रांची: कोरोना वायरस के कारण साल 2020 युवाओं के लिए काफी मुश्किल भरा साबित हो सकता है. इस वैश्विक महामारी ने अर्थव्यवस्था की कमर तोड़कर रख दी है, तो वहीं प्लेसमेंट को लेकर भी बड़ी-छोटी कंपनियां रुचि नहीं दिखा रही है. ऐसे में युवाओं के लिए इस साल नौकरी हासिल करना एक बड़ी चुनौती होगी. लाखों लोगों की नौकरियां तो अभी से ही दांव पर लग गई है.
युवाओं के मन में कई सवाल
साल 2020 में विद्यार्थियों का सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस शैक्षणिक वर्ष में क्या रहेगी साक्षात्कार प्लेसमेंट की स्थिति, आईटी और प्लेसमेंट कंपनी क्या इस साल सुचारू तरीके से इंटरव्यू आयोजित करने में होगी सक्षम, कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन से कितना पड़ेगा प्लेसमेंट पर प्रभाव और क्या उन्हें नौकरियां मिलेगी ? हालांकि अभी इन सवालों का जवाब देना लाजमी नहीं होगा, क्योंकि इस महामारी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अर्थव्यवस्था की कमर तोड़कर रख दिया है. लाखों लोगों की नौकरियां दांव पर लग चुकी है. ऐसे में युवाओं को नौकरी मिल पाना फिलहाल संभव नहीं है. साक्षात्कार की स्थिति काफी दयनीय होने वाली है. इंटरव्यू आयोजित करने में भी अंतरराष्ट्रीय कंपनियां रुचि नहीं दिखाएगी.
2020 में रहेंगे प्लेसमेंट के टोटे
हालांकि संकेत मिल रहा है कि कुछ हद तक बड़ी कंपनियां इस वैश्विक महामारी के बाद वर्क फ्रॉम होम कल्चर को अपना सकती है. वह भी एक सीमित संसाधनों के तहत ही, तो ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि वर्ष 2020 प्लेसमेंट साक्षात्कार और अभ्यर्थियों के लिए अग्निपरीक्षा जैसी होगी, क्योंकि कंपनियां मंदी की मार के कारण कर्मचारियों की छंटनी कर सकती है. नए कर्मचारियों को बहाल करना कंपनियों के लिए सिरदर्द साबित हो सकता है.
2018-19 में बेहतर हुई है प्लेसमेंट
राजधानी रांची में ऐसे कई शिक्षण संस्थान हैं, जो प्रति सेशन प्लेसमेंट के जरिए बड़ी-छोटी कंपनियों के मिलाकर लगभग औसतन 1000 से अधिक अभ्यर्थियों का प्लेसमेंट करवाती है. इसमें बीआईटी मेसरा, बीआईटी एक्सटेंशन, एक्स आईएसएस, रांची विश्वविद्यालय जैसे बड़े-बड़े शिक्षण संस्थान भी शामिल हैं. रांची विश्वविद्यालय की बात करें तो इस विश्वविद्यालय का प्लेसमेंट सेल वर्ष 2018-19 में सबसे ज्यादा रहा है. आंकड़ों पर गौर करें तो इन वर्षों में जस्ट डायल, अरविंद मिल्स, रिलायंस कॉमर्शियल, गुलमोहर हॉस्पिटल, यूप्रो, स्टॉकिंग अजीम प्रेमजी फाउंडेशन समेत कुल 28 से अधिक कंपनियों ने आरयू कैंपस में आकर इसी प्लेसमेंट सेल से 1000 से अधिक विद्यार्थियों को नौकरी पर रखा है. वहीं एक साल में औसतन आरयू का प्लेसमेंट सेल बेहतर तरीके से काम करते हुए अपने विद्यार्थियों को नौकरी दिलवाई है.
रहेगी मंदी की मार
विश्वविद्यालय के लिए यह वर्ष काफी खराब होने जा रहा है, क्योंकि इस वैश्विक महामारी के कारण विश्वविद्यालय का सेशन लेट हो रहा है, तो दूसरी ओर प्लेसमेंट सेल भी शुस्त पड़ गया है और विभिन्न कंपनियां फिलहाल संपर्क में नहीं है. ऐसे में इस साल विद्यार्थियों के लिए प्लेसमेंट और साक्षात्कार को लेकर परेशानियां सामने जरूर आएगी. वहीं अगर बीआईटी, एक्सआईएसएस जैसे शिक्षण संस्थान की बात करें तो प्रत्येक साल इन शिक्षण संस्थानों में मल्टीनेशनल कंपनियों के अलावा इंटरनेशनल कंपनियां आती है.
एक्सआईएसएस के प्लेसमेंट सेल से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि फिलहाल मंदी का दौर जारी रहेगा. कंपनियां इस दौरान प्लेसमेंट को लेकर कह ही रुचि नहीं दिखाएगी, जिससे आने वाला समय अभ्यर्थियों के लिए परेशानी भरा होगा और विद्यार्थी और अभ्यर्थियों को नौकरी के लिए एड़ी चोटी करना होगा.
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विद्यार्थी चिंतित बढ़ेगी बेरोजगारी
इसे लेकर विद्यार्थी लगातार चिंतित हो रहे हैं. वो राज्य और केंद्र सरकार से इस दिशा में कदम बढ़ाने की अपील भी कर रहे हैं. विद्यार्थियों की मानें तो कंपनियों को प्लेसमेंट सेल और कैंपस तक पहुंचाने के लिए सरकार को भी पहल करना होगा, नहीं तो आने दिनों में बेरोजगारी की बोझ तले युवा दिखेंगे. इसलिए इस ओर भी सरकार को गंभीरता से सोचना होगा.
सभी सेक्टर के लिए साल 2020 काफी परेशानियों से भरा रहने वाला है. शिक्षण संस्थान और शिक्षा जगत में भी काफी उठापटक देखने को मिलेगा, तो इधर नौकरियों को लेकर भी युवाओं में काफी कंप्टीशन देखने को मिलेगा. इस स्थिति में राज्य और केंद्र सरकार के साथ-साथ विभिन्न कंपनियों को सामंजस्य स्थापित कर विद्यार्थी और अभ्यर्थियों के बारे में भी सोचना होगा, तब जाकर इस मुश्किल परिस्थिति से निपटा जा सकेगा.