रांची: झारखंड के संगठित गिरोह खौफ की कमाई का इस्तेमाल रियल एस्टेट में कर रहे हैं. गैंगस्टर अमन और सुजीत सिन्हा रंगदारी के पैसों का इस्तेमाल रियल स्टेट में तो कर ही रहे हैं साथ ही होटल कारोबार में भी उसी पैसे का इस्तेमाल कर रहे हैं. पुलिस की जांच में कई खुलासे हुए हैं. जांच में यह भी पता चला है कि गैंगस्टर सुजीत सिन्हा ने नेपाल में रंगदारी के पैसे से होटल तक खोल लिया है. पुलिस अब वैसे गैंगस्टर्स के अर्थतंत्र पर जोर देने की तैयारी में है.
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रांची से लेकर नेपाल तक फैला सम्राज्य
झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर रंगदारी के पैसे से मालामाल हो रहे हैं. झारखंड कारोबारियों से रंगदारी वसूल कर नेपाल के टूरिस्ट डेस्टिनेशन में भी झारखंड के अपराधी सुजीत सिन्हा ने एक होटल की खरीद की है. जांच में यह बात सामने आयी है कि हजारीबाग के बड़कागांव थाना से फरारी के बाद अमन साव ने नेपाल स्थित उसी होटल को ही अपना ठिकाना बनाया था. हाल में रांची समेत राज्य के सात जिलों में एटीएस ने एक साथ अमन साव और उसके करीबियों के यहां छापेमारी की थी. छापेमारी के दौरान अपराधी गैंग के सदस्यों के यहां से कई अहम कागजात, जमीन में निवेश संबंधी पेपर मिले थे. एटीएस ने इन कागजातों के आधार पर जांच करायी हैं, जिसमें चौकानें वाले तथ्य सामने आए हैं.
अमन साव ने कई अपार्टमेंट में लगाया है पैसा
रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में बंद गैंगस्टर अमन साव के द्वारा रांची में करोड़ों का निवेश जमीन के कारोबार में किया गया है. इसके अलावा रियलस्टेट में भी अमन का पैसा लगा हुआ है. पुलिस के द्वारा जब्त कागजातों की जांच में यह बात सामने आयी है कि रंगदारी के तौर पर मिली रकम को रांची में एक अपार्टमेंट निर्माण में लगाया गया है. पुलिस ने डोरंडा समेत रांची के अन्य लोकेशन में कुछ ऐसे अपार्टमेंट्स को चिन्हित किया है, जहां आपराधिक गैंग के उगाही का पैसा लगा है.
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रिंग रोड समेत कई जगहों पर जमीन की खरीद
गिरोह के अपराधियों ने अलग अलग लोगों के नाम से रिंग रोड में जमीन की खरीद की है. अमन साव के करीबी समीर बागची उर्फ कल्लू बंगाली के यहां से भी रिंग रोड में जमीन की खरीद से संबंधित कागजात मिले थे. वहीं, रांची के ग्रामीण इलाकों में भी जमीन की खरीद अमन साव व उसके करीबियों ने की है.
कुर्की और जब्ती होगी तेज
पुलिस भी भली-भांति जानती है कि जब तक संगठित आपराधिक गिरोह के अर्थतंत्र पर चोट नहीं दिया जाएगा तब तक उन पर नकेल कसना बेहद मुश्किल है. यही वजह है कि फरार चल रहे अपराधियों के घरों की कुर्की और जेल में बैठकर करोड़ों कमा रहे गैंगस्टर्स की संपत्ति का पता पुलिस और एटीएस लगा रही है, ताकि उसे जब्त किया जा सके.
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संगठित अपराध रोकने का जिम्मा एटीएस को
राज्य पुलिस की एंटी टेररिस्ट स्क्वायड (एटीएस) को राज्यभर में संगठित अपराध रोकने, गिरोहों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया है. ऐसा पहली बार है जब एटीएस को संगठित अपराध के खिलाफ बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. एटीएस थाना का कार्यक्षेत्र पूरे राज्य का होगा. राज्यभर में एटीएस कहीं भी संगठित आपराधिक गैंग के खिलाफ अभियान चला सकती है. उम्मीद है कि एटीएस की टीम पुलिस के साथ मिलकर संगठित आपराधिक गिरोहों पर नकेल कसने में कामयाब होगी.