रांची: राजधानी में टीम रहमत ने ओल्ड एज होम, संत मिखाइल ब्लाइंड स्कूल, चेशायर होम के अलावा बरना बस, झारखंड और अंजुमन अस्पताल तक फूड पैकेट बांटे. इस दौरान मरीज, बुजुर्ग और बच्चों के बीच बुधवार को युवाओं की टोली रहमत बनकर पहुंची. बात जश्न ईद मिलादुन्नबी से दो दिन पहले की है, जिसे उनके चाहने वाले कोरोना दिवस के रूप में मना रहे हैं.
जमशेदपुर में निहाल अहमद, शहरोज कमर और औरंगजेब खान की अगुवाई में टीम रहमत ने ओल्ड एज होम, संत मिखाइल ब्लाइंड स्कूल, चेशायर होम के अलावा बरना बस, झारखंड और अंजुमन अस्पताल तक फूड पैकेट बांटे. टीम ने बताया कि कुरान की सूरा के मुताबिक पैगंबर मोहम्मद सारी दुनिया के लिए रहमत बनाकर भेजे गएं.
उन्होंने हर जीव की सेवा करना सवाब बताया. उन्होंने कहा कि हर जीव-जन्तु के साथ रहमत का सुलूक किया जाए. बरनाबस अस्पताल के डारेक्टर डॉ विक्रम, चेशायर होम की प्रभारी सिस्टर बिमला और संत मिखाइल स्कूल के प्रभारी राजकुमार चंद्रवंशी ने कहा कि पैगंबर मोहम्मद के मानव कल्याण के संदेश को व्यवहार में लाना ही सच्चा धर्म और इंसानियत है. इस नेक काम में रांची सेंट्रल मुहर्रम कमेटी के महासचिव अकीलूर रहमान सहित कई लोगों का योगदान रहा.
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ईद और बकरीद के अलावा भी मुस्लिमों का एक मुख्य त्योहार है जिसे ईद ए मिलादुन्नबी कहा जाता है. ये मुसलमानों के लिए एक बेहद खास दिन माना जाता है. इस्लामिक कैलेंडर के तीसरे महीने रबिउलअव्वल की 12 तारीख को मनाए जाने वाले इस त्योहार की अपनी अहमियत है. इस दिन आखिरी नबी और पैगंबर हज़रत मोहम्मद साहब का जन्म हुआ था. इस दिन मुस्लिम समुदाय के लोग जश्न मनाते हैं मिठाइयां बांटते हैं और जुलूस निकालते हैं.