रांची: राज्य के चार कॉलेज को विश्वविद्यालय के रुप में अपग्रेड करने की तैयारी शुरू हो गई है. राज्य सरकार ने रांची महिला कॉलेज, देवघर कॉलेज, जमशेदपुर कॉपरेटिव कॉलेज और गुमला के केओ कॉलेज को विश्वविद्यालय के रुप में अपग्रेड करने का निर्णय लिया है. विश्वविद्यालय के रूप में अपग्रेड होने से यहां विभिन्न विषयों के पाठ्यक्रम संचालित हो सकेंगे. उच्च शिक्षा विभाग के द्वारा इन कॉलेजों की स्वायत्तता के साथ अपग्रेडेशन की दिशा में कार्रवाई शुरू कर दी गई है.
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रांची महिला कॉलेज वर्तमान में रांची विश्वविद्यालय के अधीन है जहां पीजी तक की पढ़ाई होती है. यूनिवर्सिटी में अपग्रेड होने के बाद यहां विभिन्न विषयों के विभाग खुलेंगे साथ ही नये सिरे से चारों नवसृजित विश्वविद्यालय में पदों का सृजन होगा. रांची विश्वविद्यालय के बहुउद्देश्यीय परीक्षा केन्द्र के निदेशक अशोक कुमार सिंह के अनुसार शिक्षा के सर्वव्यापीकरण के तहत यह कदम उठाया जा रहा है. रांची महिला कॉलेज के पास बड़ा कैंपस के अलावे सारी सुविधाएं हैं जिसे एक विश्वविद्यालय के रुप में विकसित किया जा सकता है. इसके अलावे इंफ्रास्ट्रक्चर और मैनपावर की जो कमी होगी उसे सरकार जरूर मुहैया करायेगी.
महिला कॉलेज रांची में चल रहे तैयारी के बारे में जानकारी देते हुए कॉलेज के प्राचार्य डॉ सुप्रीया ने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर विभाग के द्वारा डीपीआर तैयार हो रहा है. इस संबंध में कॉलेज के द्वारा विस्तृत रिपोर्ट भी उच्च शिक्षा विभाग को दी गई है. डीपीआर फाइनल होने तक पहले से स्वीकृत बिल्डिंग निर्माण को भी रोक दिया गया है. विभाग का मानना है कि जब यूनिवर्सिटी में अपग्रेड करने की तैयारी है तो योजनावद्ध रुप से क्लास रुम, विभाग और ऑफिस बिल्डिंग का निर्माण हो. संभावना है जल्द ही डीपीआर फाइनल हो जायेगा.
अपग्रेड होने के बाद कॉलेजों का बदलेगा स्वरूप: अपग्रेड होने के बाद इन चारों कॉलेज के स्वरूप में बदलाव होगा. हालांकि इनके अधीन अन्य कोई कॉलेज नहीं होंगे. इन विश्वविद्यालय के लिए अलग से बजट प्रावधान होगा. नई शिक्षा नीति के तहत की गई इस कवायद को राज्य सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष के बजट में भी रखा था जिसके बाद उच्च शिक्षा विभाग ने इस पर कार्य आरंभ कर दिया है. इससे पहले रांची कॉलेज को डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय तथा जमशेदपुर महिला महाविद्यालय को जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय के रूप में अपग्रेड किया जा चुका है.
राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत अपग्रेडेशन कि यह कार्रवाई नई शिक्षा नीति को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है. गौरतलब है कि ऑल इंडिया सर्वे ऑफ हायर एजुकेशन 2020-21 की रिपोर्ट के अनुसार झारखंड में उच्च शिक्षा का सकल नामांकन अनुपात राष्ट्रीय स्तर से काफी नीचे है. इसे ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात को 2035 तक 50% तक लाने की रखी गई है जिसमें सबसे ज्यादा फोकस 18 से 23 वर्ष के युवाओं पर सरकार की है जिनके लिए एक लाख की संख्या पर झारखंड में महज 9 कॉलेज उपलब्ध हैं जबकि राष्ट्रीय स्तर पर 31 कॉलेज उपलब्ध है.