रांची: नौ दिनों के बाद भगवान जगन्नाथ मौसीबाड़ी से अपने घर वापस आ गए. इस दौरान भगवान जगन्नाथ के घूरती रथ में हजारों लोग शामिल हुए. सैकड़ों वर्षों से चली आ रही परंपरा के अनुसार भगवान जगन्नाथ, भाई बलराम और बहन सुभद्रा तीनों रथ पर सवार होकर मौसीबाड़ी से वापस अपने घर पहुंचे. लोगों ने भगवान के रथ को खींचकर घर तक पहुंचाया और सभी की खुशहाली का आशीर्वाद मांगा.
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हटिया डीएसपी बने रथ के सारथी: चली आ रही पुरानी परंपरा के अनुसार, हटिया क्षेत्र के डीएसपी राजा कुमार मित्रा रथ के सारथी बने और लोगों का मार्गदर्शन करते रहे. वहीं घूरती रथ में आई हजारों की भीड़ को संभालने के लिए सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए थे. जिला पुलिस के साथ-साथ जैप के जवान और स्थानीय वॉलिंटियर्स की भी तैनाती थी. घूरती रथयात्रा में शामिल अमित कुमार ने बताया कि हर्षोल्लास के साथ हजारों लोग भगवान जगन्नाथ के रथ की रस्सी को खींचने आए हैं. बेहतर व्यवस्था की गई है. इस वजह से लोगों को किसी तरह की समस्या नहीं हो रही है.
भगवान जगन्नाथ के आगमन पर भी बारिश ने दिए शुभ संकेत: भगवान जगन्नाथ की घूरती रथ को लेकर जगन्नाथ मंदिर के पुजारी अजय कुमार पोद्दार बताते हैं कि नौ दिनों के बाद भगवान जगन्नाथ मौसीबाड़ी से अपने घर आ रहे हैं, जहां पर भगवान जगन्नाथ, भाई बलराम और बहन सुभद्रा अगले वर्ष के लिए अपने आवास यानी कि मुख्य मंदिर में स्थापित हो जाएंगे. पुजारी ने बताया कि सैकड़ों वर्षों से चली आ रही परंपरा के अनुसार भगवान जगन्नाथ जब आते हैं तो अपने साथ बारिश लेकर आते हैं और इस वर्ष भी भगवान जगन्नाथ जब नौ दिनों के लिए मौसीबाड़ी के लिए रवाना हो रहे थे, तो परंपरा के तहत खूब बारिश हुई और जब लौटे तब भी बारिश हुई. जो राज्य और राज्य वासियों के लिए शुभ संकेत है.
देर शाम भगवान जगन्नाथ पहुंचे अपने घर: गुरुवार को देर शाम भगवान जगन्नाथ, भाई बलराम और बहन सुभद्रा अपने हजारों भक्तों के साथ मुख्य मंदिर पहुंचे. जहां पर मंदिर के मुख्य पुजारी ने भगवान जगन्नाथ, भाई बलराम और बहन सुभद्रा को विधि विधान के साथ फिर से स्थान ग्रहण कराया.