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सावधान! कबाड़ी वाला या पेंटर हो सकता है चोर, रांची में सक्रिय शातिर चोरों का गिरोह

रांची में ऐसे शातिर चोरों का गिरोह सक्रिय है. जो बंद घरों को निशाना बना रहे हैं. शहर में घूमने वाले पेंटर, कबाड़ी वाले चोर हो सकते हैं. क्योंकि ये बहुरूयिए दिन में ऐसी वेशभूषा में रेकी करते हैं और रात को उन्हीं घरों में चोरी की वारदात को अंजाम देते हैं.

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शातिर चोर गिरोह
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Published : Mar 4, 2021, 12:09 PM IST

Updated : Mar 4, 2021, 1:16 PM IST

रांचीः अगर आप राजधानी रांची में रहते हैं और घर बंद कर शहर से बाहर जाने वाले हैं तो सावधान हो जाएं. क्योंकि आपके बंद घर चोरों के निशाने पर हैं. राजधानी रांची के शहरी और ग्रामीण इलाकों में इन दिनों एक ऐसा चोर गिरोह सक्रिय है, जो दिन में बंद घरों की रेकी करता है और रात में उसी घर में चोरी की वारदात को अंजाम देता है.

देखें पूरी खबर

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कबाड़ी वाला, पेंटर बन करते हैं रेकी
इस गिरोह के सदस्य दिन के उजाले में कबाड़ी वाला बनकर मोहल्लों की रेकी किया करते हैं. यहां तक की आपके घर तक इस गिरोह के सदस्य कभी प्लंबर तो कभी पेंटर बनकर भी पहुंचते हैं. हाल में ही रांची पुलिस ने खलारी इलाके से इस गिरोह के 10 सदस्यों को धर-दबोचा था. गिरफ्तारी के बाद यह खुलासा हुआ था कि यह गिरोह राजधानी रांची के ग्रामीण इलाकों में कुछ ज्यादा ही सक्रिय है. इनके निशाने पर वैसे घर होते हैं, जिनमें कोई नहीं होता है. रांची के ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने बताया कि इस गिरोह 10 सदस्य पकड़े गए हैं, अभी-भी कई लोग बाहर हैं, जो चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं.

बेहद शातिर हैं गिरोह के सदस्य, मोबाइल का नहीं करते इस्तेमाल
इस गिरोह में 60 साल से लेकर 18 साल की उम्र तक के शातिर अपराधी शामिल है. इस गिरोह के सदस्य भली-भांति जानते है कि अगर वह लोग मोबाइल फोन का प्रयोग करेंगे तो पुलिस उन्हें तुरंत धर-दबोचेगी. इस वजह से इस गिरोह के लोग कभी-भी मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करते हैं. गिरोह के वरिष्ठ सदस्यों ने अपने सभी सदस्यों को यह ताकीद दी है कि वह कभी भी मोबाइल का इस्तेमाल ना करें. खासकर जब वो बंद घरों की रेकी करते हैं और चोरी करते हैं.

टेक्निकल सेल की पकड़ से दूर
मोबाइल फोन की सहज उपलब्धता के बाद लोगों को बेहद सुविधा हुई, मोबाइल फोन के जरिए अपराधियों का पकड़ा जाना भी कई जगह काफी आसान हो गया. आपराधिक वारदातों को अंजाम देने समय किसी ना किसी अपराधी के पास मोबाइल जरूर मौजूद रहता है, वह उस मोबाइल से अपने साथियों से संपर्क करता है. पुलिस की टेक्निकल टीम इसी मोबाइल के आधार पर अपराधियों तक पहुंचने में कामयाब हो जाती थी. लेकिन यह चोर गिरोह इतना शातिर है कि यह मोबाइल का प्रयोग ही नहीं करता है.

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सिर्फ कीमती सामानों पर करते हैं हाथ साफ
यह गिरोह सिर्फ कीमती सामानों पर ही हाथ साफ करता है, घर के गहने और पैसे इनके निशाने पर होते हैं. बंद घर की सुबह से शाम रेकी करने के बाद देर रात चोरी की वारदातों को अंजाम देता है.

ग्रामीण इलाके में लगातार चोरी की वारदात
इस गिरोह के निशाने पर सबसे ज्यादा राजधानी के ग्रामीण इलाके हैं. हाल के दिनों में 1 दर्जन से अधिक चोरी की वारदातें रांची के अलग-अलग थानों में दर्ज हुई है. अधिकांश बंद घरों को निशाना बनाया गया है, जो बंद पड़े थे. पुलिस को अंदेशा है कि इस गिरोह की ओर से ही इन घरों में चोरी की वारदात को अंजाम दिया गया है.

मुखबिर नेटवर्क को मजबूत किया जा रहा
रांची के सीनियर एसपी सुरेंद्र कुमार झा के ज्वाइन करने के बाद रांची पुलिस में मैनुअल नेटवर्क को भी एक बार फिर से दुरुस्त किया जा रहा है. पुलिस का मैनुअल नेटवर्क उनके मुखबिर होते हैं. खलारी में पकड़े गए चोर गिरोह के 10 सदस्य भी मैनुअल नेटवर्क के जरिए ही पकड़े गए थे. क्योंकि पकड़े गए चोरों ने कभी भी मोबाइल का इस्तेमाल वारदात के समय नहीं किया था.

ड्रिल-कटर मशीन से होते हैं लैस

खलारी से जो गिरोह पकड़ा गया था उसे दबोच ने के लिए पुलिस को बेहद मेहनत करनी पड़ी थी. गिरफ्तारी के बाद चोर गिरोह के सदस्यों ने खुलासा किया था कि वो लोग मजदूर, फेरीवाला, पेंटर सहित अलग-अलग काम में लगकर घरों की रेकी किया करते थे. इसके बाद घरों पर धावा बोलते और वहां से कीमती सामान गायब कर देते थे. गिरोह में कई ऐसे सदस्य हैं जो अपने साथ टॉर्च, ड्रिल मशीन, कटर मशीन के साथ साथ हर तरह के टूल रखते हैं. इसका इस्तेमाल यह बंद घरों का ताले काटने और दरवाजों को तोड़ने में करते हैं.

गिरोह में झारखंड के बाहर के अपराधी भी हैं
राजधानी के ग्रामीण इलाकों में आतंक मचाने वाले इस गिरोह में झारखंड के बाहर के भी अपराधी शामिल है. यह ऐसे अपराधी हैं जो ताला तोड़ने, दरवाजा खोलने में माहिर हैं. इन्हीं का सहारा लेकर यह गिरोह लगातार चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहा है.

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एक चोरी के बाद 20 दिन कोई चोरी नहीं
यह गिरोह बेहद शातिर है, गिरोह के लोग रेकी कर जिस इलाके में चोरी की वारदात को अंजाम देते हैं. वहां अगले 20 दिनों तक कदम भी नहीं रखते और ना ही आसपास कहीं 20 दिनों तक चोरी की वारदात को अंजाम देते हैं. यह 20 दिन में चोरी किए गए कीमती सामानों को खपाने में बिताते हैं.

जल्द पकड़े जाएंगे बाकी सदस्य
रांची के ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने बताया कि अभी-भी इस गिरोह के कई सदस्य चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. जिन्हें दबोचने के लिए एक विशेष टीम बनाई गई है. जो लगातार इन्हें पकड़ने के लिए प्रयास कर रही है, उम्मीद है इस काम में उन्हें जल्दी सफलता भी हाथ लगेगी.

लोगों से पुलिस की अपील
चोरी की वारदातों में बढ़ोतरी को लेकर रांची पुलिस की ओर से आम लोगों से यह अपील भी की गई है कि वो अपने घर बंद कर अगर जाते हैं तो कोशिश यह रहे की, उसमें कोई ना कोई परिचित जरूर रहे या फिर भी नजदीकी थाना को सूचना जरूर दें. जिससे पुलिस की गश्ती पार्टी रात के समय उस घर के आसपास निगरानी रख सके.

रांचीः अगर आप राजधानी रांची में रहते हैं और घर बंद कर शहर से बाहर जाने वाले हैं तो सावधान हो जाएं. क्योंकि आपके बंद घर चोरों के निशाने पर हैं. राजधानी रांची के शहरी और ग्रामीण इलाकों में इन दिनों एक ऐसा चोर गिरोह सक्रिय है, जो दिन में बंद घरों की रेकी करता है और रात में उसी घर में चोरी की वारदात को अंजाम देता है.

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कबाड़ी वाला, पेंटर बन करते हैं रेकी
इस गिरोह के सदस्य दिन के उजाले में कबाड़ी वाला बनकर मोहल्लों की रेकी किया करते हैं. यहां तक की आपके घर तक इस गिरोह के सदस्य कभी प्लंबर तो कभी पेंटर बनकर भी पहुंचते हैं. हाल में ही रांची पुलिस ने खलारी इलाके से इस गिरोह के 10 सदस्यों को धर-दबोचा था. गिरफ्तारी के बाद यह खुलासा हुआ था कि यह गिरोह राजधानी रांची के ग्रामीण इलाकों में कुछ ज्यादा ही सक्रिय है. इनके निशाने पर वैसे घर होते हैं, जिनमें कोई नहीं होता है. रांची के ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने बताया कि इस गिरोह 10 सदस्य पकड़े गए हैं, अभी-भी कई लोग बाहर हैं, जो चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं.

बेहद शातिर हैं गिरोह के सदस्य, मोबाइल का नहीं करते इस्तेमाल
इस गिरोह में 60 साल से लेकर 18 साल की उम्र तक के शातिर अपराधी शामिल है. इस गिरोह के सदस्य भली-भांति जानते है कि अगर वह लोग मोबाइल फोन का प्रयोग करेंगे तो पुलिस उन्हें तुरंत धर-दबोचेगी. इस वजह से इस गिरोह के लोग कभी-भी मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करते हैं. गिरोह के वरिष्ठ सदस्यों ने अपने सभी सदस्यों को यह ताकीद दी है कि वह कभी भी मोबाइल का इस्तेमाल ना करें. खासकर जब वो बंद घरों की रेकी करते हैं और चोरी करते हैं.

टेक्निकल सेल की पकड़ से दूर
मोबाइल फोन की सहज उपलब्धता के बाद लोगों को बेहद सुविधा हुई, मोबाइल फोन के जरिए अपराधियों का पकड़ा जाना भी कई जगह काफी आसान हो गया. आपराधिक वारदातों को अंजाम देने समय किसी ना किसी अपराधी के पास मोबाइल जरूर मौजूद रहता है, वह उस मोबाइल से अपने साथियों से संपर्क करता है. पुलिस की टेक्निकल टीम इसी मोबाइल के आधार पर अपराधियों तक पहुंचने में कामयाब हो जाती थी. लेकिन यह चोर गिरोह इतना शातिर है कि यह मोबाइल का प्रयोग ही नहीं करता है.

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सिर्फ कीमती सामानों पर करते हैं हाथ साफ
यह गिरोह सिर्फ कीमती सामानों पर ही हाथ साफ करता है, घर के गहने और पैसे इनके निशाने पर होते हैं. बंद घर की सुबह से शाम रेकी करने के बाद देर रात चोरी की वारदातों को अंजाम देता है.

ग्रामीण इलाके में लगातार चोरी की वारदात
इस गिरोह के निशाने पर सबसे ज्यादा राजधानी के ग्रामीण इलाके हैं. हाल के दिनों में 1 दर्जन से अधिक चोरी की वारदातें रांची के अलग-अलग थानों में दर्ज हुई है. अधिकांश बंद घरों को निशाना बनाया गया है, जो बंद पड़े थे. पुलिस को अंदेशा है कि इस गिरोह की ओर से ही इन घरों में चोरी की वारदात को अंजाम दिया गया है.

मुखबिर नेटवर्क को मजबूत किया जा रहा
रांची के सीनियर एसपी सुरेंद्र कुमार झा के ज्वाइन करने के बाद रांची पुलिस में मैनुअल नेटवर्क को भी एक बार फिर से दुरुस्त किया जा रहा है. पुलिस का मैनुअल नेटवर्क उनके मुखबिर होते हैं. खलारी में पकड़े गए चोर गिरोह के 10 सदस्य भी मैनुअल नेटवर्क के जरिए ही पकड़े गए थे. क्योंकि पकड़े गए चोरों ने कभी भी मोबाइल का इस्तेमाल वारदात के समय नहीं किया था.

ड्रिल-कटर मशीन से होते हैं लैस

खलारी से जो गिरोह पकड़ा गया था उसे दबोच ने के लिए पुलिस को बेहद मेहनत करनी पड़ी थी. गिरफ्तारी के बाद चोर गिरोह के सदस्यों ने खुलासा किया था कि वो लोग मजदूर, फेरीवाला, पेंटर सहित अलग-अलग काम में लगकर घरों की रेकी किया करते थे. इसके बाद घरों पर धावा बोलते और वहां से कीमती सामान गायब कर देते थे. गिरोह में कई ऐसे सदस्य हैं जो अपने साथ टॉर्च, ड्रिल मशीन, कटर मशीन के साथ साथ हर तरह के टूल रखते हैं. इसका इस्तेमाल यह बंद घरों का ताले काटने और दरवाजों को तोड़ने में करते हैं.

गिरोह में झारखंड के बाहर के अपराधी भी हैं
राजधानी के ग्रामीण इलाकों में आतंक मचाने वाले इस गिरोह में झारखंड के बाहर के भी अपराधी शामिल है. यह ऐसे अपराधी हैं जो ताला तोड़ने, दरवाजा खोलने में माहिर हैं. इन्हीं का सहारा लेकर यह गिरोह लगातार चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहा है.

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एक चोरी के बाद 20 दिन कोई चोरी नहीं
यह गिरोह बेहद शातिर है, गिरोह के लोग रेकी कर जिस इलाके में चोरी की वारदात को अंजाम देते हैं. वहां अगले 20 दिनों तक कदम भी नहीं रखते और ना ही आसपास कहीं 20 दिनों तक चोरी की वारदात को अंजाम देते हैं. यह 20 दिन में चोरी किए गए कीमती सामानों को खपाने में बिताते हैं.

जल्द पकड़े जाएंगे बाकी सदस्य
रांची के ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने बताया कि अभी-भी इस गिरोह के कई सदस्य चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. जिन्हें दबोचने के लिए एक विशेष टीम बनाई गई है. जो लगातार इन्हें पकड़ने के लिए प्रयास कर रही है, उम्मीद है इस काम में उन्हें जल्दी सफलता भी हाथ लगेगी.

लोगों से पुलिस की अपील
चोरी की वारदातों में बढ़ोतरी को लेकर रांची पुलिस की ओर से आम लोगों से यह अपील भी की गई है कि वो अपने घर बंद कर अगर जाते हैं तो कोशिश यह रहे की, उसमें कोई ना कोई परिचित जरूर रहे या फिर भी नजदीकी थाना को सूचना जरूर दें. जिससे पुलिस की गश्ती पार्टी रात के समय उस घर के आसपास निगरानी रख सके.

Last Updated : Mar 4, 2021, 1:16 PM IST
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