रांची: राजधानी के जगन्नाथपुर स्थित लगने वाला जगन्नाथ मेला खत्म होने के बाद वहां लगने वाले कूड़े के अंबार से लोग डरे हुए हैं. प्रशासन और लोग जितनी मेहनत मेला लगाने में करते हैं. उतनी मेहनत और जागरुकता मेले के दौरान फैले कचरे को समटने और उसे फेंकने में नहीं लगाते. मेले में दुकान लगाने वाले, प्रशासन और बाकी लोग मेला खत्म होने के बाद खुशी-खुशी अपने अपने घर वापस लौट गए, लेकिन उस स्थान पर रहने वाले लोग इससे परेशानी झेल रहे हैं.
यह भी पढ़ें: रांची रथ यात्रा मेला मामले में सरकार के जवाब से हाई कोर्ट संतुष्ट, मामले को किया निष्पादित
गौरतलब हो कि रांची में काफी भव्य तरीके से जगन्नाथ मेला लगता है. इस मेले में लाखों लोग शिरकत करते हैं. 12 दिनों तक लगने वाले इस मेले में राजधानी सहित राज्य के विभिन्न जिलों से आने वाले लोग शिरकत करते हैं और अपने मन मुताबिक खानपान और घूम फिर कर आनंद उठाते हैं. लेकिन 12 दिनों तक लगने वाले इस मेले के बाद जगन्नाथपुर में रहने वाले स्थानीय लोगों को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
स्थानीय लोगों ने बताया कि मेले से निकलने वाले अवशेष और कूड़े कचरे की वजह से मोहल्ले में गंदगी का अंबार लग जाता है. जिस वजह से स्थानीय लोगों के घरों में मच्छर बढ़ जाते हैं. मच्छर बढ़ने की वजह से कई तरह की बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है.
निगम के कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने की जरूरत: हालांकि मेले से निकलने वाली गंदगी की साफ-सफाई के लिए नगर निगम के कर्मचारियों की तैनाती की जाती है. लेकिन गली-मोहल्लों में साफ-सफाई वृहद स्तर से नहीं हो पाती है. रविवार को मेले की समाप्ति होते ही मोहल्ले के आसपास गंदगी का अंबार लगने लगा. कई लोगों ने बताया कि यदि अगले दो-तीन दिनों में सफाई कर्मचारियों की संख्या नहीं बढ़ाई जाएगी तो मोहल्ले में गंदगी से आम लोगों को परेशानी और भी ज्यादा बढ़ जाएगी.
मलेरिया, डेंगू जैसी बीमारियों का बढ़ जाता है खतरा: स्थानीय लोगों के अनुसार, मेले से निकलने वाली गंदगी से पिछले वर्ष और उससे पहले भी कई लोग गंभीर बीमारियों के शिकार हो चुके हैं. लोगों ने बताया कि यदि अचानक बारिश हो जाती है तो मोहल्ले में मच्छरों की संख्या बढ़ जाती है, जिससे मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है.
साफ-सफाई से पल्ला झाड़ रहा मंदिर प्रबंधन: वहीं कई लोगों ने ऑफ कैमरा यह भी बताया कि मंदिर समिति की तरफ से लाखों रुपए लेकर टेंडर लिए जाते हैं. लेकिन साफ-सफाई नगर निगम के जिम्मे छोड़ दिया जाता है. जबकि मेला समिति के लोगों को भी साफ-सफाई का जिम्मा दिया हुआ है, लेकिन मेला समिति के लोगों की तरफ से लापरवाही बरती जाती है.