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रांचीः पूर्व सीएम रघुवर दास की कंपनी को झटका, अनियमितता के चलते जनसंवाद करने वाली कंपनी का करार रद्द - रांची में पूर्व सीएम जनसंवाद करने वाली कम्पनी का समझौता रद्द

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यकाल में शुरू की गई, उनकी महत्वाकांक्षी योजना सीधी बात करने वाली एजेंसी का राज्य सरकार ने करार रद्द कर दिया है. इसकी जानकारी सूचना और जनसंपर्क निदेशालय ने अधिसूचना जारी कर दी.

झारखंड मंत्रालय
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Published : Jul 22, 2020, 9:23 PM IST

रांची: राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यकाल में शुरू की गई, उनकी महत्वाकांक्षी योजना जन संवाद, जिसमें जनता से सीधी बात करने वाली एजेंसी का राज्य सरकार ने करार रद्द कर दिया है. इस बाबत बुधवार को सूचना और जनसंपर्क निदेशालय ने अधिसूचना जारी कर दी है. जिसमें साफ लिखा है कि रांची के जन संवाद केंद्र और राज्य कोरोना वायरस केंद्र से संबंधित सूचना भवन स्थित सभी कार्यों को 31 जुलाई के प्रभाव से समाप्त किया जाता है.

दरअसल, जनसंवाद केंद्र की स्थापना पूर्ववर्ती सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री और आम लोगों के बीच कथित तौर पर संवाद स्थापित करने के मकसद से की गई थी. हालांकि इस केंद्र को चलाने वाली माइका एजुकेशन कंपनी के खिलाफ अनियमितता की काफी शिकायतें आ रही थी.

ये भी पढ़ें- कोरोना संक्रमित विधायक मथुरा महतो की नहीं कम हो रही चिंता, तीसरी बार भी रिपोर्ट पॉजिटिव

जनसंवाद केंद्र में काम करने वाली युवतियों ने भी संचालक के खिलाफ दुर्व्यवहार और यहां तक कि यौन शोषण का आरोप भी लगाया था. इसके अलावा एजेंसी के खिलाफ वित्तीय अनियमितता का मामला भी काफी चर्चा में आया था. लोगों का कहना था कि वहां काम करने वाली कुछ युवतियों ने सीधे तौर पर शिकायतों का निष्पादन में पैसों के लेनदेन की शिकायत भी की थी. बता दें कि राज्य सरकार के इस फैसले से पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की कंपनी को तगड़ा झटका लगा है. क्योंकि राज्य सरकार से उनकी कंपनी के करार को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है.

रांची: राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यकाल में शुरू की गई, उनकी महत्वाकांक्षी योजना जन संवाद, जिसमें जनता से सीधी बात करने वाली एजेंसी का राज्य सरकार ने करार रद्द कर दिया है. इस बाबत बुधवार को सूचना और जनसंपर्क निदेशालय ने अधिसूचना जारी कर दी है. जिसमें साफ लिखा है कि रांची के जन संवाद केंद्र और राज्य कोरोना वायरस केंद्र से संबंधित सूचना भवन स्थित सभी कार्यों को 31 जुलाई के प्रभाव से समाप्त किया जाता है.

दरअसल, जनसंवाद केंद्र की स्थापना पूर्ववर्ती सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री और आम लोगों के बीच कथित तौर पर संवाद स्थापित करने के मकसद से की गई थी. हालांकि इस केंद्र को चलाने वाली माइका एजुकेशन कंपनी के खिलाफ अनियमितता की काफी शिकायतें आ रही थी.

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जनसंवाद केंद्र में काम करने वाली युवतियों ने भी संचालक के खिलाफ दुर्व्यवहार और यहां तक कि यौन शोषण का आरोप भी लगाया था. इसके अलावा एजेंसी के खिलाफ वित्तीय अनियमितता का मामला भी काफी चर्चा में आया था. लोगों का कहना था कि वहां काम करने वाली कुछ युवतियों ने सीधे तौर पर शिकायतों का निष्पादन में पैसों के लेनदेन की शिकायत भी की थी. बता दें कि राज्य सरकार के इस फैसले से पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की कंपनी को तगड़ा झटका लगा है. क्योंकि राज्य सरकार से उनकी कंपनी के करार को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है.

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