ETV Bharat / state

हेमंत के शपथ ग्रहण में दिखी गैर बीजेपी विचारधारा वाले नेताओं की एकता, ममता और स्टालिन सरीखे नेता हुए शामिल

रांची के मोरहाबादी मैदान में झारखंड के 11वें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के शपथ समारोह में कई राजनीतिक दिग्गज शामिल हुए. इस समारोह में गैर बीजेपी विचारधारा वाले नेताओं का जमावड़ा लगा. पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी हो या दक्षिण भारत से एमके स्टालिन और डी राजा सबने शपथ के बाद मंच पर हाथ उठाकर विपक्षी एकता का संदेश दिया.

हेमंत के शपथ ग्रहण में दिखी गैर बीजेपी विचारधारा वाले नेताओं की एकता, ममता और स्टेलिन सरीखे नेता हुए शामिल
विपक्षी जुटान
author img

By

Published : Dec 29, 2019, 6:37 PM IST

रांचीः झारखंड के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में हेमंत सोरेन का शपथ ग्रहण महज एक 'ओथ टेकिंग सेरेमनी' नहीं था. इस दौरान शामिल हुए दूसरे राज्यों के नेता की मौजूदगी को देखें तो यह साफ इशारा करता है कि यह कार्यक्रम गैर बीजेपी विचारधारा वाले नेताओं का एक प्लेटफार्म पर आना था. दरअसल 2019 में हुए लोकसभा चुनावों के बाद बीजेपी को मिली भारी बहुमत के बाद गैर बीजेपी विचारधारा वाले दलों को अभी तक ऐसा मौका नहीं मिला था, जिसमें वह अपनी एकजुटता प्रदर्शित कर सके. झारखंड में हुए विधानसभा चुनाव ने पहली बार ऐसा मौका दिया जिसमें ऐसे नेता एक प्लेटफार्म पर इकट्ठा हुए.

हेमंत के शपथ ग्रहण में दिखी गैर बीजेपी विचारधारा वाले नेताओं की एकता, ममता और स्टेलिन सरीखे नेता हुए शामिल
मंत्री

यह भी पढे़ं- हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए जहानाबाद विधायक, कहा- निश्चित होगा झारखंड का विकास

झामुमो, कांग्रेस, राजद समेत दक्षिण के राजनेता हुए शामिल

29 दिसंबर को राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित इस कार्यक्रम में एक तरफ जहां झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राजद के नेताओं की उपस्थिति रही. वहीं कांग्रेस शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए. इतना ही नहीं केंद्र सरकार के खिलाफ कड़ी आवाज उठाने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मौजूदगी भी चर्चा का कारण बनी. वहीं दक्षिण भारत से एमके स्टालिन और डी राजा की मौजूदगी ने इस बात को और बल दिया कि गैर बीजेपी विचारधारा के नेता अब एक प्लेटफार्म पर इकट्ठे होने की जुगत में लगे हैं.

यह भी पढे़ं-राहुल गांधी पहुंचे रांची, हेमंत के शपथ ग्रहण समारोह में होंगे शामिल

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और राहुल गांधी की उपस्थिति ने दी ताकत

इस समारोह की सबसे बड़ी बात यह रही कि हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे और देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी समेत राहुल गांधी की मौजूदगी ने वैसी सोच को एक ताकत प्रदान की. दरअसल झारखंड विधानसभा के चुनावों ने एक तरफ जहां पर देश की राजनीति में 'यू टर्न' ला दिया है. वहीं इससे देश की राजनीति पर भी प्रभाव पड़ना निश्चित माना जा रहा है. हाल में हुए हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनाव के बाद कांग्रेस की मजबूती और झारखंड में कांग्रेस का 15 सीटें हासिल करना उसके लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है. साथ ही झामुमो के अभी तक के अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पर है उसे 30 सीटें हासिल हुई हैं. इतना ही नहीं पिछले कई चुनावों से अपना खाता नहीं खोल पाने वाला राजद इस दफा एक सीट लाया.

हेमंत के शपथ ग्रहण में दिखी गैर बीजेपी विचारधारा वाले नेताओं की एकता, ममता और स्टेलिन सरीखे नेता हुए शामिल
हेमंत के साथ अतिथि

रांचीः झारखंड के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में हेमंत सोरेन का शपथ ग्रहण महज एक 'ओथ टेकिंग सेरेमनी' नहीं था. इस दौरान शामिल हुए दूसरे राज्यों के नेता की मौजूदगी को देखें तो यह साफ इशारा करता है कि यह कार्यक्रम गैर बीजेपी विचारधारा वाले नेताओं का एक प्लेटफार्म पर आना था. दरअसल 2019 में हुए लोकसभा चुनावों के बाद बीजेपी को मिली भारी बहुमत के बाद गैर बीजेपी विचारधारा वाले दलों को अभी तक ऐसा मौका नहीं मिला था, जिसमें वह अपनी एकजुटता प्रदर्शित कर सके. झारखंड में हुए विधानसभा चुनाव ने पहली बार ऐसा मौका दिया जिसमें ऐसे नेता एक प्लेटफार्म पर इकट्ठा हुए.

हेमंत के शपथ ग्रहण में दिखी गैर बीजेपी विचारधारा वाले नेताओं की एकता, ममता और स्टेलिन सरीखे नेता हुए शामिल
मंत्री

यह भी पढे़ं- हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए जहानाबाद विधायक, कहा- निश्चित होगा झारखंड का विकास

झामुमो, कांग्रेस, राजद समेत दक्षिण के राजनेता हुए शामिल

29 दिसंबर को राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित इस कार्यक्रम में एक तरफ जहां झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राजद के नेताओं की उपस्थिति रही. वहीं कांग्रेस शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए. इतना ही नहीं केंद्र सरकार के खिलाफ कड़ी आवाज उठाने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मौजूदगी भी चर्चा का कारण बनी. वहीं दक्षिण भारत से एमके स्टालिन और डी राजा की मौजूदगी ने इस बात को और बल दिया कि गैर बीजेपी विचारधारा के नेता अब एक प्लेटफार्म पर इकट्ठे होने की जुगत में लगे हैं.

यह भी पढे़ं-राहुल गांधी पहुंचे रांची, हेमंत के शपथ ग्रहण समारोह में होंगे शामिल

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और राहुल गांधी की उपस्थिति ने दी ताकत

इस समारोह की सबसे बड़ी बात यह रही कि हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे और देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी समेत राहुल गांधी की मौजूदगी ने वैसी सोच को एक ताकत प्रदान की. दरअसल झारखंड विधानसभा के चुनावों ने एक तरफ जहां पर देश की राजनीति में 'यू टर्न' ला दिया है. वहीं इससे देश की राजनीति पर भी प्रभाव पड़ना निश्चित माना जा रहा है. हाल में हुए हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनाव के बाद कांग्रेस की मजबूती और झारखंड में कांग्रेस का 15 सीटें हासिल करना उसके लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है. साथ ही झामुमो के अभी तक के अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पर है उसे 30 सीटें हासिल हुई हैं. इतना ही नहीं पिछले कई चुनावों से अपना खाता नहीं खोल पाने वाला राजद इस दफा एक सीट लाया.

हेमंत के शपथ ग्रहण में दिखी गैर बीजेपी विचारधारा वाले नेताओं की एकता, ममता और स्टेलिन सरीखे नेता हुए शामिल
हेमंत के साथ अतिथि
Intro:इससे जुड़ी कुछ फ़ोटो रैप से जा रही है। विसुअल लाइव व्यू वाला इस्तेमाल कर सकते हैं

रांची। झारखंड के 11 वें मुख्यमंत्री के रूप में हेमंत सोरेन का शपथ ग्रहण महज एक 'ओथ टेकिंग सेरेमनी' नहीं था। इस दौरान शामिल हुए दूसरे राज्यों के नेता की मौजूदगी को देखें तो यह साफ इशारा करता है कि यह कार्यक्रम गैर बीजेपी विचारधारा वाले नेताओं का एक प्लेटफार्म पर आना था। दरअसल 2019 में हुए लोकसभा चुनावों के बाद बीजेपी को मिली भारी बहुमत के बाद गैर बीजेपी विचारधारा वाले दलों को अभी तक ऐसा मौका नहीं मिला था जिसमें वह अपनी एकजुटता प्रदर्शित कर सकें। झारखंड में हुए विधानसभा चुनाव में पहली बार ऐसा मौका दिया जिसमें ऐसे नेता एक प्लेटफार्म पर इकट्ठा हुआ।

झामुमो, कांग्रेस, राजद समेत दक्षिण के राजनेता हुए शामिल
29 दिसंबर को राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित इस कार्यक्रम में एक तरफ जहां झारखंड मुक्ति मोर्चा कांग्रेस और राजद के नेताओं की उपस्थिति रही। वही कांग्रेस शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए। इतना ही नहीं केंद्र सरकार के खिलाफ कड़ी आवाज उठाने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मौजूदगी भी चर्चा का कारण बनी।


Body:वहीं दक्षिण भारत से एमके स्टालिन और डी राजा की मौजूदगी ने इस बात को और बल दिया कि गैर भाजपा विचारधारा के नेता अब एक प्लेटफार्म पर इकट्ठे होने की जुगत में लगे हैं।

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और राहुल गांधी की उपस्थिति ने दी ताकत
सबसे बड़ी बात यह है कि हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे और देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी समेत राहुल गांधी की मौजूदगी ने वैसी सोच को एक ताकत प्रदान की। दरअसल झारखंड विधानसभा के चुनावों ने एक तरफ जहां पर देश की राजनीति में 'यू टर्न' ला दिया है। वहीं इससे देश की राजनीति पर भी प्रभाव पड़ना निश्चित माना जा रहा है। हाल में हुए हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनाव के बाद कांग्रेस की मजबूती और झारखंड में कांग्रेस का 15 सीटें हासिल करना उसके लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। साथ ही झामुमो के अभी तक के अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पर है उसे 30 सीटें हासिल हुई हैं। इतना ही नहीं पिछले कई चुनावों से अपना खाता खोलने को एक शुभ राजद भी एक सीट ला पाया है।


Conclusion:बता दें कि राजद सुप्रीमो चारा घोटाले मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद राजधानी रांची का रिम्स में इलाजरत है और वहां विपक्षी दलों की कथित रणनीति बनी है।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.