रांची: पूर्व कृषि मंत्री सह कांग्रेस नेता योगेंद्र साव को दो अलग-अलग मामलों में रांची व्यवहार न्यायालय से बड़ी राहत मिली है. अपर आयुक्त विशाल श्रीवास्तव की अदालत ने योगेंद्र साव को आचार संहिता की दो अलग-अलग मामलों में साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है. 2009 के विधानसभा चुनाव और 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता उल्लंघन करने के दोनों मामलों में योगेंद्र साव को अदालत ने बरी किया है.
2009 विधानसभा चुनाव के दौरान पतरातू थाना अंतर्गत पीटीपीएस फुटबॉल मैदान में खेल का आयोजन किया गया था. इस फुटबॉल मैदान में फुटबॉल खेल के समय बीच-बीच में योगेंद्र साव का नाम लिया जा रहा था, जिसको लेकर पतरातू तत्कालीन अंचला अधिकारी सुशील कुमार राय ने योगेंद्र साव के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन करने का मामला दर्ज कराया था. अंचलाधिकारी ने कहा था कि चुनाव के दौरान आचार संहिता लागू था, इसके बावजूद फुटबॉल मैच का परमिशन नहीं लिया गया था. मामले में पूर्व मंत्री योगेंद्र साव, जेवीएम नेता डॉ संजय कुमार, मोहम्मद असलम और आनंद साउंड को अभियुक्त बनाया गया था.
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वहीं, 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता उल्लंघन के दूसरे मामले में भी पूर्व कृषि मंत्री योगेंद्र साव को बरी किया गया है. योगेंद्र साहू पर आरोप है कि 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान वह कृषि मंत्री थे, उस दौरान वह सरकारी वाहन का प्रयोग कर पंच मंदिर गए थे. जहां पर पहुंचकर उन्होंने चुनावी सभा को संबोधित किया था. सहकारिता प्रसार पदाधिकारी प्रशांत कुमार सिंह ने इस पर योगेंद्र साव के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन करने का मामला दर्ज कराया था. इस मामले में भी 6 गवाहों की गवाही दर्ज कराई गई थी. जिनमें से पांच गवाही देने से मुकर गए मामले में साक्ष्य के अभाव में योगेंद्र साव को बरी कर दिया गया.