रांची: सेंगल अभियान के अध्यक्ष सह पूर्व सांसद सालखान मुर्मू (Former MP Salkhan Murmu) ने मंगलवार को आदिवासी समाज के लोगों के साथ बैठक की. जिसमें कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई. इस दौरान सालखन मुर्मू ने कहा कि सरना धर्म कोड को लागू करना आदिवासी समाज के लिए बहुत ही जरूरी है, तभी आदिवासी धर्म की पहचान आने वाले समय में बच पाएगी.
आदिवासियों को ईसाई मिशनरियों से नुकसानः सालखन मुर्मू (Former MP Salkhan Murmu) ने कहा कि बैठक में लोगों को यह भी बताया गया कि आदिवासियों का अस्तित्व, पहचान और हिस्सेदारी पर अब तक सर्वाधिक सेंधमारी और नुकसान ईसाई मिशनरियों ने किया है. आदिवासी विशिष्ट भाषा, संस्कृति, सोच, संस्कार, जीवन मूल्यों के साथ प्रकृति पर्यावरण को ही अपना पालनहार ईश्वर मानते हैं. लेकिन ईसाई मिशनरियों ने विदेशी धर्म, संस्कृति और संस्कार थोप कर आदिवासियों की जड़ों से काटने और भड़काने का काम किया (Damage From Christian Missionaries) है. आदिवासियत की रक्षा की जगह ईसाइयत को मजबूत किया जा रहा है.
राज्य सरकार पर लगाया उपेक्षा का आरोपः उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और सत्ता में शामिल झारखंड मुक्ति मोर्चा पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य की सरकार आदिवासियों को मुसलमानों और ईसाइयों के हाथों सुपुर्द कर रही है. इससे धीरे-धीरे आदिवासियों की भाषा, जाति, धर्म, इज्जत और आबादी उजाड़ेगी.
भाजपा आदिवासियों को हिंदू बनाने पर तुलीः वहीं भारतीय जनता पार्टी पर भी उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि एक तरफ झारखंड मुक्ति मोर्चा आदिवासियों को ईसाई बनाने में लगी है. वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी भी आदिवासी समाज को हिंदू में शामिल करना चाहती है. यदि भारतीय जनता पार्टी आदिवासी समाज की हितैषी है तो वो जल्द से जल्द सरना धर्म कोड लागू करना (Demand For Sarna Code In Meeting) चाहिए, ताकि आदिवासियों को अपना हक और सम्मान मिल सके.
आदिवासी महिलाओं को भी पिता की संपत्ति में अधिकार मिलेः आदिवासी सेंगल अभियान के अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने कहा कि आदिवासी महिलाओं को भी पुरुष की तरह पिता की संपत्ति में अधिकार मिले इसके लिए अलग से कानून लाया जाए. हालांकि हिंदू उत्तराधिकार कानून 1956 में संशोधन लाकर सुप्रीम कोर्ट ने आदिवासी बेटी को भी पिता की संपत्ति पर बाबर हक देने की बात कही है, लेकिन इस नियम को लाने के लिए हिंदू उत्तराधिकार कानून 1956 में संशोधन न करें, बल्कि सरना धर्म कोड लागू कर आदिवासियों के लिए विशेष नियम बनाएं.
सरना धर्म कोड लागू करे सरकारः वहीं उन्होंने (Former MP Salkhan Murmu) कहा कि हिंदू मैरिज एक्ट 1955 और हिंदू उत्तराधिकारी कानून 1956 के प्रावधानों में सिख, जैन, बौद्ध की तरह आदिवासी शामिल नहीं हैं. ऐसे में हिंदू उत्तराधिकार कानून में संशोधन कर बेटियों को बराबर का हक तो दिलाया जा सकता है, लेकिन आदिवासियों की पहचान इससे मिट जाएगी. इसलिए जरूरी है केंद्र सरकार जल्द से जल्द सरना धर्म कोड लागू कर आदिवासियों की पहचान को बचाएं, ताकि उनके धर्म को भी एक पहचान मिल सके. वहीं उन्होंने ईसाई बने सभी आदिवासियों से निवेदन किया कि वो अविलंब अपने पूर्वजों के प्रकृति पूजा धर्म में वापस आ जाएं और आदिवासियत की जड़ों को मजबूत करें.