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झारखंड में धरातल पर नहीं उतरी गौ कल्याण की सरकारी योजनाएं, राज्य गौ सेवा आयोग ने सुधार के लिए मंगाई छह राज्यों की नियमावली

झारखंड में गौशालाओं की स्थिति में सुधार लाने की सरकार की कई घोषणाएं बस जुमला बन कर रह गई हैं. गौशाला चलाने वाले भी सरकार से उम्मीद छोड़ चुके हैं. अब झारखंड राज्य गौ सेवा आयोग का गठन होने के बाद भी क्या ऐसी ही स्थिति रहेगी, ये भी बड़ा सवाल है. हालांकि, आयोग के अध्यक्ष ने सकारात्मक संकेत दिए हैं.

Gau Seva Commission
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Published : Jul 3, 2023, 2:22 PM IST

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रांची: झारखंड में गौ तस्करी रोकने और गौशालाओं की स्थिति में सुधार को लेकर सरकारी स्तर पर कई घोषणाएं हुई. लेकिन उनमें से कोई भी घोषणा धरातल पर नहीं उतरी. अब गौ सेवा आयोग के गठन के बाद राज्य में गौशालाओं की स्थिति में सुधार के साथ-साथ सरकारी योजनाओं के भी धरातल पर उतरने की संभावनाएं बढ़ी हैं. झारखंड राज्य गौ सेवा आयोग ने गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने और इसके व्यवस्था में सुधार को ध्यान में रखकर छह राज्यों की गौशालाओं की नियमावली मंगवाई है.

यह भी पढ़ें: झारखंड सरकार गौशालाओं के पशुओं के लिए देगी प्रतिदिन 100 रुपये, दिया जाएगा रेस्क्यू वाहन

झारखंड राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने बताया कि गौशाला सिर्फ अनुदान पर चलनेवाली संस्था बनकर नहीं रह जाए, इसके लिए अब प्रयास तेज होंगे. उन्होंने कहा कि छतीसगढ़, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा सहित छह राज्यों से नियमावली मंगवाई जा रही है. इसके साथ ही साथ हाइड्रोलिक एंबुलेंस सहित कई व्यवस्थाएं की जा रही हैं. उन्होंने माना कि गौ मुक्तिधाम, राज्य में सरकार द्वारा गोबर खरीदने की योजना, गौ तस्करी से बचाई गयी गाय को गौशाला भेजने पर गौशालाओं को 50 रुपये प्रति दिन देने की घोषणा अभी जमीन पर नहीं उतरी है. उन्होंने कहा कि सात जुलाई को राज्य गौ सेवा आयोग की बैठक बुलाई गई है. इस बैठक में इन तमाम योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की जाएगी.

अभी तक गोमुक्ति धाम योजना की शुरुआत नहीं: रांची गौशाला के दयाशंकर सिंह ने कहा कि अभी तक ना तो नए दर से गौ-तस्करी से बचाई गायों के गुजर बसर के लिए बढ़ी राशि गौशाला को मिली है और ना ही गौ मुक्ति धाम धरातल पर उतरा है. राज्य में गौ मुक्तिधाम के अस्तित्व में नहीं आने को लेकर प्रमुख परेशानी जमीन की समस्या को बताते हुए गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि राज्य में गोचर की काफी जमीन है. आज राज्यभर में उस जमीन की क्या स्थिति है, इस जमीन की भौतिक स्थिति क्या है, कितने पर अवैध कब्जा है, सहित सभी जानकारी राज्य के सभी जिलों के डीसी से मांगी गई है.

क्या है सरकार की गोमुक्ति धाम योजना: गोवंशीय पशुओं की मृत्यु के बाद उनके शव को इधर-उधर फेंकने की जगह सम्मानजनक अंतिम संस्कार हो, इसके लिए गोमुक्ति धाम बनाने की योजना की घोषणा की गई थी. इस योजना के तहत सभी जिलों में गोमुक्ति धाम बनाना था. लेकिन आज तक यह योजना धरातल पर नहीं उतर सका है.

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रांची: झारखंड में गौ तस्करी रोकने और गौशालाओं की स्थिति में सुधार को लेकर सरकारी स्तर पर कई घोषणाएं हुई. लेकिन उनमें से कोई भी घोषणा धरातल पर नहीं उतरी. अब गौ सेवा आयोग के गठन के बाद राज्य में गौशालाओं की स्थिति में सुधार के साथ-साथ सरकारी योजनाओं के भी धरातल पर उतरने की संभावनाएं बढ़ी हैं. झारखंड राज्य गौ सेवा आयोग ने गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने और इसके व्यवस्था में सुधार को ध्यान में रखकर छह राज्यों की गौशालाओं की नियमावली मंगवाई है.

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झारखंड राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने बताया कि गौशाला सिर्फ अनुदान पर चलनेवाली संस्था बनकर नहीं रह जाए, इसके लिए अब प्रयास तेज होंगे. उन्होंने कहा कि छतीसगढ़, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा सहित छह राज्यों से नियमावली मंगवाई जा रही है. इसके साथ ही साथ हाइड्रोलिक एंबुलेंस सहित कई व्यवस्थाएं की जा रही हैं. उन्होंने माना कि गौ मुक्तिधाम, राज्य में सरकार द्वारा गोबर खरीदने की योजना, गौ तस्करी से बचाई गयी गाय को गौशाला भेजने पर गौशालाओं को 50 रुपये प्रति दिन देने की घोषणा अभी जमीन पर नहीं उतरी है. उन्होंने कहा कि सात जुलाई को राज्य गौ सेवा आयोग की बैठक बुलाई गई है. इस बैठक में इन तमाम योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की जाएगी.

अभी तक गोमुक्ति धाम योजना की शुरुआत नहीं: रांची गौशाला के दयाशंकर सिंह ने कहा कि अभी तक ना तो नए दर से गौ-तस्करी से बचाई गायों के गुजर बसर के लिए बढ़ी राशि गौशाला को मिली है और ना ही गौ मुक्ति धाम धरातल पर उतरा है. राज्य में गौ मुक्तिधाम के अस्तित्व में नहीं आने को लेकर प्रमुख परेशानी जमीन की समस्या को बताते हुए गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि राज्य में गोचर की काफी जमीन है. आज राज्यभर में उस जमीन की क्या स्थिति है, इस जमीन की भौतिक स्थिति क्या है, कितने पर अवैध कब्जा है, सहित सभी जानकारी राज्य के सभी जिलों के डीसी से मांगी गई है.

क्या है सरकार की गोमुक्ति धाम योजना: गोवंशीय पशुओं की मृत्यु के बाद उनके शव को इधर-उधर फेंकने की जगह सम्मानजनक अंतिम संस्कार हो, इसके लिए गोमुक्ति धाम बनाने की योजना की घोषणा की गई थी. इस योजना के तहत सभी जिलों में गोमुक्ति धाम बनाना था. लेकिन आज तक यह योजना धरातल पर नहीं उतर सका है.

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