्वारा चलाई जा रही विकास योजनाओं और आधारभूत संरचनाओं से अलग इस योजना के तहत नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के आधारभूत संरचना हो. जैसे पुल- पुलिया, सिंचाई, कृषि, स्वास्थ्य पेयजल और सड़क का निर्माण कराया जाएगा. यह राशि केंद्र सरकार की तरफ से दी जाती है.



पिछले साल मिले थे 20-20 करोड़

साल 2018 में विशेष केंद्रीय सहायता योजना के तहत नक्सल प्रभावित जिलों को 20-20 करोड़ रुपए की राशि दी गई थी. इस योजना के तहत आधारभूत संरचनाओं के विकास की योजना बनाने में जिलों में काम करना था. लेकिन कई जिलों में इस राशि के तहत काम ही नहीं किया गया. गिरिडीह में इस योजना की सुनने राशि खर्च हुई है.

दिल्ली में हुई बैठक

सोमवार को विशेष केंद्रीय सहायता योजना की समीक्षा बैठक नई दिल्ली में गृह मंत्रालय में हुई. समीक्षा में झारखंड के एडीजी अभियान मुरारीलाल मीणा शामिल हुए, समीक्षा के दौरान यह बात सामने आई कि गिरिडीह में तत्कालीन डीसी के मातृत्व अवकाश में होने के कारण योजनाएं नहीं बन पाई है. 



हजारीबाग में भी तकरीबन 24 फीसदी ही राशि खर्च हुई है. जबकि अन्य जिलों में भी पचास फिसदी से कम राशि खर्च हुई है. इस बात को लेकर विशेष केंद्रीय सहायता टीम के द्वारा नाराजगी भी जताई गई.


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