रांची: दहेज हत्या (dowry death) के पांच साल पुराने मामले में रांची सिविल कोर्ट (Ranchi Civil Court) ने अहम फैसला सुनाया है. इस मामले में रांची के पूर्व एडीएम अहमद हुसैन और उनके बेटे अंदलीब अहमद दोषी हैं. रांची सिविल कोर्ट के अपर न्यायायुक्त दिनेश राय की अदालत ने दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है. साथ ही 50-50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. दोनों पिता-पुत्र अगर जुर्माने की राशि नहीं देते हैं तो उन्हें अतिरिक्त एक-एक साल जेल की सजा काटनी होगी.
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8 अगस्त को ठहराया गया था दोषी: अदालत ने दोनों को आठ अगस्त को उन्हें दोषी ठहराया था. अभियुक्तों पर दहेज के लिए शाइस्ता हसमत नाम की महिला की हत्या करने का आरोप था, जबकि मृतक का देवर अंदलीब अहमद पहले से ही जेल में है. सजा के बिन्दु पर सुनवाई के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अभियुक्त को पेश किया गया था.
महिला के पिता ने दर्ज कराया था एफआईआर: महिला के पिता ने ही डोरंडा थाना में प्राथमिकी (कांड संख्या 145/17) दर्ज करा दी थी. जिसमें कहा गया था कि एडीएम के बेटे आफताब अहमद के साथ शाइस्ता हसमत की 27 दिसंबर 2015 को शादी हुई थी. दहेज के रूप में एक फ्लैट खरीदने के लिए 15 लाख की मांग को लेकर उसे प्रताड़ित किया जा रहा था. जब दहेज नहीं दिया गया तो 12 जुलाई 2017 को सास, ससुर और देवर ने बिजली की तार से गला घोंट कर उसकी हत्या कर दी थी.