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पूर्व मंत्री के तत्कालीन पीए मनोज सिंह को झारखंड हाई कोर्ट से मिली जमानत, 13 करोड़ की मनी लांड्रिंग का आरोप

झारखंड हाई कोर्ट से मनी लांड्रिंग मामले में पूर्व मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी के पूर्व पीए मनोज कुमार सिंह को जमानत मिल गई है. मनोज सिंह पर 13 करोड़ की मनी लांड्रिंग का आरोप है और ईडी कोर्ट में उनके खिलाफ मामला लंबित है.

Former ministers PA Manoj Singh gets bail from Jharkhand High Court
झारखंड हाई कोर्ट
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Published : Mar 8, 2021, 9:29 PM IST

रांची: झारखंड के पूर्व मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी के पूर्व पीए मनोज कुमार सिंह को झारखंड हाई कोर्ट से राहत मिली है. जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की अदालत ने उन्हें मनी लांड्रिंग मामले में जमानत दी है. मनोज सिंह पर 13 करोड़ की मनी लांड्रिंग का आरोप है और ईडी कोर्ट में उनके खिलाफ मामला लंबित है.

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साल 2011 में निगरानी ब्यूरो द्वारा दर्ज आय से अधिक संपत्ति मामले पर कार्रवाई करते हुए ईडी ने मनोज सिंह सहित उनके 2 भाइयों पर मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया है. इसके बाद तीनों आरोपियों ने अग्रिम जमानत के लिए विशेष कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक में याचिका दायर की थी, लेकिन कहीं से उन्हें राहत नहीं मिली थी. आयकर विभाग ने साल 2009 में मनोज के खाते में जमा 13 करोड़ रुपए जब्त कर लिया था. निगरानी ब्यूरो ने 2 दिसंबर 2009 को उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया, जिसके अनुसार, मनोज ने 9 अक्टूबर 2006 से 23 अगस्त 2008 के बीच मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी के निजी सचिव रहते अवैध तरीके से 13 करोड़ रुपए अर्जित किए. इस बारे में जब मनोज से पूछा गया, तो उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया. जबकि, उस समय उन्हें वेतन मद से मात्र 2 लाख 66 हजार रुपए ही प्राप्त हुए थे.

रांची: झारखंड के पूर्व मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी के पूर्व पीए मनोज कुमार सिंह को झारखंड हाई कोर्ट से राहत मिली है. जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की अदालत ने उन्हें मनी लांड्रिंग मामले में जमानत दी है. मनोज सिंह पर 13 करोड़ की मनी लांड्रिंग का आरोप है और ईडी कोर्ट में उनके खिलाफ मामला लंबित है.

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साल 2011 में निगरानी ब्यूरो द्वारा दर्ज आय से अधिक संपत्ति मामले पर कार्रवाई करते हुए ईडी ने मनोज सिंह सहित उनके 2 भाइयों पर मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया है. इसके बाद तीनों आरोपियों ने अग्रिम जमानत के लिए विशेष कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक में याचिका दायर की थी, लेकिन कहीं से उन्हें राहत नहीं मिली थी. आयकर विभाग ने साल 2009 में मनोज के खाते में जमा 13 करोड़ रुपए जब्त कर लिया था. निगरानी ब्यूरो ने 2 दिसंबर 2009 को उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया, जिसके अनुसार, मनोज ने 9 अक्टूबर 2006 से 23 अगस्त 2008 के बीच मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी के निजी सचिव रहते अवैध तरीके से 13 करोड़ रुपए अर्जित किए. इस बारे में जब मनोज से पूछा गया, तो उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया. जबकि, उस समय उन्हें वेतन मद से मात्र 2 लाख 66 हजार रुपए ही प्राप्त हुए थे.

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