रांची: झारखंड पुलिस के पूर्व एडीजी रहे रेजी डुंगडुंग का झारखंड पार्टी से मोहभंग हो गया. गुरुवार को रेजी डुंगडुंग ने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. आईपीएस की नौकरी से वीआरएस लेकर झारखंड में हुए विधानसभा चुनाव में सिमडेगा विधानसभा क्षेत्र से झारखंड पार्टी के प्रत्याशी के रूप में पूर्व एडीजी ने अपनी किस्मत आजमाई थी.
क्या है पूरा मामला
झारखंड के सिमडेगा विधानसभा क्षेत्र से झारखंड पार्टी के प्रत्याशी रहे पूर्व एडीजी रेजी डुंगडुंग ने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. पूर्व एडीजी ने एक बयान जारी कर कहा है कि वह अपने सिद्धांत और स्वार्थ के बीच सामंजस्य स्थापित नहीं कर पाए, इसलिए व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दे रहे हैं. रेजी डुंगडुंग ने 2019 में नवंबर महीने में झारखंड पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी. पार्टी ने उन्हें 2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाया था, लेकिन चुनाव में रेजी डुंगडुंग को हार का सामना करना पड़ा था.
क्या लिखा है पत्र में
रेजी डुंगडुंग की ओर से जारी किए गए पत्र में उन्होंने लिखा है कि वे अपने सिद्धांत और स्वार्थ के बीच सामंजस्य स्थापित नहीं कर पाए, साथ ही कुछ व्यक्तिगत कारण भी हैं जिन्हें लेकर वे इस्तीफा दे रहे हैं. झारखंड पार्टी के महासचिव अशोक कुमार भगत को पत्र लिखते हुए पूर्व एडीजी ने कहा है कि मैंने 12 नंवबर 2019 को पार्टी की सदस्यता ग्रहण किया था, मैं सिमडेगा से उम्मीदवार भी था, व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दे रहा हूं. उन्होंने लिखा कि मैं चुनाव के दौरान अपने सिद्धांत और स्वार्थ के बीच सामंजस्य स्थापित नहीं कर पाया, मुझे अपने विधानसभा क्षेत्र में लोगों की सेवा करनी चाहिए थी, लोगों के बीच रहना चाहिए था, लेकिन कोरोना महामारी के चलते मैं ऐसा नहीं कर पाया.
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कुंदन के पार्टी ज्वाइन करने पर भी हुआ था विवाद
जिस समय पूर्व एडीजी रेजी डुंगडुंग ने झारखंड पार्टी ज्वाइन की थी उसी समय कुख्यात नक्सल कमांडर कुंदन पहन ने भी झारखंड पार्टी ज्वाइन कर तमाड़ से चुनाव लड़ने की घोषणा की थी. उसे पार्टी का सिंबल भी मिल गया था, लेकिन अंतिम क्षण में झारखंड पार्टी ने उसे सिंबल वापस ले लिया था. उस दौरान भी यह मामला काफी चर्चा में था कि एक तरफ कुंदन के खिलाफ ऑपरेशन चलाने वाले एडीजी भी झारखंड पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि कुख्यात कुंदन भी झारखंड पार्टी के सिंबल पर ही चुनाव लड़ रहा है. 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी रेजी डुंगडुंग रिटायरमेंट के कुछ महीने पहले ही वीआरएस लेकर राजनीति के मैदान में कूद गए थे, लेकिन उनकी यह पारी कामयाब नहीं हो पाई.