रांची: ईसाई धर्मावलंबियों के लिए आज का दिन बेहद खास होता है. आज पूरे विश्व में प्रभु ईसा मसीह की जयंती मनाई जा रही है. वहीं इस बार राजधानी रांची में इसाई धर्मावलंबियों के ओर से अलग अंदाज से क्रिसमस पर्व मनाया जा रहा है.
गरीबों को मिली मदद
क्रिसमस वैश्विक महामारी कोविड-19 बीच मनाया जा रहा है. रांची में कैथोलिक चर्च के आर्चबिशप गरीबों की सेवा कर इस पर्व को मना रहे हैं. उन्होंने कड़ी मेहनत कर लोगों की सेवा करने वाले लगभग 15 सौ से अधिक रिक्शा चालकों को भोजन कराया, साथ ही ठंड से बचाव के लिए कंबल वितरण कराया. कोरोना महामारी के दौरान ऑर्डिनरी बिशप किस तरीके से गरीबों की सेवा कर क्रिसमस मना रहे हैं. इसे लेकर ईटीवी भारत की टीम ने ऑर्डिनरी बिशप से बातचीत की.
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गरीबों पर पड़ा कोरोना का सबसे अधिक असर
ऑर्डिनरी बिशप थोओदोर मसकरेनस ने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी का दंश सबसे अधिक गरीब तबके के लोगों को झेलना पड़ रहा है, रिक्शा चालक बरसात, ठंड, गर्मी को झेलकर हर दिन लोगों की सेवा करते हैं, ऐसे लोगों की सेवा कर प्रभु यीशु की संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है, क्रिसमस पर्व के मौके पर गरीबों को खाना खिलाकर और गर्म कपड़े देकर सेवा करने का मौका मिला है.
मानव सेवा से बड़ा कोई सेवा नहीं
वहीं विधायक बंधु तिर्की ने कहा कि मानव सेवा से बड़ा कोई सेवा नहीं होता है, जात-पात से ऊपर उठकर लोगों की सेवा करना चाहिए, पर्व मनाने का अर्थ होता है कि लोगों के बीच खुशियां बांट कर खुशी मनाना, सभी समाज को इससे सीख लेनी चाहिए और गरीब जरूरतमंद का सेवा कर पर्व मनाना चाहिए.