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1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति की मांग को लेकर विधानसभा का घेराव, आदिवासी संगठनों ने बैठक में लिया निर्णय

स्थानीय नीति की मांग को लेकर आज झारखंड विधानसभा का घेराव किया जाएगा. यह घेराव आदिवासी संगठनों की ओर से किया जाएगा.

gherao of jharkhand assembly
स्थानीय नीति की मांग को लेकर कल विधानसभा का घेराव
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Published : Mar 13, 2022, 10:08 PM IST

Updated : Mar 14, 2022, 8:10 AM IST

रांचीः आदिवासी मूलवासी की ओर से स्थानीय नीति की मांग दिनों दिन जोर पकड़ती जा रही है. सड़क से सदन तक स्पष्ट स्थानीय नीति की मांग हो रही है. लेकिन सरकार की ओर से जवाब नहीं आ रहा है. रविवार को आदिवासी मूलवासी संयुक्त मोर्चा केंद्रीय समिति की ओर से महाबैठक आयोजित की गई. बैठक में 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति की मांग को लेकर आज विधानसभा घेराव करने का निर्णय लिया गया.

यह भी पढ़ेंःभाषा विवाद और स्थानीय नीति की मांग को लेकर मशाल जुलूस, मगही-भोजपुरी मंच का झारखंड बंद कल

आदिवासियों ने कहा कि सरकार पर दबाव बनाने की हर संभव कोशिश की जा रही है, ताकि स्थानीय नीति जल्द परिभाषित हो सके. झारखंड बने 21 साल हो गए. लेकिन स्थानीय नीति नहीं बन सकी है, जिसका खामियाजा मूलवासियों को भुगतना पड़ रहा है. यही वजह है कि आदिवासी मूलवासी समाज एकजुट होकर स्थानीय नीति बनाने की मांग कर रहा है.

देखें वीडियो


बैठक में वक्ताओं ने कहा कि आदिवासी मूलवासी चाहता है कि स्थानीय नीति जल्द परिभाषित हो. इसको लेकर राज्य सरकार पर दबाव बनाया जाए. कई आदिवासी मूलवासी सामाजिक संगठनों की ओर से आज विधानसभा का घेराव किया जाएगा. डॉक्टर करमा उरांव के नेतृत्व वाले आदिवासी मूलवासी संयुक्त मोर्चा ने अप्रैल और मई माह में विशाल रैली करने की घोषणा की है.

बिहार से झारखंड अलग होने के बाद दो बार स्थानीय नीति को परिभाषित करने की कवायद की गई, जो विवादों के घिरी रही है. हेमंत सोरेन सरकार ने 2 साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है. लेकिन स्थानीय नीति बनाने को लेकर कोई कदम नहीं उठाया है. वहीं, राज्य में भाषा विवाद खड़ा कर दिया गया है. हालांकि राज्य सरकार ने हाई कोर्ट के उस फैसले का अध्ययन करने की बात कहा है, जिसे 2002 में झारखंड हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था.

रांचीः आदिवासी मूलवासी की ओर से स्थानीय नीति की मांग दिनों दिन जोर पकड़ती जा रही है. सड़क से सदन तक स्पष्ट स्थानीय नीति की मांग हो रही है. लेकिन सरकार की ओर से जवाब नहीं आ रहा है. रविवार को आदिवासी मूलवासी संयुक्त मोर्चा केंद्रीय समिति की ओर से महाबैठक आयोजित की गई. बैठक में 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति की मांग को लेकर आज विधानसभा घेराव करने का निर्णय लिया गया.

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आदिवासियों ने कहा कि सरकार पर दबाव बनाने की हर संभव कोशिश की जा रही है, ताकि स्थानीय नीति जल्द परिभाषित हो सके. झारखंड बने 21 साल हो गए. लेकिन स्थानीय नीति नहीं बन सकी है, जिसका खामियाजा मूलवासियों को भुगतना पड़ रहा है. यही वजह है कि आदिवासी मूलवासी समाज एकजुट होकर स्थानीय नीति बनाने की मांग कर रहा है.

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बैठक में वक्ताओं ने कहा कि आदिवासी मूलवासी चाहता है कि स्थानीय नीति जल्द परिभाषित हो. इसको लेकर राज्य सरकार पर दबाव बनाया जाए. कई आदिवासी मूलवासी सामाजिक संगठनों की ओर से आज विधानसभा का घेराव किया जाएगा. डॉक्टर करमा उरांव के नेतृत्व वाले आदिवासी मूलवासी संयुक्त मोर्चा ने अप्रैल और मई माह में विशाल रैली करने की घोषणा की है.

बिहार से झारखंड अलग होने के बाद दो बार स्थानीय नीति को परिभाषित करने की कवायद की गई, जो विवादों के घिरी रही है. हेमंत सोरेन सरकार ने 2 साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है. लेकिन स्थानीय नीति बनाने को लेकर कोई कदम नहीं उठाया है. वहीं, राज्य में भाषा विवाद खड़ा कर दिया गया है. हालांकि राज्य सरकार ने हाई कोर्ट के उस फैसले का अध्ययन करने की बात कहा है, जिसे 2002 में झारखंड हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था.

Last Updated : Mar 14, 2022, 8:10 AM IST
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