रांची: कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए इस बार भी रामनवमी और सरहुल जुलूस नहीं निकलेगा. राज्य सरकार के इस फैसले के बाद अब इस पर राजनीति भी होने लगी है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने सरकार के इस फैसले को तुगलकी फरमान बताया है. दीपक प्रकाश ने इसे परंपरा और संस्कृति पर हमला बताते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री बताएं मधुपुर उपचुनाव के सभा, जुलूस में वे भाग लेंगे या नही. उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार के इस फैसले से एक बार फिर से जनभावनाओं को आहत किया है.
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दीपक प्रकाश ने कहा कि राज्य में सरहुल और रामनवमी के जुलूस पर प्रतिबंध लगाकर राज्य सरकार ने जनता के धार्मिक परंपरा और संस्कृति पर हमला किया है, भाजपा भी चाहती है कि कोरोना संक्रमण से जनता को बचाया जाए, लेकिन किसी समाज की धार्मिक, सांस्कृतिक भावनाएं भी आहत नहीं हो, इसका भी ध्यान रखना राज्य सरकार की जिम्मेवारी है.
मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने बीजेपी पर किया पलटवार
मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने भाजपा के आरोप पर पलटवार करते हुए कहा कि विपक्ष ओछी राजनीति कर रही है, कोरोना के समय लोगों की भावना भड़काने के बजाय संक्रमण से बचाव के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष को एकजुट रहना चाहिए. जेएमएम नेता और राज्य सरकार के पेयजल मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि सरकार की पहली प्राथमिकता संक्रमण के समय जानमाल की सुरक्षा करना है, एक तरफ देश में फिर से कोरोना पांव पसार रहा है, जिसके कारण कई राज्यों में लॉकडाउन लगाया जा रहा है, ऐसे में संक्रमण से बचाव के लिए सरकार ने सही फैसला लिया है.
कांग्रेस ने बताया गैर जिम्मेदाराना
सरहुल और रामनवमी जैसे पर्व को लेकर भाजपा नेताओं द्वारा की जा रही बयानबाजी को झारखंड कांग्रेस ने गैर जिम्मेदाराना बताया है. ऐसी राजनीति पर क्षोभ प्रकट करते हुए झारखंड कांग्रेस का कहना है कि एक ओर केंद्र सरकार की ओर से आज भी सभी राज्यों के मुख्य सचिव को यह स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किया गया है कि कोरोना संक्रमण के मद्देनजर पर्व-त्योहार के दौरान भीड़ एकत्रित नहीं होने दिया जाए. वहीं, दूसरी ओर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश का शोभायात्रा को लेकर बचकाना बयान आ रहा है. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद अभी कोरोना संक्रमण के कारण सामाजिक दूरी का पालन करने और एहतियात बरतने की अपील कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर उनकी ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अपने नेता के निर्देशों की अनदेखी कर ऐसे संवेदनशील मुद्दे पर अनाप-शनाप बयानबाजी कर रहे है.